शिशुओं के लिए पनीर खिलाने के फायदे, नुकसान व व्यंजन | Paneer For Babies

बच्चे जब ठोस आहार का सेवन करना प्रारंभ कर देते हैं तब माता-पिता उनके शरीर में जरूरी पौष्टिक आहार की पूर्ति के लिए पौष्टिक ठोस आहार खिलाना शुरू करते हैं। पनीर उनमें से ही एक पोषक आहार है जो शरीर को भारी मात्रा में एनर्जी प्रदान करता है और शरीर के अंदर सभी पोषक तत्वों की पूर्ति करता है। पनीर बच्चों से लेकर बड़ों तक की एक पसंद है पनीर बच्चों के लिए भी फायदेमंद (Paneer ke fayde) है।

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको शिशुओं के लिए पनीर के फायदे, नुकसान व व्यंजन (Paneer ke fayde, nuksaan, recipes) विषय में जानकारी देंगे। यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।

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क्या बच्चों के लिए पनीर सुरक्षित है?

पनीर एक पौष्टिक आहार माना जाता है। बच्चों को सीमित मात्रा में बने का सेवन कराना चाहिए बच्चों को हमेशा पाश्चराइज्ड मिल्क शाही पनीर लेना चाहिए। अन पाश्चराइज्ड मिल्क बच्चे के शरीर के लिए हानिकारक होते हैं।

शिशुओं के लिए पनीर खिलाने के फायदे, नुकसान व व्यंजन | Paneer For Babies

 अनपेस्टराइज्ड से संबंधित किसी भी चीज का सेवन बच्चों को नहीं कराना चाहिए। पनीर में प्रोटीन और कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती है। इसलिए बच्चों के लिए पनीर सुरक्षित (Paneer ki suraksha in Babies) माना जाता है।

शिशु के खाने में पनीर कब शामिल किया जा सकता है?

6 महीने से ऊपर के बच्चों को ठोस (Babies me paneer ki suruat) आहार देना प्रारंभ किया जाता है। आहार में पनीर एक अच्छा विकल्प है। पनीर में जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति करते हैं।

 8 से 12 महीने के बीच के बच्चों को अन्य ठोस पदार्थों के साथ थोड़ा पनीर भी खिलाना चाहिए। यह बच्चे के लिए फायदेमंद होता है। हर बच्चे का स्वास्थ्य एक जैसा नहीं होता कुछ बच्चों को डेरी प्रोडक्ट से एलर्जी होती है ।

 इसलिए इस बात की जांच कर लेनी चाहिए कि कहीं आपके बच्चे को दूध से एलर्जी नहीं है। तभी आपको उसे पनीर का सेवन करने देना चाहिए।

शिशु को कितना पनीर खिलाना चाहिए?

हर बच्चे की शारीरिक स्थितियां अलग-अलग होते हैं। अलग शारीरिक स्थिति के अनुसार ही बच्चे को न्यूत्रिएंट की जरूरत होती है। एक स्वस्थ शरीर के बच्चे के आहार में 60 ग्राम पनीर को शामिल किया जा सकता है।

बच्चे की स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक बार डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए कि बच्चे को कितना पनीर खिलाया (Babies me paneer ki matra) जा सकता है।

 पहली बार बच्चे को पनीर खिलाने के बाद कुछ दिन तक उसे पनीर ना देकर इस बात का इंतजार करें कि कहीं बच्चे को उस से एलर्जी नहीं है। यदि बच्चा स्वस्थ रहता है तो उसे रेगुलर मात्रा में पनीर खिलाना चाहिए।

पनीर में पाए जाने वाले पोषक तत्त्व

पनीर में कौन-कौन से पोषक तत्व ( paneer me nutrients) पाए जाते हैं। इसके विषय में नीचे पॉइंट्स में जानकारी दी गई है।

  • 100 ग्राम पनीर में लगभग 714 ग्राम कैल्शियम, 321 केसीएएल ऊर्जा, 21.43 ग्राम प्रोटीन, 25 ग्राम टोटल लिपिड (फैट) और 3.57 ग्राम कार्बोहाइड्रेट से समृद्ध होता है।
  • इसके अलावा, 100 ग्राम पनीर में  18 मिलीग्राम सोडियम, 714 आईयू विटामिन-ए, 16.07 ग्राम फैटी एसिड और 89 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है।

छोटे बच्चे को पनीर खिलाने के फायदे

छोटे बच्चे को पनीर खिलाने के क्या-क्या फायदे (Paneer ke Fayde)हो सकते हैं। इसके विषय में जानना आवश्यक है यह जानकारी नीचे प्रदान की गई है।

