स्वयं सहायता समूह सखी क्या होता है? सैलरी, लोन, लाभ आदि जानकारी

सरकार के द्वारा समय-समय पर विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जाती हैं। इसी में से एक स्वयं सहायता समूह सखी है। जो महिलाओं के लाभ के लिए चलाई गई है, परंतु हमारे देश में ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्र में बहुत ही ऐसी महिलाएं होती हैं। जिन्हें अपने ही अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं होती है, परंतु आप सभी को स्वयं सहायता समूह सखी के बारे में जानकारी प्राप्त होनी चाहिए। इसीलिए हमारे द्वारा आप सभी को इस लेख में Swayam sahayata samuh sakhi kya hai? इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी जा रही है।

यह योजना महिलाओं के लिए बेहद उपयोगी योजना है। लेकिन इस योजना के बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी होती है। इस योजना की सहायता से महिलाएं अपने जीवन को बहुत ही सरल और सुगम बनाने में सक्षम हो सकती है, परंतु इसके लिए आवश्यक है कि आप सभी को इस योजना की जानकारी प्राप्त हो। ताकि आप इस योजना का लाभ उठाने के लिए इसमें आवेदन कर सके। यही कारण है कि हमारे द्वारा आप सभी को इस लेख में What is the Swayam sahayata samuh sakhi? योजना के बारे में बताया जा रहा है। इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

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स्वयं सहायता समूह सखी क्या है? (What is the Self help group sakhi?)

आइए, सबसे पहले हम उन महिलाओं को Swayam sahayata samuh sakhi के बारे में जानकारी देते हैं। जिन्हें इस योजना के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। दोस्तों, स्वयं सहायता समूह योजना का गठन राष्ट्रीय आजीविका मिशन भारत सरकार के द्वारा विभिन्न प्रकार के उद्देश्यों, जैसे:- ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करना, महिलाओं के अंदर बचत की आदत का विकास करना तथा रोजगार के अवसर प्रदान करना आदि।

स्वयं सहायता समूह सखी क्या होता है? सैलरी, लोन, लाभ आदि जानकारी

ग्रामीण क्षेत्र में 10 से 12 महिलाओं के द्वारा स्वयं सहायता समूह का गठन किया जाता है। इसी को दूसरी भाषा में जीविका के नाम से जानते हैं। इसके अंतर्गत एक अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और तीन से चार महिलाओं के सचिव भी चुने जाते हैं। इसके अंतर्गत प्रत्येक सदस्य को समूह सखी कहा जाता है। इस योजना में महिलाओं को दिए जाने वाले लाभ तथा इसकी संपूर्ण जानकारी को प्राप्त करने की संपूर्ण आजादी होती है।

सामूहिक बैठक के दौरान महिलाओं के द्वारा कभी भी किसी भी सखी से अपनी समस्या के समाधान हेतु सवाल जवाब किए जा सकते हैं। यह सवाल जवाब किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान तथा आर्थिक समाधान से संबंधित हो सकते हैं। इस योजना की सहायता से ग्रामीण क्षेत्र में पिछड़ी हुई महिलाओं एवं उनके बच्चों को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया जाता है। इस योजना से महिलाओं एवं बच्चों को अधिक लाभ प्रदान किए जाते हैं।

समूह सखी कैसे बने? (How to become a Self help group sakhi?)

दोस्तों, अब आप सभी के मन में यह सवाल अवश्य आया होगा कि आखिर आप लोग समूह सखी का हिस्सा कैसे बन सकते हैं? इसीलिए हमारे द्वारा आप सभी को यहां How to become a Self help group sakhi? के बारे में बता रहे हैं। यदि आप किसी भी प्रकार से स्वयं सहायता समूह सखी का सदस्य बनने के इच्छुक हैं, तो आप अपने गांव या ब्लॉक या फिर पंचायत स्तर पर स्वयं सहायता समूह से मिलकर उसकी सदस्यता प्राप्त कर सकते है।

