निर्वाचन आयोग क्या है? स्थापना, सरंचना और महत्व

दोस्तों, भारतीय निर्वाचन आयोग के बारे में कौन नहीं जानता है। हमारे पूरे देश में इसका एक अलग ही स्थान है, परंतु बहुत से ऐसे युवा है, जिन्हें आज तक निर्वाचन आयोग के बारे में पूरी जानकारी नहीं पता होती है। उन लोगों को नहीं पता होता कि निर्वाचन आयोग के द्वारा कौन-कौन से कार्य किए जाते हैं तथा किस प्रकार से किए जाते हैं? परंतु यदि आप भारत देश में रहते हैं, तो आपको इसकी संपूर्ण जानकारी होना आवश्यक है। इसीलिए हमारे द्वारा आप सभी को इस लेख में Nirwachan aayog kya hota hai? इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी बताई गई है। यह संपूर्ण जानकारी आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होगी।

दोस्तों, यह बात तो आप सभी जानते होंगे कि निर्वाचन आयोग के द्वारा ही भारत में हर प्रकार के चुनाव कराए जाते हैं, परंतु आप लोगों को यह नहीं पता होगा कि निर्वाचन आयोग किस प्रकार से चुनाव कराती है तथा उसके कौन-कौन से नियम और कानून है? यदि आप लोग भी निर्वाचन आयोग के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह जानकारी आप सभी के लिए बहुत फायदेमंद होने वाली है क्योंकि हमने आपको अपने इस लेख में What is the Election commision? Structure of Election commision? के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक पढ़े।

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निर्वाचन आयोग क्या होता है? (What is the Election commission?)

दोस्तों, बहुत से लोगों को निर्वाचन आयोग के बारे में कोई भी जानकारी नहीं होती है। इसलिए हमारे द्वारा सबसे पहले उन्हें What is the Election commision? के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। दोस्तों यह एक प्रकार की स्वतंत्रता संवैधानिक संस्था होती है। जिसका गठन भारत सरकार द्वारा 25 जनवरी 1950 में किया गया था। इस संस्था के द्वारा देश में होने वाले विभिन्न प्रकार के चुनाव का आयोजन कराया जाता है। यही कारण है कि निर्वाचन आयोग हमारे देश में एक विशेष स्थान रखता है।

निर्वाचन आयोग क्या है स्थापना, सरंचना और महत्व

दोस्तों, जिस देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था होती है। उसमें निर्वाचन एवं मतदान एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य होता है। जिसके माध्यम से देश की जनता अपने इच्छा अनुसार देश का प्रतिनिधि चुनने में सक्षम होती है। इसी के तहत देश में जनता की इच्छा से सरकारी स्थापित होती हैं, परंतु बिना निर्वाचन आयोग के ऐसा करना संभव नहीं था। यही कारण है कि निर्वाचन आयोग को स्थापित किया गया। ताकि यह देश में होने वाले निर्वाचन का कार्यक्रम आयोजित करें।

निर्वाचन आयोग के द्वारा प्रमुख कार्य चुनाव को आसानी पूर्वक संपन्न करना तथा उसमें किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न ना करना होता है। दोस्तों, निर्वाचन आयोग को चुनाव आयोग के नाम से भी जाना जाता है। जिसे अंग्रेजी में Election commision कहते है। जिसके द्वारा राज्य एवं संघ क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया का संचालन करना होता है, इसके द्वारा ही भारत देश में लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभा, राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति चुनाव का संचालन किया जाता है।

निर्वाचन आयोग की स्थापना? (Establishment of Election commission?)

