जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है। हर माता-पिता का यही प्रयास रहता है कि उनका बच्चा पढ़ाई लिखाई में बहुत अच्छा है। वह हर एक कांसेप्ट को बहुत अच्छी प्रकार से समझे अपनी जिंदगी बहुत अच्छे से चला पाए हर माता-पिता का प्रयास होता है कि उनके बच्चे को एक अच्छी शिक्षा प्रदान हो परंतु वह अपने बच्चों को पढ़ाई में तेज कैसे बना सकते हैं (Padhai me tej kaise bane )उसके विषय में उन्हें ज्ञान नहीं होता।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको पढ़ाई में बच्चों को तेज बनाने के 15 तरीकों (Padhai me tej banane ke tarike) के विषय में बताएंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
पढ़ाई जरूरी क्यों हैं ?
वैसे तो आज के समय में पढ़ाई (Padhai ki zaroorart) का महत्व हर व्यक्ति जानता है। परंतु फिर भी हम आपको यह बताने का प्रयास करेंगे कि आज के समय में पढ़ाई महत्वपूर्ण क्यों है।
हमारा मानना यह है कि आज के समय में पुराने समय से ज्यादा पढ़ाई महत्वपूर्ण है क्योंकि आज के समय में हर व्यक्ति पढ़ा लिखा है। जिस व्यक्ति को पढ़ना लिखना नहीं आता उसे बिल्कुल कमजोर माना जाता है। वह कुछ भी कर पाने में सक्षम नहीं है इसलिए पढ़ना लिखना बहुत जरूरी है जो व्यक्ति अनपढ़ होता है।
उस बार-बार ठगे जाने की आशंका बनी रहती है। पढ़ लिखकर व्यक्ति अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल कर सकता है और समाज में कम से कदम मिलाकर चल सकता है परंतु यदि आप अनपढ़ हैं। तो आप समाज की बातों को समझ नहीं पाएंगे। और हर समय अपने हर कार्य के लिए किसी दूसरे के ऊपर आपको निर्भर रहना पड़ेगा।
पढ़ाई करने से व्यक्ति के अंदर जागरूकता आई है क्या सही है और क्या गलत है उसे सारी बातों का ज्ञान हो जाता है। वह ठीक प्रकार से समाज के क्रियाकलापों को समझने लगता है। और समय के अनुसार बदलना सीख जाता है इसलिए हर व्यक्ति को पढ़ाई करना बहुत आवश्यक है।
पढ़ाई करने के तरीका -Padhai karne ke tarika
पढ़ाई करने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका है (Padhai karne ke tarika) कि आप किसी एक सुनिश्चित स्थान का चयन कर लें थोड़े-थोड़े समय के बाद उसे स्थान को बदलते रहे। जिससे आपको बार-बार यह ना लगे कि आप बार-बार एक ही चीज को दोहरा रहे हैं।
हमेशा जितना भी समय आप पढ़ाई में दे रहे हैं। उसे पूरे ध्यान से दिन आप थोड़े ही समय में बहुत कुछ याद कर पाते हैं। यदि आप सिर्फ किताब लेकर बैठे हैं तो यह आपके और आपका समय का नुकसान है।
इसलिए पढ़ाई को पूरे ध्यान और मन लगाकर पढ़ना चाहिए ऐसे स्थान का चयन करना चाहिए। जिससे आसपास कहीं भी शोर ना होता हो जो आपकी पढ़ाई में बाधा उत्पन्न ना करें।
पढ़ाई के लिए रूटीन कैसे बनाए (How make a routine for study)
किसी भी बच्चे को पढ़ाई के (Padhai karne ka routine kaise banaye) दौरान अपना रूटीन बनाना बहुत ज्यादा आवश्यक है। पढ़ाई का रूटीन बनाने से बच्चों के पढ़ाई करने का और आराम करने का समय सुनिश्चित हो जाता है।