स्वयं सहायता समूह सखी का सदस्य बनने के लिए आप सभी को कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है।  इन दस्तावेजों की सहायता से ही आप किसी भी स्वयं सहायता समूह सखी की सदस्यता प्राप्त कर सकते हैं। आपको आवश्यक दस्तावेजों को लेकर समूह के अध्यक्ष से मिलना होगा और यह दस्तावेज जमा करने होंगे। इन दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद अध्यक्ष के द्वारा आपको सदस्यता प्रदान कर दी जाएगी। इसके बाद आप समूह की बैठक में समूह को प्राप्त होने वाले लाभ का फायदा उठा सकते हैं।

परंतु आवश्यक दस्तावेजों के बारे में में बहुत से लोगों को नहीं पता होता है। इसलिए हम आप सभी को नीचे आवश्यक दस्तावेजों के बारे में जानकारी दे रहे हैं-

  • आधार कार्ड (Aadhar card)
  • फोटो (Photo)
  • पासबुक (Passbook)
  • पैन कार्ड (Pan card)

समूह सखी बनने के बाद प्राप्त लाभ? (Benefits obtained after becoming a sakhi?)

समूह सखी बनने के लिए बाद आप सभी को इससे प्राप्त होने वाले विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। हमारे द्वारा आप सभी को नीचे Samuh sakhi banne ke baad prapt labh? इसके बारे में बताया जा रहा है।

  • इस समूह के तहत समोसा की को जरूरत के समय अर्थात आपातकालीन स्थिति में आर्थिक तौर पर सहायता प्रदान की जाती है।
  • इस स्थिति में उन सभी को बैंकों से बहुत ही कम ब्याज दर पर लोन प्रदान किया जाता है।
  • साथ ही साथ उन्हें इस लोन का भुगतान करने के लिए किस्तों तथा अपनी स्थिति के अनुसार भुगतान करने की छूट प्रदान की जाती है।
  • साथ ही साथ उन्हें आवश्यक आर्थिक सहायता के साथ-साथ राशन पानी भी प्रदान किया जाता है।
  • इस प्रकार समूह सखी बनने के बात उपरोक्त लाभ प्रदान किए जाते हैं।

स्वयं सहायता समूह सखी के मुख्य सदस्य के वेतन एवं उनके कार्य? (Salary and work of the main member of Self help group sakhi?)

स्वयं सहायता समूह सखी के अंतर्गत कुछ मुख्य सदस्य होते हैं। जिनके अपने विशेष कार्य होते हैं। उन सभी को अपने कार्य को करने हेतु वेतन प्रदान किया जाता है, परंतु प्रत्येक सदस्य के कार्य तथा वेतन भिन्न-भिन्न होते हैं। यदि आप जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं कि स्वयं सहायता समूह के मुख्य सदस्यों के वेतन एवं उनके कार्य क्या है? तो हमारे द्वारा आप सभी को इसके बारे में संपूर्ण जानकारी निम्न प्रदान की गई है-

1. समूह सखी (Group sakhi)

दोस्तों, स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को ही समूह सखी के नाम से जाना जाता है। इन सभी को विभिन्न प्रकार के निर्दोशों का पालन करना होता है, परंतु यह सभी निर्देश अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष के द्वारा ही दिए जाते हैं। यह सभी निर्देश उनसे संबंधित लाभ एवं उनके विकास से जुड़ी संपूर्ण योजनाओं के संबंध में जानकारी प्रदान करने हेतु सक्षम होते हैं।

समूह सखी को आजीविका सखी भी कहते हैं। इनका सबसे मुख्य कार्य स्वयं सहायता समूह को बहुत ही सुगमता एवम सरलता से संचालित करने का होता है। समूह के अंतर्गत होने वाली आगामी बैठक एवं सूचनाओं की संपूर्ण जानकारी समूह के अन्य सदस्यों तक पहुंचाने का कार्य भी समूह सखी के द्वारा ही किया जाता है। यह दोनों कार्य समूह सखी को मुख्य तौर पर करने होते हैं।

