टाइम टेबल कैसे बनाएं? कामयाब लोग कैसे बनाते हैं? टाइम टेबल?

दोस्तों, आप सभी जानते हैं कि समय एक ऐसी चीज है। जो बार-बार वापस लौटकर नहीं आता है इस पर एक महापुरुष ने कहा है “यदि आप अपने टाइम का सही इस्तेमाल करते हैं, तो आपकी सफलता निश्चित है” यदि आप एक स्टूडेंट हैं, तो आपको अपने समय का सही इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। यदि आप अपने लक्ष्य को पाना चाहते हैं।  तो आपको हम Time table kaise banaye? इसके बारे में बताया है।

 आप सभी को तो पता ही होगा। आज तक के जितने भी टॉपर बने हैं। उन्होंने अपने टाइम टेबल को सही ढंग से फॉलो किया है। यदि आपको भी टॉप लिस्ट में आना है, तो आपको अपने टाइम टेबल को अनुशासन पूर्वक फ़ॉलो करना होगा। यदि आप जाना चाहते हैं कि टाइम टेबल को किस प्रकार बनाना चाहिए। तो हम आप सभी को इस लेख में Time table kaise banaye? Time table ke fayede आदि के बारे में बता रहे है। 

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टाइम टेबल बनाने के कुछ फायदे? (Benefits of Time table?)

टाइम टेबल कैसे बनाएं

हमारे द्वारा आप सभी को यहां टाइम टेबल बनाने के फायदे के बारे में बताया जा रहा है। वैसे तो आप सभी टाइम टेबल के फायदे जानते हैं, परंतु हम आपको थोड़ा मोटिवेट करने की कोशिश जरूर करेंगे। यह जानकारी निम्न प्रकार है-

  • यदि आप किसी विषय में कमजोर हैं, तो आपको उस विषय के लिए ज्यादा समय निकालना चाहिए।
  •  टाइम टेबल बनाने का सबसे अच्छा फायदा आप पढ़ाई को आसानी से टाल नहीं सकते हैं।
  • टाइम टेबल बनाने से आप टाइम को मैनेज करने में सक्षम हो सकते हैं।
  • यदि आप टाइम टेबल बनाते हैं, तो आप अनुशासन से चलते हैं।
  • टाइम टेबल बनाने से आपको यह भी लाभ है कि आप अपने टाइम को बर्बाद करने से बच सकते हैं और आपको अपने टाइम को बर्बाद करने का अफसोस नहीं होता।
  • यदि आप टाइम टेबल से पढ़ते हैं, तो आप फिट भी रहेंगे और समय-समय पर हर काम को करने में सक्षम रहेंगे।
  • यदि आप एक विद्यार्थी हैं और आपके टाइम टेबल बनाने का मकसद अपनी पढ़ाई को ज्यादा से ज्यादा समय देना होता है।
  • यदि आप एक बिजनेसमैन हैं, तो आप  टाइम टेबल को इसलिए बनाते हैं ताकि आप अपने काम को ज्यादा वक्त देने में सक्षम हो सके। 
  • आपको अपना एक डेली टास्क बनाना होता है और उसे इंपॉर्टेंस देते हुए पहले और दूसरे नंबर पर रखना है। यदि आप अपना टाइम टेबल बनाते हैं, तो ध्यान रखें कि आप अपने टाइम टेबल में फालतू कामों को न जोड़े।
  • इस प्रकार ही आप टाइम टेबल से फायदा प्राप्त कर सकेंगे।

टाइम टेबल कैसे बनाएं? (How to make Time Table?)