जिससे उसे अपने समय का ज्ञात रहता है कि किस समय उसे क्या करना है। अगर आप 10th क्लास में है या किसी कंपटीशन की तैयारी कर रहे हैं तो आपको 5 से 6 घंटे दिन में जरूर पढ़ना चाहिए।
इसके अलावा आपको अपने विषय पर दो-तीन घंटे अवश्य देने चाहिए और अपने सभी कंसेप्ट को क्लियर करना चाहिए। बच्चों को कभी भी रत्न पर फोकस ना करके चीजों को समझाने पर ध्यान देना चाहिए। जिस चीज उन्हें लंबे समय तक याद रहती हैं।
पढ़ाई में तेज होने के 15 तरीके (Padhai karne ke tarika)
1.खुद को पहचाने :
सबसे पहले पढ़ाई शुरू करने के दौरान बच्चों को खुद को पहचान आना चाहिए। उसे खुद से यह सवाल पूछना चाहिए कि वह अपने जीवन में क्या करना चाहता है उसकी किस विषय में रुचि है वह अपने जीवन में क्या बनना चाहता है।
यदि बच्चे को इन सभी सवालों के उत्तर मिल जाते हैं तो वह जिस भी दिशा में कदम बढ़ाएगी। उसे उसे दिशा में रुचि आएगी और वह पढ़ाई के दौरान बोर नहीं होगा। यदि बच्चा कोई ऐसी पढ़ाई पढ़ रहा है।
जिसमें उसे बिल्कुल भी रुचि नहीं है तो थोड़े समय के बाद बच्चे को यह आवास होने लगेगा कि उसे उसकी पढ़ाई बोझ लग रही है और वह आगे उसे नहीं कर सकता।
इसलिए बच्चों को पहले से ही ऐसे रास्ते का चयन करना चाहिए जो उसकी सफलता की ओर अग्रसर करें। जब तक वह अपने लक्ष्य को प्राप्त न कर ले तब तक उसे लक्ष्य पर डाटा रहे। इससे बच्चों को अपने जीवन में प्रेरित होने की प्रेरणा मिलती है।
2.समय सारणी का पालन करें :
किसी भी व्यक्ति के जीवन में यदि ध्यान से देखा जाए तो सबसे महत्वपूर्ण उसका समय है। यदि समय एक बार बीत जाता है तो वह दोबारा वापस नहीं आता परंतु व्यक्ति को इस बात का आभास यदि देरी से हो तो सब कुछ खत्म हो जाता है।
इसलिए एक बच्चे को अपने जीवन में बहुत अनुशासित रहना चाहिए। उसे अपनी समय सारणी का हमेशा पालन करना चाहिए। जो समय उसने अपनी पढ़ाई के लिए बनाया है उसे कभी भी नहीं भूलना चाहिए।
उसे हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि चाहे कुछ भी हो जाए परंतु इस समय के अंदर उसे अपनी पढ़ाई को पूरा करना है।
समय सारणी बनाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यदि आप कमजोर हैं तो आप सभी विषयों को बराबर समय दें। परंतु यदि आप पढ़ने में अच्छे हैं और आपका कोई विषय बहुत अच्छा है।
तो आप उसे विषय को कम समय देकर अपने कमजोर विषय को ज्यादा समय देकर उसे सुधार सकते हैं इससे आप धीरे-धीरे अपनी पढ़ाई में तेज बन सकते हैं।
3.कम से कम 4 घंटे रोज पढ़ें :
एक अच्छे विद्यार्थी को दिन में कम से कम 4 घंटे अवश्य पढ़ाना चाहिए। समय सारणी को बनाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि एक सप्ताह में वह हर विषय को बराबर समय दें।
कुछ दिन अभ्यास के लिए रखना चाहिए तथा कुछ दिन रिवीजन करने के लिए रखना चाहिए समय सारणी को बनाते समय 4 घंटे ऐसे रखें जिसे आप अपने विषय को खुद से तैयार करें। अपनी सेल्फ स्टडी के माध्यम से आप चीजों को और बेहतर समझ पाते हैं इसलिए ज्यादा से ज्यादा समय अपनी सेल्फ स्टडी को देना चाहिए।
