दोस्तों, हमारे देश में बहुत से ऐसी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं होती हैं। जो समाज कल्याण के लिए बनाई जाती है, परंतु कई बार हम लोगों इनसे संबंधित जानकारी नहीं होती है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो देश कल्याण के लिए संस्था का निर्माण करना चाहते हैं, परंतु जब तक उन्हें यह नहीं पता होगा कि वह संस्था की शुरुआत कैसे कर सकते हैं? तब तक वह इस कार्य को करने में सक्षम नहीं हो सकेंगे। इसीलिए हमारे द्वारा आप सभी को इस लेख में नीचे What is an NGO? What is the full form of NGO? के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है।
दोस्तों, एनजीओ को समाज कल्याण के लिए बनाया जाता है। यह पूर्णतः बच्चों, पर्यावरण, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित होता है। हमारे देश में आप सभी को टॉप फाउंडेशन देखने को मिलेंगे। परंतु जब तक आप इन सब के बारे में जानकारी हासिल नहीं करेंगे। तब तक आपको एनजीओ के बारे में संपूर्ण जानकारी नहीं होगी। यही कारण है कि हमने आपको अपने लेख में विस्तार पूर्वक स्टेप बाय स्टेप NGO kya hota hai? NGO ki full form kya hoti hai? Foundation of NGOs? के बारे में बताया है। यदि आप इनसे संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े।
एनजीओ क्या है? (What is an NGO?)
एनजीओ एक सरकारी तथा गैर सरकारी संस्था होती है। एनजीओ एक ऐसा संगठन है। जो ना तो सरकार का हिस्सा होती है और ना ही पारंपरिक लाभ का व्यवसाय है। इस संगठन को वरिष्ठ नागरिक को, बच्चों, गरीबों और पर्यावरण आदि से संबंधित समस्याओं के समाधान हेतु बनाया गया है। इस पूरे संगठन को आमतौर पर आम नागरिकों के द्वारा ही सेट किया जाता है। यह एक गैर लाभकारी और गैर व्यवसाय है।
एनजीओ के द्वारा सामाजिक और आर्थिक रूप से उत्थान करने हेतु कार्य किए जाते हैं। एनजीओ का वित्तीय पोषण सरकारों, नींव और व्यवसाय आदि के द्वारा किया जा सकता है। भारत में आपको विभिन्न प्रकार के लोकप्रिय एनजीओ जैसे:- सम्मान फाउंडेशन, गूंज स्माइल फाउंडेशन, उदय फाउंडेशन, हेल्प एज इंडिया, सरगम संस्था और कर्मयोग आदि देखने को मिलेंगे। इसे समुदाय आधारित शहर स्तर, राष्ट्रीय स्तरीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर आदि पर आयोजित किया जा सकता है।
कभी-कभी एनजीओ को गैर लाभ संगठनों के रूप में भी देखा जा सकता है। एनजीओ पर ना तो किसी का स्वामित्व होता है और ना ही कोई लाभांश के रूप में लाभ या आय वितरित कर सकता है। एनजीओ वाले अपनी गतिविधियों से जो भी लाभ कमाते हैं। उन्हें पुनः अर्जित किया जाता है या फिर उन्हें उचित गैर-लाभकारी गतिविधियों पर खर्च किया जाता है। हमारे देश में आज के समय में ऐसे विभिन्न एनजीओ है, जो समाज कल्याण हेतु कार्य कर रहे हैं।
एनजीओ की फुल फॉर्म क्या होती है? (What is the full form of an NGO?)
एनजीओ एक प्रकार का संगठन है, परंतु एनजीओ के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के बाद भी आपके मन में यह सवाल अवश्य आया होगा कि What is the full form of NGO? इसीलिए हमारे द्वारा आप सभी को इसके बारे में यहां बताया गया है। एनजीओ की फुल फॉर्म Non Government organization होती है। जिसे हिंदी भाषा में “गैर सरकारी संगठन” कहते हैं। एनजीओ गैर लाभकारी, स्वैच्छिक नागरिक समूह है। इसका निर्माण हमारे समाज में बच्चों, नागरिकों, पर्यावरण और गरीबों आदि से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए किया गया है।
एनजीओ के फाउंडेशन? (NGO Foundation?)
