1 दिन में प्रति शेयर कितना पैसा बढ़ता और घटता है?

|| 1 दिन में प्रति शेयर कितना पैसा बढ़ता और घटता है? | शेयर बाजार/मार्केट मोमेंटम (momentum) क्या है? | share market kya hai | What is market cap on share market? | अच्छी कमाई पर शेयर क्यों गिरता है? | Why do stocks fall on good earnings? | अच्छी कमाई पर शेयर क्यों गिरता है? | share kitna ghat aur bad sakta hai ||

आज की इस डिजिटल दौर में शेयर मार्केटिंग मैं ट्रेडिंग (trading) करियर का ट्रेंड बढ़ता ही जा रहा है ऐसे में आज ज्यादातर लोगों ने ट्रेडिंग को ही अपना एक मात्र करिअर बना लिया है। जैसा कि हम जानते हैं कि ट्रेडिंग में यदि फायदा होता है।

तो कभी-कभी नुकसान भी हो जाता है ऐसे में जो नए ट्रेडर्स (traders) होते हैं उनके दिमाग में काफी सवाल चल रहे होते हैं जैसे एक दिन में किसी शेर पर कितना पैसा बढ़ सकता है? या फिर कितना पैसा घट सकता है? कथा शेयर मार्केट में सर्किट क्यों लगाया जाता है? तो आज क्या आर्टिकल में हम इसी के बारे में जानेंगे। 

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शेयर मार्केट क्या है? (share market kya hai?) || स्टॉक मार्केट (stock market) क्या है? 

शेयर मार्केट (stok market) के माध्यम से आप किसी भी कंपनी के शेयर को खरीद या वेच सकते हैं यदि आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते या फिर बेचते हैं तो उसे कंपनी के साथ होने वाले फायदा या नुकसान दोनों का असर आपके शेयर की कीमत पर होता है। मान लीजिए यदि आपने किसी एक कंपनी का शेयर खरीदा और कुछ समय पश्चात उस कंपनी ने साल में अच्छा लाभ कमाया, तो उसे कंपनी के शेयर में बढ़ोतरी दिखेगी जिससे आपके शेयर की कीमत में भी फायदा मिलेगा। 

1 दिन में प्रति शेयर कितना पैसा बढ़ता और घटता है

आजकल हम शेयर मार्केटिंग (share marketing) में शेयर्स को खरीदने या बेचने के लिए कई एप्स (apk) का प्रयोग करते हैं जो की एक ब्रोकर (broker) का काम करते हैं। अतः आप किसी कंपनी का शेयर खरीदने हैं तो इसके लिए आपको अपने लाभ का कुछ हिस्सा, उस ब्रोकर apk को चुकाना होता है जिस apk से अपने शेयर खरीदा है।

शेयर मार्केट एक साधारण बाजार की तरह काम करता है जहां पर यदि माँग ज्यादा होती है तो उसके रेट बढ़ते हैं और यदि उसकी माँग कम होती है तो शेर का रेट कम होता है। समान्यता शेयर मार्केट में डिमांड एंड सप्लाई (demand and suply) का बहुत महत्व होता है।

शेयर बाजार/मार्केट मोमेंटम (momentum) क्या है? 

यदि किसी कंपनी के शेयर में ज्यादा मूवमेंट दिखता है तो मार्केट में चल रही खबर के ऊपर निर्भर करता है यदि उसे कंपनी के बारे में कोई अच्छी खबर है तो उसका शेयर तेजी से बड़ेगा और यदि उस कंपनी के बारे में कोई गलत खबर आती है तो उसे कंपनी (company) का शेयर तेजी से नीचे गिरेगा। पर इन शेयर्स में गिरावट और शेयर में बढ़ोतरी की एक लिमिट होती है अगर कोई भी शेर उसे लिमिट से ज्यादा ना ही गिर सकता और ना ही उठ सकता है। 

1 दिन में प्रति शेयर कितना पैसा बढ़ता और घटता है? 

ट्रेडिंग में किसी भी शेयर के रेट में 1 दिन में कितनी गिरावट और कितनी बढ़ात्री होती है इसका पता करने के कई नियम होते हैं जो कि कुछ इस प्रकार है-

शेयर मार्केट/बाजार में गिरावट कब होती है?