4.नियमित स्कूल जाएं :
बहुत सारे बच्चे पढ़ाई में इसलिए भी पीछे जाते हैं क्योंकि वह नियमित रूप से स्कूल नहीं जाते जो कॉन्सेप्ट आज समझाया गया है। यदि वही कॉन्सेप्ट अगले दिन दोबारा समझाया जाता है या आगे समझाया जाता है।
तो बच्चे को वह समझ नहीं आता जिसके कारण बच्चा पीछे हो जाता है एग्जाम्स के समय जो बच्चे रेगुलर आते हैं। वह बच्चे से आगे निकल जाते हैं और उनके अच्छे मार्क्स आते हैं बल्कि इरेगुलर आने वाला बच्चा पीछे रह जाता है।
यह भी बच्चों के कमजोर होने का एक मुख्य कारण है इसलिए बच्चों को नियमित रूप से स्कूल जाना चाहिए।
5.घर पर जरूर पढ़े :
जिन विषयों को स्कूल में पढ़ाया गया है। उन विषयों को अपने घर पर जाकर बच्चों को जरूर पढ़ना चाहिए सेल्फ स्टडी के माध्यम से बच्चा अपने सारे कांसेप्ट को क्लियर कर पता है।
और पढ़ाई में भी बहुत तेज हो पता है। समय सारणी के हिसाब से जो समय आपने पढ़ाई के लिए निश्चित किया है उसे समय में आप अपने घर पर जरूर पढ़ें।
6.नोट्स बनाए :
जिन चीजों को स्कूल में पढ़ाया जा रहा है। यह समझाया जा रहा है उसे अपने नोटिस के माध्यम से कॉपी पर लिख लेना चाहिए नोट्स बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। आपने यदि एक कांसेप्ट को समझा है तो थोड़े दिनों के बाद आप उसे भूल भी सकते हैं।
यदि आपके पास वह नोट के माध्यम से उपलब्ध होता है तो आप उसे दोबारा रिवीजन करके याद कर सकते हैं। इससे आपको सारे कांसेप्ट को याद करने में सरलता होती है। इसलिए अच्छे बच्चों को हमेशा अपने नोटिस बिल्कुल तैयार रखना चाहिए बच्चों को नोट्स कंपलीट रखना चाहिए।
7. सुबह के समय पढ़ाई करें :
जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं और अपने आप को पढ़ाई में तेज बनाना चाहते हैं। उन्हें सुबह के समय पढ़ाई करना चाहिए सुबह का समय बहुत सकारात्मक होता है। इसमें रात को एक अच्छी नींद के बाद दिमाग भी बिल्कुल फ्रेश होता है।
इसलिए सुबह के समय बच्चों को अच्छा याद होता है और उसे सब कुछ समझ में भी आता है। इसलिए बच्चों को सुबह के समय पढ़ाई करनी चाहिए। अधिकतर स्कॉलरशिप का भी यह मानना है।
कि सुबह उठकर पढ़ने से एक सकारात्मक उर्जा शरीर में आती है और बच्चा जो भी पड़ता है उसे सब कुछ समझ आता है व याद हो जाता है।
8.शिक्षक से सवाल पूछें :
कई सारे बच्चे ऐसे होते हैं जो अपनी कक्षा में डर या शर्मिंदगी के कारण अपने शिक्षक से सवाल नहीं पूछ पाते। यदि उनका कोई कांसेप्ट क्लियर नहीं है तो वह सवाल पूछ कर उसे कांसेप्ट को क्लियर नहीं करते। बल्कि प्रश्न को अपने दिमाग में लेकर अपने घर आ जाते हैं।
और वह कन्फ्यूजन हमेशा कंफ्यूजन बनकर रहता है। बच्चों को ऐसा नहीं करना चाहिए। जो भी चीज उन्हें पढ़ाई में समझ नहीं आ रही है। उन्हें शिक्षक से तुरंत इस बारे में सवाल करना चाहिए।