दोस्तों, हम सब की तरह ही सामान्य नागरिक आमतौर पर इस प्रकार के संगठन की स्थापना करते हैं। इसके साथ साथ ही समुदाय आधारित, शहरी स्तर, राष्ट्रीय स्तर तथा आवश्यकता के अनुसार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका आयोजन कराया जाता है। सामान्य नागरिक के द्वारा बनाए गए यह संगठन पूर्ण रूप से सदस्यता शुल्क और दान के द्वारा वित्त पोषित होते हैं। इसके अलावा कुछ समय तक राज्य तथा केंद्र सरकार इनका वित्त पोषण करती है। एनजीओ मानव से संबंधित कल्याणकारी मुद्दे जैसे:- शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण आदि पर कार्य कर रहे हैं।
सरकारी नीति एनजीओ नियम और विभिन्न प्रकार की शर्तें स्वैच्छिक संगठनों के तहत आते हैं। इन्हीं नीतियों के तहत एनजीओ को विभिन्न प्रकार की विशेषताओं का पालन करना पड़ता है। एनजीओ पूर्ण रूप से निजी होते हैं। इसलिए इन्हें सरकार से अलग होना चाहिए। साथ ही सरकार का इन संस्थाओं पर कोई भी नियंत्रण नहीं होता है। यदि आप लोग जानना चाहते हो, कि हमारे देश में कौन से ऐसे एनजीओ संगठन है। जो बहुत अधिक प्रसिद्ध है। हमारे द्वारा आप सभी को यहां कुछ टॉप 5 एनजीओ के बारे में बताया जा रहा है-
1. चाइल्ड राइट्स एंड यू (Child right and you)
जैसा कि नाम से ही ज्ञात हो रहा है कि यह NGO बच्चों के अधिकारों को बचाने वाला है। एनजीओ के माध्यम बच्चों को बाल मजदूरी, बंधुआ मजदूरी, बाल विवाह और शिक्षा से दूर रखने से बचने के लिए बनाया गया है। चाइल्ड राइट एंड एजुकेशन की स्थापना 1879 ईस्वी में की गई थी l
2. फाउंडेशन दें (give foundation)
एक प्रकार का ऑनलाइन फाउंडेशन है। जिसके द्वारा ऑनलाइन माध्यम से फंड जुटाने में मदद की जाती है। जिससे कोई भी ऑर्गेनाइजेशन अपने द्वारा होने वाली मदद करता हैl
3. गूंज (Goonj)
गूंज जिसका अर्थ होता है। आवाज अर्थात यह 1999 में चला गया एक आपदा राहत, मानवीय सहायता और सामुदायिक विकास के लिए बनाया गया एक मंच है।
4. हेल्प एज इंडिया (Help age india)
हेल्पएज इंडिया की शुरुआत 1960 में की गई थी। इसके द्वारा भारत मे वंचित वृद्ध व्यक्ति के जीवन के गुणवत्ता को बेहतर बनाने तथा उनके जीवन को संवारने हेतु काम किया जा रहा है।
5. केसी महिंद्र एजुकेशन ट्रस्ट (KC mahindra education trust)
एजुकेशन फाउंडेशन का मुख्य काम बच्चों के लिए शिक्षा की प्रबंध करना है। जिसके साथ साथ जरूरतमंद बच्चों के लिए उनकी पढ़ाई के लिए किताबों, छात्रवृत्ति और ऋण आदि की व्यवस्था करना है। केसी महिंद्र एजुकेशन ट्रस्ट की स्थापना आजादी के तुरंत बाद सन 1953 ईस्वी में की गई थी l इस प्रकार से एनजीओ को शुरू करने से लेकर एक बात तो जरूर समझ आ गई होगी कि एनजीओ भी एक कंपनी के तरह होने वाले सभी कामों को जैसे:- रिटर्न को फाइल करना, समय-समय पर एनजीओ के सभी खातों का ब्यौरा सरकार को देना, और भी बहुत से कार्य कंपनी के जैसे होते हैं।