जब किसी भी कंपनी के शेयर्स में डिमांड कम हो जाती है और सप्लाई अधिक होती है तो ऐसे में शेयर का रेट घटता है। जब किसी कंपनी के कुछ महीनों या साल फायदा या घाटे का मूल्यांकन होता है और यदि कंपनी को घाटा हुआ है तो भी कंपनी का शेयर के रेट में गिरबट होती है। जब भी किसी कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स की मीटिंग होती है तो उसके बाद शेयर में बदलाव देखने को मिलता है। 

शेयर कब बढ़ता है? (Share kab badta hai?) 

जब किसी कंपनी के शेर की डिमांड ज्यादा और सप्लाई कम हो, तो ऐसे में शेयर का रेट बढ़ने लगता है जब कोई कंपनी का महीने या फिर साल में फायदा होता है तो ऐसे में कंपनी के शेर धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। जब किसी कंपनी की बोर्ड ऑफ का डायरेक्टर्स की मीटिंग करीब आ रही होती है तो ऐसे में ज्यादातर चांस में कंपनी का शेयर बढ़ जाता है। 

शेयर मार्केट में किसी कंपनी का स्टॉक कितनी तेजी से बढ़ सकता है?

किसी भी कंपनी का शेयर 10% या फिर उससे कुछ ज्यादा तक बढ़ सकता है किसी भी कंपनी का शेर यदि बढ़ रहा है तो उसमें उस कंपनी की आर्थिक स्तिथि और कई फैक्टर मायने रखते हैं। 

शेयर मार्केट/बाजार कब गिरता है? | Why do stocks fall on good earnings?

जब हमारे देश में कोई भी संकट आता है तो ऐसे में इसका प्रभाव हमारी बाजारों पर भी दिखता है इस कारण बाजार में मंदी आ जाती है और शेयर मार्केट भी डाउन होने लगता है है ऐसा सिर्फ हमारे देश से नहीं बल्कि यदि कोई ग्लोबल प्रॉब्लम भी होती है तो ऐसे में भी कई बार हमारी मार्केट पर इसका असर देखने को मिलता है।

इसका एक कारण है क्योंकि प्रत्येक देश अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए एक दूसरे के साथ ट्रेड करता है तो ऐसे में जब किसी देश से मल आना-जाना बंद हो जाता है तो इसका असर पूरी मार्केट पर दिखता है तो ऐसे में शेयर मार्केट भी गिरने लगता है। 

शेयर मार्केट पर मार्केट कैप क्या होती है? | What is market cap on share market?

किसी भी कंपनी की टोटल वैल्यूएशन तथा उस कंपनी की मार्केट वैल्यू क्या होती है? इन कंपनियों को तीन वर्गों में विभाजित किया है-

  • लार्ज मार्केट कैप (Large market cap)
  • मिड मार्केट कैप (Mid market cap) 
  • स्मॉल मार्केट कैप (small market cap) 

लार्ज मार्केट कैप (large market cap):-

लार्ज मार्केट कैप में वह कंपनी आती है जिन कंपनियों की मार्केट कैपिटल लगभग 1 लाख करोड़ से ज्यादा होती है इन कंपनियों के शेयर में मोमेंटम धीमी गति से होता है। 

मिड मार्केट कैप ( Mid Market cap) :-

मिड मार्केट कैप में वह कंपनी आती है जिन कंपनियों की मार्केट कैपिटल 20000 करोड़ से ज्यादा होती है इन कंपनियों के शेयर प्राइस में मोमेंटम मीडियम गति से होता है। 

स्मॉल मार्केट कैप (small market cap) :-

ऐसी कंपनियां जिनकी मार्केट कैप 1000 करोड़ से 20000 करोड़ के बीच होती है तथा इन कंपनियों के शेयर के रेट में बहुत तेजी से बढ़ोतरी दिखती है और साथ ही गिरावट की देखने को मिलती है ऐसी कंपनियों में मोमेंटम तो हाई होता ही है लेकिन जब भी इन कंपनियों में फॉल बैक भी ऐसा ही होता है तो यह कंपनियां बहुत तेजी से गिरती है

अच्छी कमाई पर शेयर क्यों गिरता है? 