दोस्तों, यदि आप टाइम टेबल बनाना चाहते हैं और कंफ्यूज है कि आप किस प्रकार टाइम टेबल बनाएं? तो हमारे द्वारा आप सभी को नीचे How to make Time Table? के बारे में विस्तार पूर्वक बताया जा रहा है-

  • अगर आप टाइम टेबल बनाना चाहते है, तो आपको एक चार्ट पेपर, सिंपल पेपर या कार्डबोर्ड ले सकते हैं। आप कुछ भी ले सकते हैं जिस पर भी आप टाइम टेबल बनाने के इच्छुक हैं।
  • अगर आप चाहते हैं तो टाइम टेबल बनाने के लिए स्प्रेडशीट और डिजिटल एप्स का उपयोग भी कर सकते हैं। लेकिन आपके लिए ज्यादा अच्छा होगा कि आप चार्ट पेपर या किसी सिंपल पेपर पर अपना टाइम टेबल स्वयं बनाएं। 
  • हमने निम्न प्रकार आपको कुछ आईडिया दिए हैं। जिनको अपना कर आप अपना एक बेहतरीन टाइम टेबल बना सकते हैं-

1. अपना क्लियर “Goal” बनाएं (Make Clear Goal)

 सबसे पहले आपको यह सुनिश्चित करना होगा  कि आपका टाइम टेबल बनाने का मकसत क्या है? “ क्या आप अपनी कक्षा में टॉप करना चाहते हैं” या “आप कोई एंट्रेंस लेवल या कोई परीक्षा पास करना चाहते हैं” या “ आप अपने बिजनेस को ऊंचाई पर ले जाने में सक्षम होना चाहते हैं”। आपके माइंड में क्लियर होना चाहिए कि आप क्या करना चाहते हैं। चार्ट पेपर पर ऊपर बड़े-बड़े शब्दों में आपको अपने Goal को लिखना चाहिए।

यदि आप अपनी Goal पेपर के ऊपर लिखते हैं, तो आप टाइम टेबल फॉलो करने में सक्षम होते हैं। क्योंकि जब कोई टारगेट हमारे सामने होता है, तो हम उसी के बारे में बार-बार सोचते रहते हैं और उसे पूरा करने में अधिक मेहनत करते हैं। यदि हम बार-बार अपने गोल के बारे में सोचेंगे, तो निश्चित रूप से हम अपने Gaol पाने में सक्षम हो पाएंगे। 

जिसे यह फायदा होगा कि हम अपने टाइम टेबल को फॉलो करने के लिए ज्यादा से ज्यादा मोटिवेट होते रहेंगे। जिन लोगों ने अपने गोल नहीं लिखे हैं, उन्हें सफलता प्राप्त नहीं हुई है। लेकिन जिन लोगों ने अपनी गोल लिखे हैं, उन्हें निश्चित रूप से सफलता प्राप्त हुई है। तो अगर आप टाइम टेबल बनाते हैं, तो आपके पास एक क्लियर गोल होना चाहिए। जिस पर आप निशाना साधने में सक्षम हो सके।

2. अपने लिए डेडलाइन सेट करें (Set Deadline)

चार्ट पेपर के ऊपर अपने Goal को लिखने के बाद आपको एक डेडलाइन लिखनी है। यह वह date है, जिस डेट के आने से पहले आपको अपने टारगेट तक पहुंचना है या आप पूरी तरह से तैयार रहना चाहते है जिसे आप अपनी परीक्षा की तारीख भी कह सकते हैं। 

यदि आप अपनी परीक्षा की तारीख लिखते हैं, तो आप अपने टारगेट को परीक्षा की तारीख से पहले पूरा कर सकते हैं। यदि आप डेडलाइन सेट करते हैं, तो इससे आपको यह लाभ है की यह आपको बताता है कि आपको इस समय से पहले अपने Goal तक पहुंचना है। फिर आप फालतू के कामों से बच सकते हैं। जिससे आपका समय बर्बाद नहीं होगा।

3. अपने टास्क की लिस्ट बनाएं (Make list of Task)

अब आपको एक रफ पेपर पर टास्कस की लिस्ट बनानी चाहिए। आपको इसमें दिन भर के सारे  छोटे-बड़े सभी कार्यों को लाइन वाइज लिखना होगा। ध्यान रखें कि आप अपने टास्कस की लिस्ट में फालतू कामों को न जोड़े। रफ पेपर पर टास्कस की लिस्ट बनाने के बाद ऐसे कामों को choose करे। जो आपको आपके Goal तक ले जाने में आपकी सहायता करेंगे।