यदि आपको इन कार्यों के बारे में नहीं पता है, तो आपको एक एनजीओ शुरू करने में और उसके बाद उसे चलाने में बहुत ही दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। इसमे भी एक कंपनी के जैसे ही पद सृजित करने पड़ते हैं। इसमें भी प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट, सेक्रेटरी जनरल, सेक्रेटरी और मेंबर की संख्या को निश्चित करना होता है। जिसके बाद आपको एक ड्राफ्ट तैयार करना होता है। जिसमें आप सरकार को बताएंगे, कि आप यह एनजीओ क्यों शुरू कर रहे हैं? ड्राफ्ट में आपको उसका नाम और उससे संबंधित होने वाले कार्यों का पूरा विवरण तैयार करके उन्हें देंगे। जिसके बाद आपको NGO रजिस्ट्रेशन कराना होगा l
दोस्तों, भारत में बहुत सी गैर सरकारी संगठन है। जिनकी कुछ विशेषताएं और एक विशेष उद्देश्य होता है। गैर सरकारी संगठन एक स्वैच्छिक समूह होता है। इन समूह को समान विचारधारा वाले लोगों के द्वारा बनाया जाता है। जो सभी समाज की सेवा करने के इच्छुक होते हैं। वही स्वायत्त निकायों के रूप में कार्य करते हैं।
इसमें नाम मात्र को भी सरकारी हस्तक्षेप नहीं होता है। गैर सरकारी संगठनों के पास अपने ही उद्देश्य के आधार पर नियमों, विनियमों और नीतियों का सेटअप होता है। एनजीओ किसी भी प्रकार की प्रॉफिट मेकिंग या फिर प्रॉफिट शेयरिंग कंपनी नहीं होती है। बल्कि यह कंपनियां हमारे समाज को सशक्त और बेहतर बनाने में सक्षम होती हैं। यह कंपनियां समाज के दान के माध्यम से ही धन का सृजन करती हैं।
1982 के अनुसार एक या एक से अधिक लोगों से बना एक ट्रस्ट गैर सरकारी संगठन के रूप में हस्ताक्षर करने हेतु सक्षम हो सकता है। एसोसिएशन कंपनी अधिनियम 1956 के तहत किसी भी कंपनी, क्लब या एसोसिएशन से मिलकर पंजीकरण करके एक एनजीओ के रूप में कार्य कर सकते हैं। 1860 के तहत सोसाइटी और रजिस्ट्रार से सम्पर्क करके एक एनजीओ के रूप में साइन अप करने सक्षम हो सकता है।
भारत में एनजीओ पंजीकरण करने का तरीका? (Type to NGO registration in india?)
एनजीओ समाज कल्याण के लिए कार्य करता है। जो की सभी कानूनी संस्थाओं को कवर करता है। यह एनजीओ विभिन्न प्रकार के धर्मार्थ और परोपकारी उद्देश्यों के साथ कार्य करते हैं। एक गैर सरकारी संगठन ट्रस्ट भारतीय कानूनों के अनुसार धारा 25 के तहत कंपनियों और सोसाइटी के रूप में कार्य कर सकता है। भारतीय कानून के अनुसार यह एक गैर सरकारी संगठन संस्था है और यह धारा 25 के तहत कार्य करती है।
इसमें पंजीकरण करने के लिए आपको विभिन्न प्रकार से तरीके देखने को मिलते हैं। गैर सरकारी संगठन पंजीकरण निम्न प्रकार से होता है- पंजीकरण पर भरोसा करें, गैर सरकारी पंजीकरण धारा 8 के तहत कंपनी निगमन ट्रस्ट पंजीकरण – जब संपत्ति का मालिक सहमत हो। की संपत्ति से किए जाने वाले सभी कार्य समाज के उत्थान के लिए किए जाएंगे। ट्रस्ट के रचनाकार मुख्य रूप से उन संपत्तियों का उपयोग करते है। जिससे समाज को सशक्त बनाया जा सकता है। आमतौर पर यह निश्चित लाभार्थी नहीं होते हैं।
NGO के फंडिंग कैसे करते है? (How to do NGOs funding?)
