दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं आज की इस दुनिया में हम लोग इंटरनेट का कितना उपयोग करते हैं। इंटरनेट हमारे लिए आवश्यक तौर पर जरूरी हो गया है। हम मोबाइल से इंटरनेट के माध्यम से काफी चीज Search करते हैं। साथ ही साथ हम जो सर्च करते हैं, उसे पढ़ते भी हैं परन्तु यह नहीं जानते कि उसमें भी यूआरएल मौजूद होता है। बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें URL की पूरी जानकारी नहीं है, तो हम आपको यहां पर URL kya hota hai? URL ki full form kya hoti hai? इससे संबंधित संपूर्ण जानकारी दे रहे हैं।
यदि आप इंटरनेट का उपयोग करते हैं, तो आपको वेबसाइट के बारे में थोड़ी जानकारी अवश्य पता होगी। आपको इस बात की जानकारी अवश्य होगी कि हम वेबसाइट के एड्रेस को विकसित कहां पर करते हैं यदि नहीं है, तो हम यहां पर आपको संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। हम आपको लेख में What is URL? What is a full form of URL? इसके बारे में संपूर्ण जानकारी विस्तार पूर्वक बताई गई है। जो आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
यूआरएल क्या होता है? (What is a URL?)
जिन्हें यूआरएल के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। उन सभी को हमारे द्वारा यहां पर सबसे पहले What is a URL? के बारे में बताया जा रहा है। किसी भी वेबसाइट के पेज को represent करने का काम URL के द्वारा ही किया जाता है। URL हमें web page तक ले जाने में भी काफी मददगार है। यूआरएल को सबसे पहले 1994 में Tim Berners-Lee lee द्वारा लिखा गया था।
इसके बाद ही लोग इस वेबसाइट पर जाने लगे और इसका उपयोग काफी ज्यादा होने लगा। जिसे आज के समय में यूआरएल के नाम से जाना जाता है। जब हम किसी वेबसाइट पर जाने की प्लानिंग करते हैं, तो हमें सबसे पहले URL का address टाइप बॉक्स में लिखना पड़ता है। इसके बाद हम किसी वेबसाइट पर वेब पेज को जोड़कर सीधे add कर देते हैं। किसी भी प्रकार का वेबसाइट इस तरह होता है। जैसे:- https://samajikyojana.in/
यूआरएल के पार्ट्स? (Parts of URL?)
यदि सामान्य तौर पर देखा जाए, तो यूआरएल के पांच पार्ट्स होते हैं। यदि आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा आप सभी को इसकी जानकारी विस्तार पूर्वक निम्न प्रकार दी गई है-
- HTTP
- Domain name
- www
- yahoo
- Com
बहुत से लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होगी। हम आपको इनके बारे में थोड़ी जानकारी देते हैं,जो आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है।
- HTTP के बारे में बात की जाए, तो यह URL का पहला भाग होता है, इसकी फुल फॉर्म Hypertext transfer protocol होती है। इसकी मदद से हम डाटा को ट्रांसफर करने में सक्षम हो पाते हैं।
- यूआरएल के दूसरे भाग को डोमेन नेम के नाम से जाना जाता है। डोमेन नेम में किसी पार्टिकुलर वेबसाइट का नाम लिखा होता है।
- यदि हम तीसरी भाग की बात करें, तो www वर्ल्ड वाइड वेब होता है। यह एक प्रकार की सर्विस होती है। जो हमें इसके द्वारा प्राप्त होती है।
- यदि हम चौथे भाग की बात करें, तो वह yahoo के नाम से जाना जाता है या फिर हम किसी दूसरे संस्था की भी बात कर सकते हैं। इसके जरिए हम यूआरएल में अपना प्रोटोकॉल बनाने में सक्षम होते हैं।
- यदि हम पांचवी यानी की सबसे आखिरी भाग के बारे में बताएं, तो वह .com या डोमेन एक्सटेंशन के नाम से जाना जाता है। यह URL यह बताता है की वेबसाइट किस तरह की है।
यूआरएल का फुल फॉर्म? (Full form of a URL?)
सबसे पहले तो आपको यह पता होना चाहिए कि URL का फुल फॉर्म क्या होता है। URL का फुल फॉर्म Uniform Resource Locator होता है। इसका मतलब यह होता है कि आपको जो भी रिसोर्स चाहिए। जहां पर आपका डाटा स्टोर होता है, उसको दूसरे तक पहुंचाने के लिए एक लिंक की आवश्यकता पड़ती है, वही URL होता है। यदि आप अपना पेज ओपन करना चाहते हैं, तो आपका पेज URL देने से ही ओपन होगा।
यदि हम साधारण भाषा में कहें, तो इसके जरिए से हम वेबसाइट को visit करने में सक्षम हो पाते हैं। जैसे कि आप गूगल पर कुछ भी सर्च करते हैं या फिर आप इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं, तो यह सभी URL की ही मदद से ही होता है। आप यह सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे होता है, तो यह काम गूगल कर देता है। गूगल को यह पता होता है कि आपका URL क्या है? यदि आपने अपना URL गूगल को सबमिट किया होता है।
यूआरएल का इस्तेमाल कहां-कहां किया जाता है? (What are URLs Use?)