1.स्वास्थ्य दांत एवं हड्डियों के लिए

दांतों और हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करता है शरीर का 99% कैल्शियम दांत और हड्डियों में स्टोर होता है।

पनीर शरीर में कैल्शियम की पूर्ति करता है और शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। पनीर दांतों को सड़ने से बचाता है इसलिए पनीर को आहार में शामिल करना एक स्वस्थ और स्वादिष्ट उपाय है।

2.इम्युनिटी के लिए

छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम वीक होता है। उनके अंदर रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती है। इसी कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है। बच्चों के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए पनीर एक लाभकारी उपाय है। पनीर में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। और उसे अंदर से मजबूत बनाते हैं।

3.ऊर्जा के लिए

बच्चों को शारीरिक गतिविधियां करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। बच्चे विभिन्न शारीरिक गतिविधियां करके अपने शरीर को एक्टिव रखते हैं जिससे बच्चे की शरीर की वृद्धि तेजी से होती है। गतिविधियों के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। पनीर में हाई प्रोटीन पाया जाता है जो शरीर को भारी ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है।

4.विटामिन डी के लिए

बढ़ते बच्चों के लिए विटामिन बी बहुत आवश्यक है। विटामिन डी शरीर में उपस्थित कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करती है। इसके अलावा विटामिन डी की कमी के कारण शरीर में रिकेट्स बीमारी होती है।

 इसमें हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। पनीर खाने से शरीर में कैल्शियम की पूर्ति होती रहती है। पनीर में विटामिन डी पाया जाता है जो कैल्शियम अवशोषित करने में मदद करता है।

 पनीर का सही मात्रा में सेवन करने से शरीर में कभी भी रिकेट्स जैसी बीमारियां नहीं होती इसलिए पनीर का सेवन अवश्य करना चाहिए। आजकल फोर्टीफाइड युक्त दूध में विटामिन डी महसूस होता है इसलिए फोर्टीफाइड युक्त दूध का सेवन करना चाहिए जिससे शरीर में विटामिन डी की पूर्ति हो सके।

5. बीमारियों का जोखिम कम करें

पनीर के लगातार सेवन से बीमारियों का जोखिम कम होता है। शरीर में फ्री रेडिकल एंटीऑक्सीडेंट शरीर में हृदय, मधुमेह, कैंसर जैसे रोग पैदा कर सकते हैं। इसलिए हमेशा पनीर का सेवन करना चाहिए यह शरीर में फ्री रेडिकल के प्रभाव को कम करता है।

पनीर के सेवन से हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम रहता है। इसलिए बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए बच्चों के आहार में पनीर को शामिल करना चाहिए और निश्चित मात्रा में बच्चों को पनीर का सेवन कराते रहना चाहिए।

शिशु के लिए पनीर के दुष्प्रभाव

शरीर में हर चीज के कुछ फायदे हैं। उसके साथ ही साथ कुछ नुकसान (Paneer ke nuksaan) ही है इसलिए पनीर के फायदे बताने के साथ-साथ इसके नुकसान बताना भी बहुत आवश्यक है। नीचे पनीर के कुछ नुकसान ओं के विषय में जानकारी दी गई।

  • जिन लोगों को दूध से एलर्जी होती है उन्हें दूध से बनी किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। पनीर का निर्माण दूध से होता है इसलिए हमेशा शरीर की एलर्जी को ध्यान में रखकर ही किसी भी प्रकार की चीज का सेवन करना चाहिए।
  • पनीर में प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है अधिक प्रोटीन का सेवन करने से शरीर का वजन बढ़ सकता है। इसलिए पनीर को निश्चित मात्रा में खाना चाहिए शरीर में अधिक प्रोटीन होने से शारीरिक समस्याएं भी बन सकती हैं।
  • जैसा कि हमने बताया है कि पनीर कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है। परंतु अधिक कैल्शियम के सेवन से कब्ज की समस्या बनती है। इसलिए जरूरत के हिसाब से पनीर का सेवन करना चाहिए।

नोट :

बच्चे को पनीर खिलाने के बाद दो-तीन दिन इंतजार करना चाहिए। कि बच्चे को पनीर से एलर्जी तो नहीं है। यदि बच्चे का शरीर बिल्कुल नॉर्मल रहता है तब ही अगली बार उससे पनीर का सेवन कराना प्रारंभ करना चाहिए।

शिशुओं के लिए पनीर के व्यंजन

पनीर को विभिन्न तरीकों से बनाकर खाया जा सकता है। व्यक्ति को पनीर (Paneer ki recipes) जिस प्रकार स्वादिष्ट लगे उस प्रकार है। उसका सेवन कर सकता है। नीचे पनीर की कुछ रेसिपीज के विषय में जानकारी दी गई है।