दोस्तों, निर्वाचन आयोग क्या है? इसके बारे में आप सभी जान गए हैं, परंतु निर्वाचन आयोग से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने से पहले आपको इसके इतिहास की थोड़ी जानकारी होनी चाहिए। इसीलिए हम आपको यहां बताने जा रहे हैं कि निर्वाचन आयोग की स्थापना कब और कैसे हुई थी? दोस्तों हम आपको बता दें कि भारतीय संविधान के अंतर्गत उपस्थित भाग 15 पूर्ण रूप से चुनाव से संबंधित है।

इसके अंतर्गत चुनाव की प्रक्रिया को पूर्ण करने हेतु एक आयोग की स्थापना करने की बात की गई है। इसीलिए देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करवाने हेतु भारतीय निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 में हुई थी। यह एक प्रकार का स्वतंत्र एवं स्थाई निकाय है।

निर्वाचन आयोग का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 324 में भी किया गया है। जिसके तहत भारत के अंतर्गत संपूर्ण चुनाव कराने हेतु निर्वाचन आयोग जिम्मेदार होता है। अनुच्छेद 324 से लेकर 329 तक में निर्वाचन आयोग और इसके सदस्यों की शक्तियां, कार्यकाल, पात्रता आदि से संबंधित प्रावधान है।

निर्वाचन आयोग की संरचना? (Structure of Election commission?)

दोस्तों, अब हमारे द्वारा यहां आपको निर्वाचन आयोग की संरचना के बारे में संपूर्ण जानकारी बताई जा रही है। यह संपूर्ण जानकारी निम्न प्रकार है-

  • इससे पहले निर्वाचन आयोग के अंतर्गत केवल एक चुनाव आयुक्त का प्रावधान था, परंतु राष्ट्रपति की एक सूचना के द्वारा इसे 16 जनवरी 1989 को तीन सदस्यीय बनाया गया।
  • इसके कुछ समय पश्चात इसे पुनः एक सदस्यीय आयोग कर दिया गया। इसके बाद इसे पुनः 1 अक्टूबर 1993 में तीन सादस्यीय आयोग बना दिया गया।
  • तब से ही निर्वाचन आयोग में आप सभी को एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्त देखने को मिलते हैं।
  • दोस्तों, निर्वाचन आयोग का सचिवालय नई दिल्ली में स्थित है।
  • दोस्तों, जो व्यक्ति आईएएस रैंक अधिकारी होता है, उसे निर्वाचन आयोग का मुख्य अधिकारी कहा जाता है। इस मुख्य अधिकारी का चयन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है साथ ही साथ चुनाव आयुक्त की नियुक्ति भी राष्ट्रपति ही करते हैं।
  • निर्वाचन आयोग का कार्यकाल 6 वर्ष या फिर 65 वर्ष की आयु तक होता है। इन दोनों में से जो भी पहले हो जाता है, उसी पर व्यक्ति का कार्यकाल खत्म हो जाता है।
  • निर्वाचन आयोग में उपस्थित सदस्यों को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के समक्ष उपाधि मिलती है। इसके साथ-साथ उन्हें समान वेतन और भत्ते की भी प्राप्ति होती है।

भारत निर्वाचन आयोग का महत्व? (Importance of government Election commission?)

दोस्तों, भारत निर्वाचन आयोग अपने आप में एक बहुत ही अहम हिस्सा है। यदि आप लोग जानना चाहते हैं कि भारत निर्वाचन आयोग का महत्व क्या होता है? तो हमारे द्वारा आप सभी को नीचे Importance of government Election commission? के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। यह जानकारी निम्न प्रकार है-

  • दोस्तों, निर्वाचन आयोग के द्वारा 1952 से मुख्य तौर पर राष्ट्रीय तथा राज्य चुनावों को सफलतापूर्वक संचालित कराया गया है। इस काम के साथ-साथ निर्वाचन आयोग के द्वारा मतदान के अंतर्गत अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी को सुनिश्चित करने का काम भी निर्वाचन आयोग के द्वारा किया जाता है।
  • निर्वाचन आयोग के द्वारा ही चुनाव में हर व्यक्ति के लिए समानता, स्वतंत्रता और निष्पक्षता को स्थापित करने का कार्य किया जाता है।
  • निर्वाचन आयोग की एक ऐसा आयोग है, जिसके द्वारा विश्वनियता, पारदर्शिता, निष्पक्षता, अखंडता जवाबदेही और कुशलता के उच्चतम स्तर के साथ चुनाव आयोजित करने का कार्य किया जाता है।
  • निर्वाचन आयोग के द्वारा चुनावी प्रक्रिया के दौरान हितधारकों और राजनीतिक दलों के साथ हमेशा रहा जाता है।
  • निर्वाचन आयोग का मुख्य तौर पर हितधारकों, मतदाताओं, राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के बीच में चुनावी शासन और चुनावी प्रक्रिया से संबंधित जागरूकता पैदा करने का कार्य किया जाता है।
  • साथ ही साथ निर्वाचन आयोग लोगों में चुनाव प्रक्रिया के तहत विश्वास को बढ़ाने और उसे मजबूती प्रदान करने का कार्य करता है।
  • हमारे द्वारा आप सभी को ऊपर निर्वाचन आयोग के महत्व की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान कर दी गई है।