जब कोई कंपनी अच्छी कमाई करती है और उसका शेयर प्राइस गिर रहा होता है तो उसे नेगेटिव मार्किंग (negative market) कहते हैं। अच्छी कमाई पर शेयर गिरने के कारण हो सकते हैं जैसे- कंपनी में प्रॉफिट तो अच्छा किया है।

लेकिन पुराने समय से कंपनी पर ट्रस्ट इशू रहा हो तो कंपनी के शेर की डिमांड ज्यादा नहीं होती है तो ऐसे में भी जो शेयर प्राइस गिर रहा होता है। कभी ऐसा भी होता है कुछ कंपनियां चीजों को फेर बदल करके मार्केट में गलत खबर फैला देती है तो ऐसे में भी शेर बढ़ाने के चांसेस बहुत कम होते हैं।

शेयर मार्केट/बाजार में सर्किट लगाने से क्या होता है? 

शेयर मार्केट में सर्किट लगाने से तात्पर्य है कि यदि किसी शेयर की कीमतों में भारी गिरावट या फिर बढ़ोतरी देखने को मिलती है या फिर जिस कंपनी का शेयर है उस कंपनी की स्थिति बहुत ज्यादा ऊपर नीचे हो रही हो, तो ऐसे में सेबी (SEBI) के द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) सर्किट लगता है।

जो की तय करते हैं की 1 दिन में मार्केट 5% 10% 15% या फिर 20% तक घाट या फिर बढ़ सकता है ज्यादातर यह सर्किट तब लगाया जाता है। जब किसी कंपनी के शेयर में कोई बड़ी गिरबट या फिर कोई ज्यादा बढ़ोतरी देखी जा रही है। यह सर्किट मार्केट में बाजार में निवेदक तथा कंपनियों के मालिकों दोनों को सुरक्षा सुनिश्चित करता है ताकि बाजार में ज्यादा झटका महसूस ना हो।

यह सर्किट दो प्रकार के होते हैं – अपर सर्किट (uppar Circuit) और लोअर सर्किट (Lowar Circuit) 

• अपर सर्किट :-

यह सर्किट तब लगाया जाता है जब मार्केट में किसी शेयर में बहुत तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही हो, तो ऐसे में सेबी (SEBI) के नियमों के अनुसार यह अपर सर्किट लगाया जाता है जो की एक लिमिट की तरह कार्य करता है कि उसे कंपनी के शेयर में एक दिन तक में 20% तक की बढ़ोतरी देखी जा सके और मार्केट का बैलेंस बना रहे। 

• लोअर सर्किट :-

लोअर सर्किट मार्केट में तब लगाया जाता है जब किसी कंपनी के शेर बहुत तेज गति से नीचे गिर रहे हो और यदि उसे कंपनी की स्थिति में लगातार कोई सुधार ना आ रहा हो, तो ऐसे में सर्किट लगाकर एक दिन में कंपनी के शेर के प्राइस को मैनेज किया जा सकता है। 

शेयर बाजार में यदि सर्किट प्रयोग नहीं किया जाए तो क्या हो सकता है? 

ऐसे में निवेशकों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है सोचिए यदि किसी कंपनी के शेयरो में अचानक से गिरावट आना शुरू हो जाए तो ऐसे में कंपनी का शेर एक दिन में ही काफी ज्यादा गिर सकता है तो इसी चीज को रोकने के लिए यह सर्किट लगाया जाता है जो सामान्यत निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। 

share kitna ghat aur bad sakta hai Realetd FAQ

हम शेयर क्यों खरीदते हैं? 

हम शेयर इसलिए खरीदते हैं ताकि जिस कंपनी का शेयर हम खरीद रहे हैं और यदि वह कंपनी जो प्रॉफिट कर रही हो, तो हम उसमें कुछ हिस्सेदारी ले और उसे प्राप्त अर्जित कर सकें। 

शेयर प्राइस कौन निर्धारित करता है? 

जब हम कोई कंपनी को सार्वजनिक करते हैं तो ऐसे में हमें अपनी कंपनी को किसी तरह आधिकारिक तौर पर शेयर मार्केट के एक्सचेंज में लिस्ट करना होता है और यह स्टॉक एक्सचेंज भारत में दो हैं-

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज प्राइस कौन निर्धारित करता हैं?

अत: यह स्टॉक एक्सचेंज की कंपनी में शेयर प्राइस को निर्धारित करते हैं।

शेयर मार्केट में हम कितने शेयरो को खरीद सकते है? 