1.पनीर सब्जी प्यूरी

सामग्री:

  • पनीर के 2-3 क्यूब्स
  • प्यूरी को पतला करने के लिए थोड़ी दही
  • 2 बड़े चम्मच हरे मटर
  • 1 गाजर

बनाने की विधि:

  • सबसे पहले गाजर, मटर को उबाल लें।
  • फिर एक ब्लेंडर में गाजर, मटर, पनीर के टुकड़े और दही डालकर पीस लें।
  • तैयार है पनीर व सब्जियों की प्यूरी।
  • अब इसे बच्चे को खिलाएं।

2.पनीर भुर्जी

सामग्री :

  • दो से तीन क्यूब पनीर
  • एक छोटी कटोरी में मिक्स हरी सब्जियां जैसे – थोड़े मटर, आधा शिमला मिर्च और टमाटर बारीक कटे हुए
  • चाहें तो मटर को उबालकर भी मिला सकते हैं ताकि बच्चे के गले में न अटके।
  • स्वादानुसार नमक
  • एक से दो चम्मच तेल

बनाने की विधि:

  • सबसे पहले पनीर के टुकड़ों को मैश कर लें।
  • अब सब्जियों को अच्छे से धो लें।
  • चाहें तो सब्जियों को काटने से पहले भी धो सकते हैं।
  • अब एक पैन या कड़ाही में तेल डालकर गर्म करें।
  • जब तेल गर्म हो जाए तो उसमें सभी सब्जियों को डालकर थोड़ी देर पकाएं।
  • फिर सब्जियां जब नर्म होने लगे तो इसमें मैश किया हुआ पनीर डाल दें।
  • इसे अच्छी तरह मिलाकर हल्की आंच पर थोड़ी देर पकने दें।
  • जब पनीर और सब्जियां पक जाए तो गैस बंद कर दें।
  • आप चाहें तो भुर्जी बनाते वक्त भुर्जी को पूरी तरह मैश भी कर सकते हैं।
  • तैयार है बच्चे के लिए स्वादिष्ट पनीर भुर्जी।
  • इसे ठंडा करके बच्चे को खिलाएं।

3. पनीर चीला

सामग्री:

  • आधा से एक कप बेसन
  • 50 ग्राम या दो से तीन क्यूब मसला हुआ पनीर
  • एक बारीक कटा प्याज
  • आधा बारीक कटा टमाटर
  • एक चम्मच बारीक कटा धनिया पत्ता
  • एक चम्मच तेल
  • नमक स्वादानुसार

बनाने की विधि:

  • एक बर्तन में बेसन लें।
  • अब आवश्कतानुसार पानी डालकर इसका गाढ़ा घोल बना लें।
  • फिर इसमें सभी सब्जियों को डालकर अच्छे से मिक्स करें।
  • अब इस घोल को दो मिनट के लिए छोड़ दें।
  • इस दौरान पनीर को अच्छे से मैश कर लें।
  • फिर तवे को गैस पर मध्यम आंच पर रखें।
  • तवा गर्म होने के बाद उसमें हल्का तेल लगाएं।
  • फिर तवे में आवश्यकतानुसार घोल डालकर फैला लें।
  • इस दौरान ऊपर से पनीर और धनिया डाल लें।
  • फिर दोनों तरफ चीले को अच्छे से सेंक लें।
  • बस बनकर तैयार हो गया पनीर चीला।

टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)

Q. पनीर में क्या क्या पोषक तत्व पाए जाते हैं?

पनीर में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन, फैट आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं।

Q. पनीर के सेवन से रिकेट्स बीमारी से कैसे दूर रहा जा सकता है?

पनीर में विटामिन पाया जाता है जो कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है और शरीर की हड्डियों को मजबूत रखता है।

Q. पनीर के दुष्प्रभाव क्या-क्या है?

जिन बच्चों को दूध से एलर्जी है या जिनका बजन अधिक है उन्हें पनीर का सेवन नहीं करना चाहिए।

Q. पनीर को किन-किन तरीकों से बनाकर खाया जा सकता है?

पनीर को पनीर चीला, पनीर भुर्जी, पनीर सब्जी फ्यूरी आदि तरीकों से बनाकर खाया जा सकता है।

निष्कर्ष :

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको शिशुओं के लिए पनीर: फायदे, नुकसान व व्यंजन (Paneer For Babies) के विषय में जानकारी प्रदान करने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी बिल्कुल ठोस तथा सटीक होती है। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें। हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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