लेकिन आपको आपने टाइम टेबल में कोई ऐसे काम को नहीं ऐड करना है। जिससे आप अपने टारगेट को पूरा करने में सक्षम ना हो पाए क्योंकि कुछ ऐसे लोग होते हैं, जो कुछ फालतू कामों को अपने टाइम टेबल में जोड़ देते हैं और उन कामों के कारण उनकी पढ़ाई पीछे छूट जाती है। जिससे उनके टाइम टेबल का कोई अर्थ नहीं होता।

फेमस लेखक ब्रायन ट्रेसी का कहना है “कि अपने सबसे मुश्किल जरूरी काम को सबसे पहले करें वरना आप  बाद में आप उस काम को कल पर टाल देंगे”  इसलिए आपको अपने टाइम टेबल में मुश्किल  इंपॉर्टेंट काम को सबसे पहले रखना चाहिए और अपनी इंपॉर्टेंस के मुताबिक अपने कार्य को पूरा करना चाहिए।

4. अपना बेस्ट टाइम चुने (Choose Best Time)

जैसा कि आप जानते हैं कि हमारा दिमाग हर समय एक्टिव नहीं रहता है। हमें यह देखना होगा कि हमारा दिमाग किस समय एक्टिव रहता है। जिस समय आपका दिमाग ज्यादा एक्टिव रहता है। उस समय आपको अपना सबसे इंपॉर्टेंट और मुश्किल काम करना चाहिए। उदाहरण के लिए पढ़ाई।

अक्सर आप लोग अपने आसपास ऐसा सुनते होंगे की सुबह पढ़ने से ज्यादा याद होता है, परंतु ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि बहुत सारे टॉपर हैं, जो रात में जाकर अपनी पढ़ाई करते हैं, तो आपको यह देखना है कि आपको किस वक्त पढ़ने में ज्यादा मजा आ रहा है और कितना ज्यादा याद हो रहा है। 

जिस वक्त आपको सबसे ज्यादा याद होता है, उस वक्त आपको याद करना चाहिए या अपनी पढ़ाई करनी चाहिए। अपनी पढ़ाई करने हेतु अपने टाइम टेबल में मुश्किल काम को करने के लिए आपको सबसे बेहतरीन समय चुनना चाहिए। जिससे आपको ज्यादा और अच्छा याद हो। यह आपके लिए अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है।

5. अपना टाइम टेबल डिजाइन करें (Design your time table)

आपको अपने टाइम टेबल को काफी साफ और सुंदर तरीके से बनाना है और उसे बहुत अच्छी तरीके से डिजाइन करना है। यदि आप किसी चार्ट पेपर पर अपना टाइम टेबल बना रहे हैं, तो आपको लाइंस खींचनी चाहिए और लाइंस खींचने के लिए आपको स्केल का उपयोग करना चाहिए। जिससे आपकी लाइंस सीधी होगी और आपका टाइम टेबल दिखने में काफी अच्छा लगेगा।

यदि आप किसी विषय में बहुत कमजोर हैं और आपने अपने टाइम टेबल में उस विषय को ज्यादा समय दिया है। तो आप जिस विषय में कमजोर हैं उस विषय को और उसके टाइम को अलग दर्शाने के लिए उस पर पेंसिल कलर कर सकते हैं। जिससे कि उसे सब्जेक्ट पर आपका ध्यान ज्यादा जाए। 

  • फर्स्ट लाइन में आपको टाइम पीरियड लिखना चाहिए। उसमें आपको यही दिखाना होगा कि आप कितने समय में कितना विषय पढ़ेंगे।
  • सेकंड लाइन में आपको आपका जो टास्क या सब्जेक्ट उसको लिखना चाहिए। जिससे कि आपको पता चले कि आप किस सब्जेक्ट को किस समय में पढ़ रहे।
  • आपको यह भी देखने की जरूरत है कि आपको सबसे ज्यादा क्या पढ़ना चाहिए। किस सब्जेक्ट में आप सबसे ज्यादा कमजोर है। किस सब्जेक्ट पर आपको सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।