एनजीओ विभिन्न प्रकार के वित्त व्यय हेतु विभिन्न प्रकार के स्रोतों पर निर्भर होता है। NGO का वार्षिक बजट करोड़ों में होता है। इसके लिए इसकी सदस्यता समूह के बहुत से लोग फंडिंग करते हैं। साथ ही साथ यह अपने अनुदान स्रोतों किसी प्रकार की सेवाओं की बिक्री, एनजीओ द्वारा चलाई जा रही निजी कंपनियों द्वारा प्राप्त लाभ, स्थानीय और राज्य और संघीय एजेंसी के द्वारा दिया जाने वाला अनुदान, साथ ही साथ बहुत से लोगों के द्वारा दिया जाने वाला गुप्त दान आदि इसकी फंडिंग में शामिल होते हैं। अनुदान राशि में ऐसे लोग भी शामिल होते हैं।
जो समाज सेवा करने के लिए और साथ ही साथ अपने इनकम टैक्स को बचाने के लिए एनजीओ में दान करते हैं। पिछले कुछ दशकों में एनजीओ ने सामाजिक आर्थिक क्षेत्र में बहुत प्रगति की गई है। इसके माध्यम से लाखों लोगों को गरीबी से बाहर लाया गया है। साथ ही साथ साक्षरता दर लगभग तीन गुना हो चुकी है और लोगों के पास स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच है। भारत के अंतर्गत उपस्थित गैर सरकारी संगठन विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को करने में सक्षम होते है। जिनमे से अधिकांश का उद्देश्य सीमित साधनों वाले समुदाय में सामाजिक आर्थिक सुधार करना होता है।
एनजीओ क्या है? इसकी फुल फॉर्म क्या होती है? इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs)
Q :- 1. एनजीओ क्या होता है?
Ans :- 1. एनजीओ एक प्रकार का संगठन होता है। जिसके अंतर्गत सरकार का कोई भी हस्तक्षेप नहीं होता है। यह संगठन समाज कल्याण के प्रति कार्य करने में सक्षम होते हैं। इन्हें कोई भी सामान्य लोग स्थापित करने में सक्षम होते हैं।
Q :- 2. एनजीओ क्यों जरूरी है?
Ans :- 2. समाज कल्याण हेतु लोगों के द्वारा जो कार्य किए जाते हैं। उनके लिए उन्हें एक संगठन का निर्माण करना होता है। यदि समाज में नागरिकों, गरीबों वृद्ध और पर्यावरण आदि से संबंधित समस्याओं का समाधान करना है। तो इन संगठनों की विशेष आवश्यकता होती है।
Q :- 3. एनजीओ की फुल फॉर्म क्या होती है?
Ans :- 3. एनजीओ की फुल फॉर्म Non government Organization होती है, जिसे हिंदी भाषा मे गैर सरकारी संगठन के नाम से जानते है।
Q :- 4. भारत में टॉप फाइव एनजीओ कौन से हैं?
Ans :- 4. भारत में उपस्थित टॉप 5 एनजीओ चाइल्ड राइट्स एंड यू, फाउंडेशन दे, गूंज, हेल्प एज इंडिया और केसी महिंद्र एजुकेशन ट्रस्ट इनके अलावा भी भारत में बहुत थी एनजीओ उपस्थित है।
Q :- 5. भारत में एनजीओ हेतु कैसे पंजीकरण कराएं?
Ans :- 5. यदि आप भारत में एनजीओ हेतु पंजीकरण कराना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा आप सभी को ऊपर देख में इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है।
Q :- 6. एनजीओ के लिए फंडिंग कैसे होती है?
Ans :- 6. एनजीओ पूर्ण रूप से दान के माध्यम से वित्त पोषण करता है। कभी-कभी राज्य सरकार और केंद्र सरकार के माध्यम से भी इन्हें वित्तीय सहायता प्राप्त होती है।
Q :- 7. भारत का सबसे पहला एनजीओ कौन सा था?
Ans :- 7. भारत का सबसे पहला एनजीओ द बंगाल होम इंडस्ट्रीज एसोसिएशन था।
निष्कर्ष (Conclusion):- हमारे द्वारा आप सभी को अपनी ब्लॉक पोस्ट की सहायता से What is an NGO? What is the full form of NGO? Foundation of NGOs? के बारे में बताया गया है। यदि आप सब लोग एनजीओ से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के इच्छुक हैं, तो आप सभी को हमारा यह लेख बेहद पसंद आएगा। साथ ही साथ आपके लिए यह बहुत ही लाभदायक साबित भी होगा। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा ऊपर बताए गयी संपूर्ण जानकारी पसंद आई होगी। यदि आपको इससे संबंधित कोई भी समस्या उत्पन्न होती है, तो आप हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताये। साथ ही इस लेख को अपने सभी जरूरतमंद दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ शेयर करना ना भूले।