शिक्षा का अधिकार अधिनियम क्या है? विशेषताएं, उद्देश्य और कब लागु हुआ

शिक्षा एक ऐसा शस्त्र है, जिसके माध्यम से प्रत्येक छात्र अपनी हर परेशानी से लड़ सकता है। शिक्षा ही किसी भी राष्ट्रीय तथा राज्य की उन्नति में एक अहम भूमिका निभाने हेतु सक्षम हो सकती है। शिक्षा के द्वारा ही हम अपने देश में गरीबी और बेरोजगारी के स्तर को कम कर सकते हैं। परंतु इसके लिए शिक्षा का सार्वभौमिक होना अनिवार्य है। शिक्षा के लिए सरकार द्वारा बहुत से अधिनियम जारी किए गए है। यह जरूरी जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को पता होना आवश्यक है। इसीलिए हमारे द्वारा आज आपको यहा Shiksha ka adhikar adhiniyam kya hota hai? इसके बारे में बताया गया है।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के बारे में सभी को संपूर्ण जानकारी विस्तार पूर्वक पता होना आवश्यक है। तभी हर व्यक्ति शिक्षा के संबंध में जागरूक हो सकेगा। साथ ही साथ इस बारे में हर व्यक्ति को इसलिए भी पता होना जरूरी है क्योंकि आजकल हर कम्पटीशन में इस टॉपिक से प्रश्न पूछा जाता है। यही कारण है कि हमारे द्वारा आप सभी को यहां What is the Right to education act ? के बारे में बताया जा रहा है। यदि आप सब भी शिक्षा से संबंधित जानकारी प्राप्त करना पसंद करते हैं। तो आपको इससे संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ना होगा।

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शिक्षा का अधिकार अधिनियम क्या होता है? (What is the right to education Act?)

बहुत से लोगों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम क्या होता है? इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं होगी। इसलिए सबसे पहले हम आपको यहां What is the right to education Act? के बारे में बताने जा रहे हैं। ताकि आपको आगे किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े। शिक्षा का अधिकार अधिनियम शिक्षा से जुड़ा हुआ एक नियम है। जिसके तहत 6 से 14 वर्ष के बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने की बात कही गई है।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम क्या है विशेषताएं, उद्देश्य और कब लागु हुआ

शिक्षा का अधिकार अधिनियम सरकार के द्वारा 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को निशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने के लिए बनाया गया है। इसको बनाने के पीछे सबसे बड़ा उद्देश्य देश के सभी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना है। ताकि पढ़ाई करके बच्चे आगे अपने भविष्य को संवार सकें। जिससे देश की उन्नति अनिवार्य तौर पर होनी है।यह तो हम सबको पता है कि बच्चे ही हमारे देश का आने वाला भविष्य होते हैं।

यदि आज के दौर में बच्चे पढ़ाई से वंचित रहेंगे। तो हमारा देश आने वाले समय में उन्नति करने में सक्षम नहीं हो पाएगा। इसलिए अपने देश को भविष्य में विकसित करने हेतु आज के समय में आपको प्रत्येक बच्चे को शिक्षित करना होगा। जिसके लिए आवश्यक है कि प्राथमिक शिक्षा प्रत्येक बच्चे को अनिवार्य रूप से प्राप्त हो। इसीलिए सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू किया था।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम कब लागू हुआ? (When did the right to education act come into force?)

शिक्षा का अधिकार अधिनियम भारत सरकार द्वारा बनाया गया था। परंतु आप सबके मन में यह सवाल अवश्य होगा, कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम कब लागू हुआ था? हमारे द्वारा यहां आप सभी को When did the right to education act come into force? के बारे में बताया गया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम भारत सरकार द्वारा वर्ष 2009 में बनाया गया था। परंतु यह पूरे देश में 1 साल के बाद अर्थात अप्रैल 2010 के अंतर्गत लागू किया गया था। जिसके तहत 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जाने लगी थी।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की विशेषताएं? (Features of right to education Act 2009?)

शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 भारत सरकार द्वारा सभी बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने हेतु बनाया गया है। आप सभी को शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की विशेषताओं के बारे में पता होना आवश्यक है। यदि आपको यह जानकारी नहीं है, तो हमारे द्वारा आप सभी को नीचे Features of right to education Act 2009? के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। यह संपूर्ण पॉइंट निम्न प्रकार है-

  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत 6 से 14 वर्ष के समस्त बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार प्राप्त होता है। यह इस अधिनियम की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है।
  • इस अधिनियम के तहत उन बच्चों को शिक्षा प्राप्त करना अनिवार्य है। जो 6 से 14 वर्ष की आयु में है तथा अशिक्षित और शिक्षा नहीं प्राप्त कर पा रहे है।
  • ऐसे अशिक्षित संपूर्ण बालकों को चयनित करने का कार्य विद्यालय प्रबंधन समिति और स्थानीय निकाय के द्वारा किया जाता है।
  • विद्यालय प्रबंधन समिति और स्थानीय निकाय के द्वारा ही घर-घर जाकर बच्चों का सर्वेक्षण किया जाता है।
  • यह सर्वेक्षण परिवार स्तर पर होता है क्योंकि परिवार स्तर पर सर्वेक्षण करने से बालकों की पहचान आसानी से की जा सकती है। जो प्राथमिक शिक्षा से वंचित है।
  • इस नियम के तहत देश में स्थित संपूर्ण निजी विद्यालयों के अंतर्गत 2 प्रतिशत स्थान कमजोर बच्चों के लिए आरक्षित करना अनिवार्य है।
  • साथ ही साथ इन कमजोर बच्चों से निजी विद्यालयों में भी वहीं से ली जाएगी। जो सरकारी विद्यालय में बच्चों से प्राप्त की जाती है।
  • प्रथम कक्षा में नामांकन करने के दौरान निजी विद्यालयों के अंदर 25% स्थान कमजोर वर्ग के बालकों के लिए आरक्षित किए जाते हैं।
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत बालकों को स्कूल की फीस नहीं देनी पड़ती है। साथ ही साथ में न स्कूल की ड्रेस खरीदनी पड़ती है और ना ही स्कूल की किताबों का खर्चा देना पड़ता है।
  • क्योंकि सरकार के द्वारा सरकारी किताबें, स्कूल यूनिफार्म और मिड डे मील आदि मुफ्त में बच्चों को मुहैया कराया जाता है।
  • इस नियम के किसी भी स्कूल के द्वारा किसी भी विद्यार्थी का नामांकन करने हेतु मना नहीं किया जा सकता है।
  • ऊपर दिए गए संपूर्ण कार्यक्रम इस अधिनियम के तहत ही होते हैं। इसीलिए यह सभी शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की विशेषताएं हैं।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के उद्देश्य? (Aim of Right to education act 2009?)

सरकार के द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 को बनाते समय बहुत से उद्देश्य निर्धारित किए हैं। ताकि इस नियम को अच्छे से लागू किया जा सके। शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 से संबंधित आपको सभी जानकारी होना आवश्यक है। इसीलिए हमारे द्वारा नीचे आप सभी को Aim of right to education act 2009 के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। यह संपूर्ण जानकारी आप सभी को निम्न प्रकार देखने को मिलेगी-