यदि बच्चे अपने कांसेप्ट क्लियर नहीं करते हैं तो उन्हें उसे सब्जेक्ट की आधी अधूरी नॉलेज होती है। जिसके कारण वह आगे तक उसे नॉलेज को पूरा नहीं कर पाते और उनकी पढ़ाई खराब हो सकती है।
9.विषयों को समझें :
बच्चों को हर विषय को समझने का प्रयास करना चाहिए। बच्चों को हर विषय के कॉन्सेप्ट के विषय में जानकारी होनी चाहिए। यदि बच्चा विषय को समझ कर पड़ेगा तो उसे चीजों को ज्यादा समय तक याद रखने में मदद मिलेगी।
यदि बच्चा हर चीज को रात कर पड़ रहा है वह कुछ समय तो उसे याद रहती है। परंतु कुछ समय के पश्चात वह सारी चीजों को भूल जाता है। इसलिए हर विषय को समझें मैथ्स की तरह यदि आपको कॉन्सेप्ट समझ में आते हैं।
तो आप वह चीज कभी भी नहीं बोलेंगे। यदि आपने बिना समझे ही उसे विषय को याद कर लिया है तो आप अवश्य ही सारी चीजों को भूल जाते हैं।
10.बुनियादी ज्ञान मजबूत करें :
पढ़ाई में तेज बनने के लिए सबसे पहले बुनियादी ज्ञान को मजबूत करना होता है। बुनियादी ज्ञान वह है जिससे वह उसे कॉन्सेप्ट की शुरुआत होती है। यदि बच्चे को बुनियादी ज्ञान होता है तो वह कांसेप्ट को सिखाने में भी आसान महसूस करता है।
इसलिए बच्चों को उसका बेसिक कॉन्सेप्ट बिल्कुल तैयार होना चाहिए उदाहरण के लिए यदि आप बच्चे को एलसीएम पढ़ रहे हैं। परंतु उसे एलसीएम का मतलब ही नहीं पता तो बच्चा एलसीएम को समझने में कठिनाई महसूस करता है। इसलिए बच्चों को शुरुआती चीज बिल्कुल सही तरीके से समझा देनी चाहिए।
11.फॉर्मूला याद कर लें :
गणित में सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। फार्मूले फॉर्मूलों के माध्यम से आप बड़े-बड़े सवालों को आसानी से हल कर सकते हैं। इसलिए मैथमेटिक्स के विषय में आपको सभी फार्मूले बिल्कुल याद होने चाहिए। फार्मूला मैथ का सबसे महत्वपूर्ण भाग है हर बच्चे को फार्मूले बिल्कुल रेट हुए होने चाहिए। किसी भी तरीके से फार्मूले भूलने नहीं चाहिए।
बिना फार्मूला याद करें आप गणित विषय में या भौतिक विज्ञान के विषय में अपने सवाल को सॉल्व नहीं कर पाएंगे। इसलिए फार्मूले को अच्छे से याद कर लें।
12.शिक्षक की बातों पर ध्यान दें :
बच्चों को शिक्षकों की बात पर पूरी तरीके से ध्यान देना चाहिए। यदि शिक्षक किसी कॉन्सेप्ट के विषय में बच्चों को पढ़ रहा है तो बच्चे को पूरा मन लगाकर उसे विषय को समझना चाहिए।
पढ़ाई करते समय बच्चों को इधर-उधर की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए ना ही अपने सहपाठियों से बात करनी चाहिए और शोर मचाना चाहिए। इससे शिक्षक भी पढ़ने के दौरान जिला होता है।
और बच्चा भी बातें करने के कारण कांसेप्ट को सही प्रकार से समझ नहीं पता और उसे उसे विषय के बारे में अच्छी प्रकार से ज्ञान नहीं हो पता है। इसलिए शिक्षकों की बात को ध्यान पूर्वक मन लगाकर सुनना चाहिए।
13.सवालों को हल करें :
यदि आपको पढ़ाई में तेज बना है तो आपको पढ़ाई के सारे सवालों को घर पर आपको आप हल करना चाहिए। खुद सवालों को हल करने से आपके सारे कंफ्यूजन दूर हो जाते हैं।