अब आप लोगों के मन में समूह सखी के वेतन के बारे में जानकारी प्राप्त करने की इच्छा जागृत हुई होगी। स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत जो भी महिलाएं नियुक्त की गई है। उनका वेतन न्यूनतम ₹1500 से लेकर अधिकतम ₹6000 तक प्रति माह होता है। उम्मीद है आप लोगों को समोसा की के कार्य एवं वेतन की संपूर्ण एवं सही जानकारी हमारे द्वारा प्रदान की गई है।

2. अध्यक्ष (president)

दोस्तों, किसी भी समूह में अध्यक्ष की एक मुख्य भूमिका होती है क्योंकि संपूर्ण संगठन को संचालित करने हेतु निर्देश एक अध्यक्ष के द्वारा ही दिए जाते हैं। इसलिए आप लोगों के मन में अध्यक्ष के कार्य एवं वेतन की जानकारी प्राप्त करने की इच्छा उत्पन्न हुई होगी। हम आप सभी को नीचे अध्यक्ष के कार्य एवं उसके वेतन के बारे में जानकारी दे रहे हैं। जो कि निम्न प्रकार है-

कार्य (Work):- स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत जो भी अध्यक्ष नियुक्त होता है। उस अध्यक्ष के द्वारा विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण कार्य किए जाते हैं। उसके द्वारा समूह की नियमित रूप से बैठक का संचालन करना होता है। साथ ही साथ अध्यक्ष के द्वारा नई योजनाओं और उनसे संबंधित लाभ की जानकारी समूह सखी तक पहुंचाई जाती है। साथ ही साथ समूह के विकास का नियमित रूप से आकलन करना भी एक अध्यक्ष का मुख्य कार्य होता है।

वेतन (Salary):- जैसा कि आप सब लोगों ने ऊपर देखा की अध्यक्ष किसी भी संगठन या समूह का एक मुख्य कारक होता है। जिसके कारण उसके कार्य भी बहुत ही अधिक जिम्मेदारी भरे होते हैं। उनके द्वारा बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य किए जाते हैं। यही कारण है कि अध्यक्ष का वेतन भी काफी अच्छा होता है  एक अध्यक्ष को सामान्यतः ₹10000 से लेकर ₹15000 प्रति माह वेतन प्राप्त प्रदान किया जाता है। जो समय के साथ बढ़ता रहता है।

3. कोषाध्यक्ष (treasurer)

किसी भी स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत उपस्थित कोषाध्यक्ष इस समूह का मुख्य अंग होता है। कोषाध्यक्ष के पास स्वयं सहायता समूह की योजनाओं के लिए जारी की गई राशि एवं खर्च का संपूर्ण लेखा जोखा उपलब्ध होता है, परंतु इनका मुख्य कार्य स्वयं सहायता समूह सखी को योजनाओं के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता को प्रदान करना होता है।

इसके अलावा कोषाध्यक्ष समूह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर समूह को संचालित करने का भी कार्य करते हैं। अपने महत्वपूर्ण एवं जिम्मेदारी भरे कार्य को करने के लिए कोषाध्यक्ष को भी प्रति माह ₹10 हज़ार वेतन प्रदान किया जाता है। यह वेतन समय के साथ-साथ बढ़ता जाता है।

4. सचिव (Secretary)

दोस्तों, जिस प्रकार समूह के अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष इस समूह के अंतर्गत अपने कार्य से करते हैं तथा अपना योगदान देते हैं। उसी प्रकार स्वयं सहायता समूह के सचिव के द्वारा अपना योगदान दिया जाता है। हमने आप सभी को नीचे इसके बारे में जानकारी दी है-