  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का सर्वाधिक महत्वपूर्ण उद्देश्य सभी बच्चों को प्राथमिक स्तर की निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना है।
  • सभी अभिभावकों को अनिवार्य रूप से 6 वर्ष के अपने बच्चों का नामांकन विद्यालय में करवाना अनिवार्य है।
  • प्राथमिक शिक्षा कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक की शिक्षा को कहा जाता है।
  • प्राथमिक शिक्षा को सुचारू रूप से संपन्न कराना अनिवार्य है। किसी भी बच्चे को किसी भी कक्षा में कम नंबर के कारण रोका नहीं जा सकता है।
  • यदि सरल भाषा में समझाया जाए, तो कक्षा 8 तक कोई भी विद्यालय किसी भी छात्र या छात्रा को फैल / अनुत्तीर्ण नहीं कर सकता है।
  • जो भी विद्यार्थी कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक की शिक्षा ग्रहण कर ले। उसे इस बात का प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है।
  • यदि किसी बच्चे की आयु 6 वर्ष अधिक है और उसका समय पर किसी विद्यालय में नामांकन नहीं हुआ है, तो उसको उसका नामांकन उसकी आयु के अनुरूप कक्षा में होना चाहिए।
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत कोई भी विद्यालय तथा कोई भी शिक्षक बच्चों को शारीरिक रूप से तथा मानसिक रूप से कोई भी दंड नहीं दे सकता है।
  • इस नियम के तहत कोई भी सरकारी शिक्षक व शिक्षिका निजी शिक्षण संस्थान खोलकर निजी शिक्षण गतिविधियों को अंजाम नहीं दे सकता है।
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत शिक्षक छात्र अनुपात 1 : 30 है अर्थात 1 छात्र 30 बच्चों पर आवश्यक तौर पर प्रत्येक सरकारी विद्यालय में होना चाहिए।
  • साथ ही साथ विद्यालय के अंतर्गत छात्र तथा छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था होनी अनिवार्य है।
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत किसी भी प्रकार के आवश्यक दस्तावेज ना होने के कारण किसी भी बच्चे को विद्यालय में प्रवेश लेने से नहीं रोका जा सकता है।
  • प्राथमिक स्तर तक बच्चे को स्कूल में प्रवेश कराने हेतु उसकी प्रवेश परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए।
  • हमारे द्वारा ऊपर बताई गई संपूर्ण जानकारी बहुत आवश्यक है।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 क्या होता है? इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs)

Q:-1. शिक्षा का अधिकार अधिनियम क्या होता है?

Ans:-1. शिक्षा का अधिकार अधिनियम शिक्षा से संबंधित एक नियम है, इस नियम को सरकार भारत सरकार द्वारा बनाया गया है। जिसके तहत 6 से 14 वर्ष के समस्त बच्चों को प्राथमिक स्तर पर निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जाएगी।

Q:-2. शिक्षा का अधिकार अधिनियम कब लागू किया गया?

Ans:-2. शिक्षा का अधिकार अधिनियम वर्ष 2009 में बनाया गया था। परंतु यह 1 साल बाद अर्थात अप्रैल 2010 में पूरे देश में लागू किया गया। जिसके तहत अनिवार्य एवं निशुल्क शिक्षा बच्चों को दी जाने लगी।

Q:-3. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत क्या प्रावधान है?

Ans:-3. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा देना तथा किसी बच्चे को विद्यालय के अंदर प्रवेश लेने से ना रोका जाना साथ ही साथ मुफ्त ड्रेस, मिड डे मील और पुस्तकें आदि उपलब्ध कराने का प्रावधान है।

Q:-4. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत छात्र शिक्षक अनुपात क्या है?

Ans:-4. शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्राथमिक स्तर पर छात्र एवं शिक्षक का अनुपात 1:3 निर्धारित किया गया है अर्थात 30 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक का होना सरकारी विद्यालय में अनिवार्य है।

Q:-5. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों के लिए क्या प्रावधान है?

Ans:-5. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों में कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए 2% स्थान आरक्षित रखे जाएंगे। साथ ही साथ उनसे सरकारी विद्यालय के समान फीस प्राप्त की जाएगी।

Q:-6. शिक्षा का अधिकार अधिनियम की क्या विशेषताएं हैं?

Ans:-6. शिक्षा का अधिकार अधिनियम की विभिन्न विशेषताएं उपलब्ध है। यदि आप इन सब की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप हमारे द्वारा ऊपर लेख में बताए गए Features of right to education act 2009 के तहत प्राप्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

हमारे द्वारा आप सभी को इस आर्टिकल के अंतर्गत Shiksha ka adhikar adhiniyam 2009 kya hota hai? Shiksha ke adhikar adhiniyam ke uddeshya? आदि के बारे में बताया जा रहा है। यदि आप भी शिक्षा से संबंधित इस अधिनियम की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपके लिए हमारे यहां लेख बेहद फायदेमंद साबित होगा।

हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गयी यह संपूर्ण जानकारी बेहद पसंद आई होगी। यदि आपको यह संपूर्ण जानकारी पसंद आई हो, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बता सकते हैं। साथ ही साथ हमारे इस लेख को आप सभी जरूरतमंद दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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