Stories in Hindi with moral – घड़ी की टिक टिक।

हमे अपने जीवन में उस काम को करना चाहिए, जो हमे बहुत पसन्द हो और हम उस काम को करने की इच्छा रखते हो, फिर हमे जीवन भर काम करने की जरूरत नही पड़ती। यदि आप एक stories in hindi की तलाश मे है तो आप बिल्कुल सही जगह पर है इस कहानी को पूरा पढ़िए और इस कहानी का लुत्फ उठाइए।

Stories in hindi with moral का शीर्षक:घड़ी की टिक टिक।

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एक गाँव के एक सेठ जी की घड़ी उन्ही के घर में कही खो गयी एक छोटे से बच्चे ने उस घड़ी को कैसे खोजा चलिए इस कहानी मे जानते हैं।

एक गाँव मे एक सेठ रहता था, एक बार उस सेठ से एक उसका एक दोस्त मिलने आया जो कि बहुत अमीर था और उस अमीर दोस्त ने सेठ के लिए एक बहुत महंगी घड़ी भी लायी थी।

कुछ दिन तक वह दोस्त अपने मित्र के साथ रहा और बाद मे वह अपने देश लौट गया।

एक दिन जब सेठ जी सुबह सुबह अपने कमरे मे उठे और उन्होने अपनी घड़ी को ढूंढा लेकिन वह घड़ी उन्हे कही नहीं मिली, वह बहुत ही परेशान हो गए। करीब एक घंटे तक उस घड़ी को ढूंढने के बाद वो हॉल में बैठ गए और सोचने लगे कि वह घड़ी कहाँ होगी।

उन्होने बाहर देखा बाहर मे कुछ बच्चे खेल रहे थे उन्होने एक तरकीब लड़ाई और सोचा कि उन बच्चों को कहता हूँ कि वो मुझे मेरी घड़ी ढूँढकर देंगे तो मैं उन्हे 100 रुपये दूँगा।

उन्होने सभी बच्चों को अपने पास बुलाया और कहा कि जो भी मुझे मेरी घड़ी ढूँढकर देगा मैं उसे 100 रुपये दूँगा।

सारे बच्चे बहुत उत्साहित हो गए और घड़ी को ढूंढने मे लग गए, करीब आधे घंटे तक उस घड़ी को ढूंढने के बाद सारे बच्चे हॉल मे इकट्ठा हुए और कहने लगे कि हमें वो घड़ी कहीं नहीं मिली।

अपने लक्ष्य के लिए विचार लाइए।

इतने मे एक बच्चा बाहर से आया और उनलोगों से पूछा कि क्या बात है तो सभी बच्चों ने उस बच्चे से सारी बात बतायी और यह भी बताया कि जो उस घड़ी को ढूंढेगा उसे सेठ जी 100 रुपये देंगे।

उस बच्चे ने कहा कि बस इतनी सी बात ये तो मेरे लिए बहुत आसान है। सभी बच्चे सोचने लगे कि वह इस घड़ी को कैसे ढूंढेगा।

उस बच्चे ने कहा कि मैं घड़ी को ढूंढ दूँगा बस मेरी एक शर्त है कि आप सभी को घर के बाहर बैठना पड़ेगा और वो भी एकदम शांत।

सारे लोग हॉल से निकलकर बाहर बैठ गए, करीब 4 से 5 मिनट के बाद वो बच्चा उस कमरे से उस घड़ी के साथ निकला।

सभी बच्चे और सेठ बिल्कुल चौंक गए कि आखिर ये घड़ी उसे मिली कैसे? उन्होने ने सोचा कि हमलोग ने उस घड़ी को इतने देर तक ढूंढा लेकिन हमें वह नहीं मिला।

सेठ जी ने उस बच्चे से पूछा कि तुमने यह घड़ी को कैसे ढूंढा?

तो उस बच्चे ने बोला कि मैंने तो घड़ी ढूंढा ही नहीं।

सभी लोग फिर से चौंक गए और फिर से पूछा कि तुमने यह घड़ी नहीं ढूंढा तो किसने ढूंढा?

तो उस लड़के ने बोला कि मैं अंदर गया और देखने लगा कि घड़ी कहाँ है, मैंने  चुपचाप घड़ी की टिक टिक की आवाज को सुनने की कोशिश करने लगा, जैसे ही मैंने वो आवाज सुनी मै उस तरफ गया और मुझे घड़ी मिल गयी।

आप कभी भी किसी के भगवान बन सकते हैं।

Stories in hindi with moral से सीख:-

ऐसे ही हम अपनी जिन्दगी मे भी घड़ी को ढूंढ रहे हैं। बस लक्ष्य बना लिया है लेकिन उसे पूरा करने के लिए बस सोच रहे हैं, लेकिन हमें उस घड़ी की टिक टिक पर ध्यान देना होगा तभी हम अपनी जिन्दगी मे भी आगे बढ़ेंगे

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राधा वैश्य

राधा वैश्य लखनऊ उत्तर प्रदेश से हैं। वह शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ीं हैं, और लोगों के साथ ज्ञानवर्धक जानकारी साक्षा करने में रूचि रखतीं हैं। इनके 500 से ज्यादा लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

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