पृष्ठभूमि (Background)

दोस्तों,आइए निर्वाचन आयोग की पृष्ठभूमि से संबंधित कुछ बातें जानने का प्रयास करते हैं। यह संपूर्ण जानकारी निम्न प्रकार है-

  • दोस्तों, जैसा कि हमने आपके ऊपर भी बताया है कि भारतीय संविधान के भाग 15 को पूर्ण रूप से चुनाव से संबंधित कर दिया गया है। जिसके अंतर्गत चुनाव के लिए गठित आयोग की बात कही गई है।
  • 25 जनवरी 1950 को निर्वाचन आयोग की स्थापना भारतीय संविधान के तहत ही की गई थी।
  • निर्वाचन आयोग के सदस्यों की पत्रताओं, कार्य और शक्ति आदि के बारे में आप सभी को भारतीय संविधान में 325 से लेकर 329 तक के अनुच्छेद में संपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है। जिसे भाग 15 के अंतर्गत शामिल किया गया है।
  • इस प्रकार हम कह सकते हैं कि निर्वाचन आयोग अस्तित्व में आया।

निर्वाचन आयोग के नियम (law of Election commission?)

दोस्तों, निर्वाचन आयोग से संबंधित कुछ नियम भी बनाए गए हैं। परंतु इन नियमों के बारे में बहुत ही कम जानकारी लोगों को जानकारी होती है। यदि आप लोग भी इसके नियम की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा नीचे आपको इसकी जानकारी बिंदुओं के माध्यम से पहुंचाई गई है। यह संपूर्ण जानकारी निम्न प्रकार है-

  • यदि कोई व्यक्ति किसी पार्टी की विचारधारा से सहमत होता है। साथ ही साथ उसके साथ रहकर उसका समर्थन करता है, तो वह व्यक्ति उस पार्टी का झंडा व स्टिकर नहीं लग सकता है।
  • यदि कोई व्यक्ति किसी पार्टी के समर्थक हेतु बल्ब में एसएमएस कर देता है। तो निर्वाचन आयोग के द्वारा उस व्यक्ति पर कार्यवाही की जाने की पूर्ण संभावना होती है।
  • किसी भी पार्टी का व्यक्ति लाउडस्पीकर के माध्यम से प्रचार नहीं कर सकता है।
  • ऊपर दिए गए सभी नियम निर्वाचन आयोग के द्वारा बनाए गए हैं। जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है अन्यथा पालन का उल्लंघन करने पर कार्यवाही भी की जा सकती है।

निर्वाचन आयोग के कार्य व अधिकार? (Work and rights of Election commission?)

दोस्तों, अब हम आपको निर्वाचन आयोग के कार्य व अधिकार के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं क्योंकि निर्वाचन आयोग के द्वारा विभिन्न प्रकार के जिम्मेदारी भरे कार्य किए जाते हैं और उनके पास बहुत से अधिकार होते हैं। जिनके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं, परंतु आज हम आप सभी को इसकी संपूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। इसलिए हमारे द्वारा नीचे आपको बिंदुओं के माध्यम से इसके कार्य व अधिकार की जानकारी दी गई है-