शेयर मार्केट में शेयर खरीदने की वैसे तो कोई सीमा नहीं होती है लेकिन जो नियम सेवी (SEBI) ने बनाए होते हैं उन नियमों के अनुसार ही हमें शेयर खरीदने होते हैं क्योंकि यदि आप किसी कंपनी के ज्यादा शेयर खरीदने हैं तो आपको अपने इनकम सोर्स को भी दिखाना होता है अत: इन सारी चीजों को ध्यान में रखकर ही आपको शेयर खरीदने होते हैं। 

क्या कोई स्टॉक एक दिन में 20% से ज्यादा बढ़ सकता है? 

जब कोई कंपनी का प्रॉफिट उसकी साधारण प्रॉफिट से बहुत अधिक होता है या फिर उस कंपनी में कुछ ऐसी पॉलिसीज या फिर नियम लाए गए हो जो कंपनी को तेजी से बढ़ाने की संकेत दे रहे हो और इसका प्रभाव मार्केट में बहुत अधिक दिख रहा हो तो ऐसी स्थिति में कंपनी का स्टॉक 20% परसेंट से अधिक बढ़ सकता है। 

जब कोई कंपनी अच्छा प्रॉफिट कमाती है तो क्या उसके शेयरो में तेजी आती है? 

जब कोई कंपनी अच्छा प्रॉफिट कमाती है तो ऐसे में उसे कंपनी के शेयर के प्राइस में समानता बढ़ोतरी होती है लेकिन कभी-कभी कंपनी के अन्य फंडामेंटल्स अच्छे नहीं होते हैं तो ऐसे में कंपनी के शेयर प्राइस में कोई खास बढ़ोतरी नहीं होती है। अतः हम कह सकते हैं की कंपनी का प्रॉफिट कंपनी के शेयर में बढ़ोतरी लाता है लेकिन यदि कंपनी किसी और कारण से आंतरिक मसलों में फंसी हुई है तो ऐसे में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होती है।

शेयर मार्केट में अपर सर्किट तथा लोअर सर्किट क्या होता है? 

शेयर मार्केट में अपर सर्किट तथा लोअर सर्किट निवेश को तथा तथा कंपनी के मालिकों को सुरक्षा सुनिश्चित करती है जोक शेयर मार्केट में ज्यादा उछल का गिरावट में निवेशकों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है।

आईपीओ (IPO) क्या होता है?

शेयर बाजार में आईपीओ (IPO) से तात्पर्य है जब कोई कंपनी अपने विकास के लिए कोई फंड इकट्ठा करना चाहती है तो आईपीओ शुरू करती है जिसमें बह अपनी कंपनी की कुछ हिस्सेदारी सार्वजनिक करती है जिसमें कुछ लोग अपने पैसे का निवेश करते हैं और उसे आईपीओ में जो प्रॉफिट होता है उसमें हिस्सेदारी लेते हैं। 

निष्कर्ष (Nishkarsh):

आज के इस आर्टिकल में हमने शेयर मार्केटिंग में शेर कितना कम और कितना बढ़ सकता है इस बारे में बात की जिसमें शेयर मार्केटिंग के कई तथ्यों के बारे में बात हुई जैसे – शेयर मार्केट के में शेयरो की कीमतों के बढ़ने का कारण तथा इसके घटता का कारण तथा शेयर मार्केट में कंपनियां कितने प्रकार की निवेश होते हैं इन सारी बातों को हमने इस आर्टिकल में जाना।

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने शेर की कीमतों में एक दिन में कितनी गिरावट आई तथा इसमें कितनी वृद्धि आई इसके बारे में भी जाना है। अत: आशा करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी पर यदि आपकी यह जानकारी पसंद आई है तो उसे अपने दोस्तों में जरूर शेयर करें।

Mukesh Chandra

मुकेश चंद्रा ने बीटेक आईटी से 2020 में इंजीनियरिंग की है। वह पिछले 5 साल से सामाजिक.इन पर मुख्य एडिटर के रूप में कार्यरत हैं, उन्हें लेखन के क्षेत्र में 5 वर्षों का अनुभव है। अपने अनुभव के अनुसार वह सामाजिक.इन पर प्रकाशित किये जानें वाले सभी लेखों का निरिक्षण और विषयों का विश्लेषण करने का कार्य करते है।

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