और आपके सवालों की अच्छी समझ पैदा हो जाती है इसलिए सवालों को अच्छी तरीके से हल करना चाहिए। जितने भी सवाल कक्षा में पढ़ाए गए हैं। उन्हें घर पर जाकर रिवीजन करना चाहिए इससे बच्चा पढ़ने में बहुत तेज हो जाता है।
14.अभ्यास करते रहें :
जिन चीजों को कक्षा में पढ़ाया गया है। उन सारी चीजों का घर पर आकर जरूर अभ्यास करना चाहिए। यदि आप एक भी दिन कक्षा में पढ़ाई गई चीजों का अभ्यास छोड़ देते हैं तो आपको वह कॉन्सेप्ट समझ में नहीं आता है।
यदि आप बार-बार ऐसा ही करते हैं तो आपको करने के लिए बहुत सारी चीज इकट्ठी हो जाती हैं। और आप एक साथ इतनी सारी चीजों को पढ़ने में असमर्थ हो जाते हैं। इसलिए बच्चों को लगातार कक्षा में पढ़ाई गई चीजों का अभ्यास करते रहना चाहिए।
15.पढ़ाई के दौरान सेहत का ख्याल रखें :
पढ़ाई करने के दौरान बच्चों को अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए। अपने खान-पान को भली-भांति रूप से बना कर रखना चाहिए। जिससे वह पढ़ाई करने के दौरान बीमार ना पड़े।
यदि पढ़ाई करने के दौरान बच्चा बीमार हो जाता है तो उसकी सेहत बिल्कुल खराब हो जाती है। और यह बच्चे के लिए बहुत नुकसानदेह हो सकती है।
उसकी पढ़ाई भी डिस्टर्ब हो जाती है। इसलिए पढ़ाई करने के दौरान बच्चों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए और पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए।
ऑनलाइन पढ़ाई कैसे करें(How to study online)
आजकल पढ़ाई करने का (Padhai karne ka online tarika) सबसे बेहतर और अच्छा तरीका ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करना है। ऑनलाइन माध्यम से आप आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं।
कोविद-19 के दौरान अधिकतर बच्चों ने आनलाइन माध्यम से अपनी पढ़ाई को पूरा किया था। आप अपने मोबाइल फोन या लैपटॉप में ऑनलाइन क्लासेस निकाल कर पढ़ाई को पूरा कर सकते हैं। टेक्नोलॉजी के इस युग में आप अपने घर पर रहकर बिना अपना समय आने-जाने में खर्च किए पढ़ाई को पूरा कर सकते हैं।
टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)
Q. पढ़े हुए याद करने का आसान तरीका क्या है?
पढ़े हुए को याद करने का सबसे आसान तरीका है कि आप उसका बार-बार अभ्यास करें।
Q. पढ़ाई में कमजोर बच्चे तेज कैसे बनेंगे?
पढ़ाई में कमजोर बच्चे यदि लगातार अभ्यास करते हैं। और अपनी रुचि के विषय को चुनते हैं तो वह पढ़ाई में तेज बन जाएंगे।
Q. बच्चों को हमेशा किस प्रकार पढ़ाई करनी चाहिए?
बच्चों को हमेशा कांसेप्ट को समझ कर पढ़ाई करनी चाहिए।
Q. बच्चों को नियमित रूप से कम से कम कितने घंटे पढ़ाई करनी चाहिए?
बच्चों को नियमित रूप से कम से कम 4 घंटे पढ़ाई करनी चाहिए।
निष्कर्ष :
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको पढ़ाई मे तेज कैसे बने? पढ़ाई में तेज बनने का सबसे बेहतरीन 15 तरीके (Tips of improving studies) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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