  • दोस्तों, निर्वाचन आयोग का मुख्य कार्य राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्य विधानसभा और सांसद अन्य के चुनाव का पर्यवेक्षण, निर्देशन तथा आयोजन कराने का होता है।
  • निर्वाचक नामावली तैयार करने का भी संपूर्ण कार्य निर्वाचन आयोग का होता है।
  • निर्वाचन आयोग के द्वारा सभी राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन और मान्यता प्रदान करने का संपूर्ण कार्य करता है।
  • निर्वाचन आयोग के द्वारा ही राजनीतिक दलों का राज्य और राष्ट्रीय स्तर के रूप में वर्गीकरण किया जाता है।
  • निर्वाचन आयोग के द्वारा राष्ट्रपति और राज्यपाल के समक्ष संसद या विधानसभा की योग्यता के लिए अपनी राय प्रस्तुत की जाती है।
  • निर्वाचन आयोग के पास यह अधिकार होता है, कि वह गलत निर्वाचन उपायों का उपयोग करने वाले व्यक्तियों को अयोग्य घोषित कर सके।
  • दोस्तों, हमारे द्वारा आप सभी को ऊपर निर्वाचन आयोग के अधिकार व उनके कार्यों की संपूर्ण जानकारी दे दी गई है।

निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता? (Freedom of Election commission?)

दोस्तों, निर्वाचन आयोग को निष्पक्ष तौर पर चुनाव कराने के लिए विधायिका से स्वतंत्र होना आवश्यक हो जाता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग को कुछ स्वतंत्रताएं दी गई है। ताकि निर्वाचन आयोग बिना किसी दबाव में निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने में सक्षम हो सके। संविधान के अंतर्गत निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता से संबंधित निम्नलिखित प्रावधान दिए गए हैं। जिनके बारे में हमारे द्वारा आपको नीचे बताया गया है-

  • निर्वाचन आयोग में आयुक्त को निर्धारित पदावधि में चुनाव संपन्न कराने की स्वतंत्रता प्रदान की गई है। साथ ही साथ उन्हें इस प्रकार पद से निष्कासित किया जाता है जिस प्रकार उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों को हटाया जाता है।
  • निर्वाचन आयुक्त को केवल उनके दुर्व्यवहार और अक्षमता के आधार पर ही संसद के दोनों सदनों में विशेष बहुमत पारित करके हटाया जा सकता है।
  • निर्वाचन आयुक्त की सेवा की शर्तों में उनकी नियुक्ति हो जाने के बाद में किसी भी प्रकार का कोई भी अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
  • इसके अलावा यदि निर्वाचन आयोग के अंतर्गत उपस्थित अन्य निर्वाचन आयुक्त और प्रादेशिक आयुक्त को केवल मुख्य निर्वाचन अधिकारी की सिफारिश पर ही हटाया जाता है।
  • ऊपर दी गई है संपूर्ण स्वतंत्रता निर्वाचन आयुक्त को दी गई है।

निर्वाचन आयुक्त की पदावधि, वेतन एवं भत्ते? (Term of office , salary and allowances of the election commission?)

दोस्तों, अब आपको हमारे द्वारा निर्वाचन आयुक्त की पदावधि, वेतन एवं भत्ते के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। दोस्तों मुख्य निर्वाचन आयुक्तों और अन्य निर्वाचन आयुक्तों के पास समान अधिकार होते हैं। इन सबके वेतन भत्ते तथा अन्य संबंधित अनुलाभ भी एक समान ही होते हैं, उनके वेतन, भत्ते और सेवाएं आदि बिल्कुल उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के बराबर होते हैं। 

दोस्तों, निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष तथा 65 वर्ष की आयु तक होता है। इसमें से जो भी पहले हो जाता है, निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल समाप्त हो जाता है। हालांकि निर्वाचन आयुक्त किसी भी समय पर त्यागपत्र देने में सक्षम होते हैं अथवा उन्हें पद से हटाया भी जा सकता है। चुनाव से संबंधित किसी भी फैसले में यदि कोई मतभेद होता है, तो निर्वाचन आयोग के द्वारा संपूर्ण निर्णय बहुमत के आधार पर लिए जाते हैं।

निर्वाचन आयोग क्या होता है? इससे संबंधित प्रश्नों व उत्तर (FAQs):-   

Q:- 1. निर्वाचन आयोग क्या होता है?

Ans:- 1. भारतीय निर्वाचन आयोग का एक अलग ही सम्मानित स्थान होता है। यह हमारे देश में होने वाले चुनाव में अपनी अहम भूमिका निभाता है। इस आयोग के द्वारा ही हमारे भारत देश में संपूर्ण चुनाव को संचालित किया जाता है। ताकि मतदान बहुत ही आसानी पूर्वक संपन्न हो सके। निर्वाचन आयोग एक प्रकार की स्वतंत्रता संवैधानिक संस्था है।

Q:- 2. भारतीय संविधान के अंतर्गत निर्वाचन आयोग की बात कहां की गई है?