6. टाइम ब्लॉक (Time block) 

हम लोग अधिकतर टाइम टेबल घंटो के आधार पर बनाते है। लेकिन अगर आप चाहते हैं, तो अपने टाइम टेबल को दिन, हफ्ते और महीने के अकॉर्डिंग  या किसी टास्क के आधार पर बना सकते हैं।

जैसे कि आपको सोमवार को केवल विज्ञान ही पढ़ना है या किसी दिन केवल सुबह 9:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक सिर्फ गणित व अंग्रेजी ही पढ़नी है। आप अपना टाइम टेबल इस प्रकार भी बनाने में सक्षम हो सकते हैं।

 यदि आप अपने टाइम को अच्छे से मैनेज करते हैं, तो आप कमजोर विषय पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दे सकते हैं और अपने कमजोर विषय पर ज्यादा से ज्यादा पढ़ने में सक्षम हो सकते हैं। आपको यही जानकर हैरानी होगी कि एलोन मस्क भी टाइम ब्लॉकिंग टेक्नीक का उपयोग करते हैं। जिससे कि वे अपने समय को मैनेज कर सके।

7. सब्जेक्ट से जुड़ा सामान इकट्ठा कर ले (Collect the things related to subjects)

टाइम टेबल के अनुसार अगर आप किसी विषय को पढ़ने जाते हैं, तो आपको उससे संबंधित सारा सामान जूटा कर अपने पास रख लेना चाहिए। जिससे कि आपको पढ़ते वक्त बार-बार उठने की जरूरत नहीं पड़ेगी और आपकी पढ़ाई में डिस्टरबेंस नहीं आएगी। उदाहरण के लिए, आप गणित विषय को पढ़ते हैं, तो आपको उससे संबंधित हर सामान 

जैसे:- असाइनमेंट, नोट्स, ज्योमेट्री बॉक्स आदि अपने पास रख लेना चाहिए। जिससे कि आप आसानी पूर्वक पढ़ सके।आपको किसी सामान को लेने के लिए बार-बार उठाना ना पड़े।अक्सर आपके साथ ऐसा होता हैं कि आप अगर कोई सब्जेक्ट को पढ़ाने जाते हैं, तो आप उससे संबंधित सामान नहीं लेकर बैठते हैं।

 जिससे कि आपको बार-बार सामान को लेने के लिए जाना होता है और यह आपके लिए बहुत ही डिस्टरबेंस पैदा कर देता है फिर आपका समय ज्यादा से ज्यादा बर्बाद हो जाता है। अगर आपको अपने समय की बचत करनी है साथ ही आपको अपना समय बिल्कुल भी बर्बाद नहीं करना है, तो आपको विषय से संबंधित हर सामान अपने पास इकट्ठा करके रख लेना चाहिए।

8. आराम के लिए टाइम निकाले (Take Time to rest)

 यदि आप चाहते हैं कि आपका दिमाग ज्यादा से ज्यादा काम करें, तो आपको समय-समय पर अपने दिमाग को रेस्ट देना चाहिए। यदि आप 2 घंटे पढ़ते हैं, तो आपको 30 मिनट का रेस्ट लेना आवश्यक तौर पर जरूरी है। यदि आप बहुत देर तक अपनी पढ़ाई करते हैं और रेस्ट नहीं करते है, तो आपका शरीर बहुत थक जाता है फिर आपको नींद आने लगती है। 

ऐसा करने पर आपका मन पढ़ाई में भी नहीं लगता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका मन पढ़ाई में लगे, तो आपको अपने दिमाग को रेस्ट देना चाहिए। जिससे कि आपका दिमाग फ्रेश हो जाए और बेहतरीन तरीके से काम करना शुरू कर दे। दिमाग फ्रेश करने का मतलब यह नही होता की आप सो जाओ। रेस्ट करने के लिए आप थोड़ी देर टहल सकते हो या कुछ खा सकते हो।