कार्य (Work):- स्वयं सहायता समूह के सचिव का मुख्य कार्य स्वयं सहायता समूह के सखी की संपूर्ण परेशानियों को हल करना साथ ही साथ उनके कार्य में उनकी मदद करना तथा अध्यक्षता कोषाध्यक्ष के द्वारा किए गए कार्यों को जांचना साथ ही साथ उनके कार्य में उनकी मदद करना आदि होता है।

वेतन (Salary):- दोस्तों, जिस प्रकार स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष का स्थान होता है। उसी प्रकार समूह के सचिव के द्वारा भी अहम भूमिका निभाई जाती है। इसीलिए जितना वेतन समूह के अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष को प्रदान किया जाता है। उसी प्रकार समूह के सचिव को भी प्रति माह ₹10000 से लेकर ₹15000 तक वेतन प्रदान किया जाता है। यह वेतन समय के साथ-साथ बढ़ता जाता है।

स्वयं सहायता समूह में प्राप्त पैसे? (Money received in a Self help group?)

दोस्तों, स्वयं सहायता समूह को भारत सरकार के द्वारा पैसे दिए जाते हैं। यदि आप जानना चाहते हैं कि स्वयं सहायता समूह में कैसे तथा कितने पैसे प्राप्त होते हैं? तो हम आपके यहां इसके बारे में बता रहे हैं। स्वयं सहायता समूह के गठन होने के तीन माह पश्चात समूह को ₹1500 प्रदान किए जाते हैं। इसके तत्पश्चात जैसे ही समूह को गठन हुए 6 माह बीत जाते हैं, तो समूह को ₹15000 दिए जाते हैं। साथ ही साथ ग्रामीण महिलाओं को भी विभिन्न प्रकार के लोन जैसे:- राहत कोष लोन, रोजगार लोन, जीविका या आपातकालीन लोन प्रदान की जाती है।

स्वयं सहायता समूह के फायदे? (Benefits of Self help group?)

दोस्तों, आप सभी के मन में यह सवाल अवश्य आया होगा कि स्वयं सहायता समूह के क्या फायदे हैं, तो हम आप सभी को यहां स्वयं सहायता समूह के फायदे तथा स्वयं सहायता समूह के द्वारा प्रदान की जाने वाली जीविका चलने हेतु सुविधाओं के बारे में बताया गया है। इसके मुख्य बिंदु निम्न प्रकार है-

  • स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। साथ ही साथ वे अपने परिवार से संबंधित जीविका के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने तथा उसे समझने में सक्षम होती है।
  • स्वयं सहायता समूह में उपस्थित प्रत्येक सदस्य का एक बचत खाता खोला जाता है। इस खाते के अंतर्गत साप्ताहिक तौर पर कुछ निश्चित राशि को जमा किया जाता है। उसे जमा राशि को अपनी आवश्यकता अनुसार निकालकर खर्च करने की पूरी आज़ादी समूह के सदस्यों को होती है।
  • स्वयं सहायता समूह के माध्यम से विभिन्न प्रकार के रोजगार स्वयं सहायता समूह के सदस्य को प्रदान किए जाते हैं।
  • स्वयं सहायता समूह के माध्यम से जो नौकरियां दी जाती है। वह ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए होती हैं क्योंकि उन्हें कार्य भी अपने ग्राम या पंचायत स्तर पर करने होते हैं।
  • इस समूह के माध्यम से महिलाओं को विभिन्न प्रकार की प्रशिक्षण दिए जाते हैं। जिनके अंतर्गत सिलाई, कढ़ाई, बुनाई और लघु उद्योग आदि को शामिल किया गया है।
  • जो महिलाएं आर्थिक रूप से कमजोर है तथा अपना स्वयं का रोजगार करना चाहती हैं। स्वयं सहायता समूह उन्हें रोजगार हेतु लोन प्रदान करता है। जिसके माध्यम से वह आर्थिक सहायता प्राप्त करके रोजगार शुरू कर सकती हैं।
  • इस समूह के द्वारा सदस्यों के परिवार का भी पूर्ण रूप से ध्यान रखा जाता है। ग्रामीण क्षेत्र में किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा के दौरान उन्हें अनाज और राहत सामग्री प्रदान की जाती है।
  • एक समूह में 10 से 12 महिलाओं को रखा जाता है। इसी प्रकार यदि एक गांव में 5 दिन सहायता समूह का संचालन किया जाता है, तो प्रत्येक गांव में कम से कम 50 से 60 महिलाओं को रोजगार प्राप्त होता है।
  • इस प्रकार स्वयं सहायता समूह के उपरोक्त फायदे प्राप्त किया जा सकते हैं।