Ans:- 2. दोस्तों, भारतीय संविधान के भाग 15 को पूर्ण रूप से निर्वाचन आयोग से संबंधित कर दिया गया है। इसके अंतर्गत ही चुनाव की प्रक्रिया के लिए आयोग बनाने की बात की गई थी। आप सभी को संविधान के अनुच्छेद 324 से लेकर 329 तक निर्वाचन आयोग के सदस्यों की शक्तियों, पात्रता और कार्यकाल आदि की जानकारी प्राप्त होगी। 

Q:- 3. निर्वाचन आयोग की स्थापना कब की गई थी?

Ans:- 3. दोस्तों, निर्वाचन आयोग चुनाव से संबंधित संस्था है। जिसका गठन 25 जनवरी 1950 में हुआ था। यह आयोग पूर्ण रूप से चुनाव से संबंधित है। इसलिए हम इसे चुनाव आयोग के नाम से भी जानते हैं। जिसे इंग्लिश में Election commission कहा जाता है। इसका मुख्य कार्य संघ और राज्य के चावन को संपन्न करना होता है।

Q:- 4. निर्वाचन आयोग की आवश्यकता क्यों पड़ी?

Ans:- 4. दोस्तों, निर्वाचन आयोग के द्वारा निष्पक्ष रूप से चुनाव कराए जाएं, साथ ही साथ निर्वाचन आयोग यह भी सुनिश्चित करता है कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न हो और चुनाव बहुत ही आसानी पूर्वक हो जाए। इसीलिए हमें निर्वाचन आयोग की आवश्यकता पड़ी। जिस कारण इसे बनाने की बात की गई और इसका गठन किया गया।

Q:- 5. निर्वाचन आयोग के कार्य व अधिकार क्या है?

Ans:- 5. दोस्तों, निर्वाचन आयोग के द्वारा विभिन्न प्रकार के जिम्मेदारी भरे कार्य किए जाते हैं और निर्वाचन आयोग के पास खुद के कुछ अधिकार भी होते हैं। इसीलिए हमारे द्वारा आप सभी को इसकी संपूर्ण जानकारी लेख में बिंदुओं के माध्यम से बताई गई है। जहां से आप इसके कार्य व अधिकार की संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Q:- 6. निर्वाचन आयोग के सदस्यों की पदावधि कब तक होती है?

Ans:- 6. दोस्तों, निर्वाचन आयोग के अंतर्गत मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों सदस्यों की पदावधि 6 वर्ष तथा 65 वर्ष की आयु तक होती है। जो भी पहले समाप्त हो जाता है, निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल समाप्त हो जाता है। साथ ही वह किसी भी समय त्यागपत्र देने में सक्षम होते हैं अथवा उन्हें हटाया भी जा सकता है।

Q:- 7. निर्वाचन आयोग के सदस्यों का वेतन कितना होता है?

Ans:- 7. निर्वाचन आयोग के सदस्यों का वेतन उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के बराबर होता है। साथ ही इनको भत्ते और अन्य सेवाएं भी सामान मिलती हैं। दोस्तों, यदि चुनाव से संबंधित किसी भी फैसले में कोई मतभेद होता है। तो निर्वाचन आयोग के द्वारा पूर्ण रूप से निर्णय मतों के आधार पर लिया जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion):-

दोस्तों, हमारे द्वारा आप सभी को इस लेख के अंतर्गत निर्वाचन आयोग से संबंधित जानकारी बताई गई है। हमने आपको इस देश में Nirwachan aayog kya hota hai? Nirwachan aayog ke niyam? Nirwachan aayog ki sanrachna? आदि के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है।

जिन लोगों को निर्वाचन आयोग के बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी, उन सभी को हमारे इस लेख की सहायता से संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी। हम उम्मीद करते हैं कि आप सभी को हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी पसंद आई हो, साथ ही साथ इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए इस लेख को अपने सभी दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ अवश्य शेयर करें।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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