 मतलब आपको अपने शरीर को आराम देना चाहिए। जिससे कि आपका शरीर काम करते वक्त थकान महसूस ना करें। जिससे आपका काम आसानी पूर्वक हो जाए। साइंस के मुताबिक अगर आप 50 मिनट पढ़ते हैं, तो आपको 10 मिनट का रेस्ट लेना अनिवार्य हैं। लेकिन आप अपनी  मर्जी के मुताबिक रेस्ट का टाइम निकाल सकते हैं।

9. जरूरत पड़ने पर संशोधन करें (Make amendments if necessary)

अगर आपको लगता है कि आपको अपने टाइम टेबल में बदलाव करने की जरूरत है, तो आप अपने टाइम टेबल में बदलाव अवश्य करें क्योंकि यदि आपने टाइम टेबल में किसी काम या सब्जेक्ट को अधिकतम समय दिया है। 

अब आप उस सब्जेक्ट को इतना समय नहीं देना चाहते हैं, तो आप बदलाव कर सकते हैं और बदलाव करना जरूरी भी होता है। आप बदलाव तो कर सकते हैं लेकिन ध्यान रखें की टाइम टेबल में जल्दी-जल्दी बदलाव न करें। जैसे कि आपने आज टाइम टेबल बनाया और कल उसमें बदलाव कर दिया। 

तो इससे आपका मन पढ़ाई में नहीं लगेगा और आपका दिमाग भटक जाएगा। फिर आप उस काम को करने या पढ़ने में सक्षम नहीं हो पाएंगे। यदि आप किसी टाइम टेबल में बदलाव करते हैं, तो आपको पेंसिल का इस्तेमाल करना चाहिए। जिससे बदलाव की प्रक्रिया आसानी पूर्ण हो जाएं।

10. तनाव न ले (don’t take stress)

आप अपने टाइम टेबल को इसलिए बना रहे हैं ताकि आप अपने टाइम को मैनेज कर सके अगर आप अपने टाइम टेबल से कुछ अलग कर लेते हैं तो आपको उसमें कोई टेंशन या तनाव लेने की जरूरत नहीं है।

क्योंकि अक्सर ऐसा होता है कि आपके पास कोई ऐसा काम आ जाता है जिससे आप अपने टाइम टेबल से भटक जाते हैं तो इसमें आपको टेंशन या उदास होने की जरूरत नहीं है लेकिन आप कोशिश करते रहे कि आप अपने टाइम टेबल पर डटे रहें और तनाव न ले यदि आप तनाव टेंशन लेंगे तो आप उसे काम को करने या पढ़ने में सक्षम नहीं हो पाएंगे।

11. टाइम टेबल पर डटे रहे (Stand by Time table)

जैसा कि आप जानते हैं कि कुछ लोग टाइम टेबल तो बना लेते हैं। लेकिन उसे पूरा करने में सक्षम नहीं होते हैं, तो ऐसा आपको नहीं करना है। आप अपना टाइम टेबल बना रहे हैं। ताकि आप अपने टाइम को मैनेज कर सकें। तो आपको अपने टाइम टेबल पर डटे रहना है। 

जिससे आप अपनी पढ़ाई को करने में सक्षम हो सकते हैं। इसीलिए आपको अपने टाइम टेबल पर पूरी तरह डटे रहना है। कभी-कभी पढ़ाई करते आपको ऐसा लगता होगा की सोशल मीडिया यूज़ कर लेते हैं, कोई वीडियो देख लेते हैं या फोन चला लेते हैं। तो आपको ऐसा नहीं करना है। पढ़ाई करते बीच या अपने टाइम टेबल को फॉलो करने के बीच 

आपको कोई फालतू काम नहीं करना है क्योंकि ऐसा करने से आपका मन भटक सकता है और आप पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। अगर आपका मन ऐसा कह रहा है, तो आपको अपने मन से कह देना है कि “मैं अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता हूं और अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहता हूं”

टाइम टेबल कैसे बनाएं? इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs):- 

Q:- 1. टाइम टेबल की आवश्यकता क्यों पड़ती है?