स्वयं सहायता समूह क्या होता है? इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs):-

Q:- 1. स्वयं सहायता समूह से आप क्या समझते हैं?

Ans:- 1. स्वयं सहायता समूह में अपनी सहायता मिल-जुल कर की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य भी यही है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को जीवन यापन करने हेतु आने वाली समस्या का समाधान कर सके।

Q:- 2. महिला समूह में क्या-क्या प्राप्त होता है?

Ans:- 2. महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। शिक्षित महिलाओं को इस समूह में नौकरी प्राप्त होती है तथा असहाय जरूरतमंद महिलाओं को लोन मुहिया कराया जाता है।

Q:- 3. स्वयं सहायता समूह में कितने ब्याज पर लोन दिया जाता है?

Ans:- 3. स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत 8% से लेकर 12% की ब्याज दर पर लोन प्रदान किया जाता है। ब्याज दर में लोन चुकाने हेतु सब्सिडी के तौर पर लोन के कुछ हिस्सों को माफ किया जाता है।

Q:- 4. स्वयं सहायता समूह में लोन लेने के लिए क्या किया जाता है?

Ans:- 4. यदि आप लोग स्वयं सहायता समूह में लोन प्राप्त करना चाहते हैं। तो सहायता समूह के अध्यक्ष के द्वारा आप लोन प्राप्त कर सकते हैं। परंतु आप स्वयं सहायता समूह की आधिकारिक वेबसाइट nrlm.gov.in से भी लोन प्राप्त कर सकते हैं।

Q:- 5. समूह से पैसा कैसे निकलता है?

Ans:- 5. यदि आप सहायता समूह से ऋण का पैसा हो या फिर योजना की राशि हो, इसको निकालना चाहते हैं। तो समूह के सभी मुख्य सदस्यों की अनिवार्यता होना आवश्यक है। तथा बैंक से आप इन सभी के हस्ताक्षर लेने की तत्पश्चात ही पैसे निकाल सकते हैं।

Q:- 6. स्वयं सहायता समूह के पांच सूत्र कौन से हैं?

Ans:- 6. स्वयं सहायता समूह के पांच सूत्र – समूह के नियमित बैठक करना, समूह की बचत नियमित रूप से जमा करना, लेखा वाहियों को सही से संयोजित करना, सदस्यों के मांग के आधार पर ऋण प्रदान करना तथा दिए हुए ऋण को चुकाना।

Q:- 7. स्वयं सहायता समूह की स्थापना कब हुई थी?

Ans:- 7. स्वयं सहायता समूह की स्थापना 1970 में की गई थी इसकी स्थापना गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण के लिए बनाया गया था।

निष्कर्ष (conclusion):- हमारे द्वारा आप सभी को अपनी इस पोस्ट के माध्यम से Swayam sahayata samuh sakhi yojana kya hai? इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। जिन महिलाओं को भारत सरकार के द्वारा शुरू की गई स्वयं सहायता समूह सखी योजना के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। उन सभी महिलाओं के लिए हमारा यह लेख बेहद फायदेमंद साबित हुआ होगा क्योंकि हमारे द्वारा आप सभी को इस लेख में इस योजना से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदान की गई है। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो, तो आप हमें इसकी जानकारी कमेंट सेक्शन में दे सकते हैं। साथ ही यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो, तो आप अपने सभी जरूरतमंद दोस्तों के साथ इसे अवश्य शेयर करें।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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