Ans:- 1 टाइम टेबल की आवश्यकता इसलिए पड़ती है जिससे कि आप अपने टाइम को मैनेज कर  सके और अपने समय का सदुपयोग करने में सक्षम हो सके। टाइम टेबल बनाना इसलिए भी जरूरी होता है ताकि आप हर विषय को टाइम दे सकते हैं साथ ही जिस विषय में आप सबसे ज्यादा कमजोर हैं, उसे ज्यादा टाइम भी दे सकते हैं। 

Q:- 2. टाइम टेबल किस पर बनाना चाहिए?

Ans:- 2. आप टाइम टेबल किसी कार्डबोर्ड या चार्ट पर भी बना सकते हैं। यदि आप चाहे तो डिजिटल एप्स पर भी अपना टाइम टेबल बना सकते हैं, परंतु कार्डबोर्ड या चार्ट पर टाइम टेबल को बनाना ज्यादा बेहतर होगा और यदि आप सब अपना टाइम टेबल बनाएंगे, तो आप अच्छे से उसे फॉलो कर पाएंगे क्योंकि आप उसे अपने अकॉर्डिंग बनाएंगे। 

Q:- 3. टाइम टेबल बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें?

Ans:- 3. टाइम टेबल बनाते समय आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपको उसमें कोई फालतू चीज नहीं जोड़नी है साथ ही  टाइम टेबल को अच्छे से डिजाइन करना होता है। आप लोगों को अपना टाइम टेबल अपने हाथों से ही बनना चाहिए क्योंकि हाथों से लिखी हुई चीज दिमाग में ज्यादा बैठती हैं। 

Q:- 4. टाइम टेबल कैसे बनाएं?

Q:- 4.  दोस्तों,  यदि आप कंफ्यूज है कि टाइम टेबल कैसे बनाएं? तो आपको बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमारे द्वारा इस लेख में ऊपर How to make Time table? इसके बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान की गई है। यह जानकारी आप सभी के लिए आवश्यक तौर पर फायदेमंद साबित होगी।

Q:- 5. टाइम टेबल बनाने के क्या फायदे होते हैं?

Q:- 5. टाइम टेबल बनाने के बहुत सारे फायदे हैं। यदि आप टाइम टेबल बनाते हैं, तो आप कमजोर विषय के लिए ज्यादा से ज्यादा वक्त निकाल सकते हैं और आपके अंदर अनुशासन की भावना उत्पन्न होती है। टाइम टेबल बनाने का सबसे अच्छा फायदा यही है कि आप अपनी टाइम को बर्बाद नहीं करते है

Q:- 6. टॉपर्स किस तरह पढ़ते हैं?

Ans:- 6. टॉपर्स अपनी पढ़ाई बहुत ही सीरियस होकर करते हैं। पहले तो वह इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनका Goal क्या है? वह गोल को क्लियर करते हैं और फिर अपने रूटीन और वातावरण को समझते हैं। जिससे कि वह अपने दिन के रूटिंन को अच्छे से मैनेज कर पाएं। 

निष्कर्ष (Conclusion) :- दोस्तों, हमारे द्वारा आज आप सभी को इस लेख में Time table kaise banaye? इससे संबंधित संपूर्ण जानकारी विस्तार पूर्वक दी है। बहुत से छात्र ऐसे होते हैं, जो टाइम टेबल बनाने में बहुत कन्फ्यूजन रखते हैं और उन्हें समझ नहीं आता कि वह किस प्रकार टाइम टेबल बनाएं? उनके लिए हमारा यह लेख बहुत ही फायदेमंद साबित होगा। यदि आप सभी को हमारे द्वारा दी गई संपूर्ण जानकारी पसंद आई हो, तो आप हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताइए। साथ ही इस लेख को अधिक से अधिक लोगों के साथ शेयर करना ना भूले।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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