हमने आपको यूआरएल की फुल फॉर्म के बारे में संपूर्ण जानकारी दी है। जो आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है। लेकिन अब आप लोगों के मन में यह प्रश्न आ रहा होगा कि URL आखिर कहां-कहां इस्तेमाल किया जाता है? तो हम रोको बता दें। URL विभिन्न क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाता है। यदि आप जानना चाहते हैं। इसीलिए यूआरएल कहां-कहां इस्तेमाल किया जाता है, हमारे द्वारा दी गई इस जानकारी को अवश्य पढ़े। हमने आपको यहां कुछ क्षेत्र बताए हैं। जो निम्न प्रकार है-
- Network resource Find करने के लिए
- web browser में
- Software के केस मेडिकल
- Email client के लिये
- Network के Resource provide करने हेतु जैसे पीडीएफ, वीडियो, फोटो आदि।
अगर हम आपको आसान भाषा में बताएं, तो इसका मतलब यह होता है कि अगर हम किसी भी वेबसाइट पर विकसित करना चाहते हैं, तो हमें उसे वेबसाइट का एड्रेस पता होना आवश्यक तौर पर जरूरी है। जब हमें उस वेबसाइट का एड्रेस पता होगा तभी हम किसी वेबसाइट पर visit करने में सक्षम हो पाएंगे। जब हम वेबसाइट के एड्रेस को देखते है, तो वेबसाइट के एड्रेस को हम URL के रूप में ही देखते हैं। साथ ही साथ URL के माध्यम से ही हम वेबसाइट को visit करने में सक्षम हो पाते हैं।
सिक्योर यूआरएल क्या होता है? (What is a Secure URL?)
दोस्तों, हम आपको यहां secure URL kya hota hai? तो इसके बारे में हमने आपको काफी जानकारी दी है। जो आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है। जो आर्टिकल आप इसमें पढ़ रहे है। उसे ही secure URL कहते है। URL इंक्रिप्टेड यानी http:// होता है।
इसके साथ- साथ जो URL secure होता है। वह SSL सर्टिफिकेट की मदद से होता है। यह आपको या तो परचेस करना होता है या होस्टिंग की तरफ से होता है। इसलिए आप जब भी किसी वेबसाइट पर विजिट करते हैं, तो secure वेबसाइट पर ही करें। वरना आपका डाटा Hack हो सकता है।
जब आप कोई नेट बैंकिंग या फॉर्म फिल करते हैं तो आपका जो डाटा होता है। वह किसी सर्वर में स्टोर हो जाता है। यदि आपका URL safe नहीं रहेगा। तो आपका डाटा देखने में कोई भी सक्षम हो सकता है। जिसके कारण आपका डाटा का गलत तरीके से इस्तेमाल होगा। लेकिन यदि आपका secure URL है, तो आपका डाटा बिल्कुल सेव रहेगा।
यूआरएल का कॉम्पोनेंट्स? (Components of URL?)
यूआरएल कितने कंपोनेंट से मिलकर बना हुआ है यदि आप जानना चाहते हैं कि वह कितने कॉम्पोनेंट्स से मिलकर बना हुआ है, तो हमारे द्वारा दी गई जानकारी को अवश्य पढ़े। जो आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। URL basically तीन parts से मिलकर बना होता है। जो निम्नलिखित है:-
- प्रोटोकॉल डेजिग्नेशन (Protocol Designation)
- एड्रेस और होस्ट नेम (Address or Host name)
- रिसोर्स लोकेशन (Resource location)
यूआरएल कैसे काम करता है? (How does a URL work?)
अपने यूआरएल के बारे में काफी जानकारी जान ली है। हमने आपको यूआरएल से संबंधित काफी जानकारी दे दी है लेकिन अब आपके मन में यह प्रश्न आ रहे होंगे कि यूआरएल काम कैसे करता है, तो इसके बारे में यदि आपको जानकारी एकत्र करनी है, तो हमारे द्वारा इसकी जानकारी दी गयी है। इसे अवश्य पड़े, जो आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। इससे आपको बहुत फायदे प्राप्त होंगा।
यदि आप इंटरनेट का इस्तेमाल काफी बेहतरीन तरीके से करते हैं, तो आपको इस बात की जानकारी अवश्य होगी कि इंटरनेट पर लाखों करोड़ों वेबसाइट मौजूद होती हैं। इसके कारण वेबसाइट का अपना स्वयं का IP address होता हैं। जैसे कि हम आपको बताएं, यदि हम किसी search bar में टाइप करते हैं, www.google.com तो यदि इसके IP न्यूमेरिकल एड्रेस की बात करें, तो वह कुछ इस तरह से लिखा होता है। जैसे:-64.233.167.99
यूआरएल क्या होता है? यूआरएल से संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs):-
Q:- 1. यूआरएल क्या होता है?
Ans:- 1. यूआरएल को सबसे पहले 1994 में Tim Berners-Lee lee द्वारा लिखा गया था। तभी से इसका उपयोग अधिक किया जाने लगा। किसी भी वेबसाइट के पेज को यूआरएल के द्वारा ही रिप्रेजेंट किया जाता है। किसी भी वेबसाइट पर जाने के लिए सबसे पहले हमें यूआरएल का एड्रेस ही टाइप करना होता है। यूआरएल ही हमें किसी भी वेबसाइट पर ले जाने में सक्षम होता है।
Q:- 2. यूआरएल की फुल फॉर्म क्या होती है?
Ans:- 2. हम सभी लोग यूआरएल के नाम को तो कई बार सुन चुके हैं, परंतु हमें इसकी फुल फॉर्म के बारे में नहीं पता होता है। यूआरएल की फुल फॉर्म यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर (Uniform resource locator) होती है। इसका मतलब वह रिसोर्स होता है, जहां आप अपना डाटा स्टोर करते हैं। अपनी वेबसाइट को लोगों तक पहुंचाने के लिए आप लोगों तक लिंक शेयर करते हैं। उसी को यूआरएल कहते हैं।
Q:- 3. यूआरएल कैसे काम करता है?
Ans:- 3. यदि आप लोग जानना चाहते हैं कि यूआरएल किस प्रकार कार्य करता है? तो हमारे द्वारा आप सभी को ऊपर लेख में How does a URL Works? के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है। आप हमारे इस लेख को पढ़कर यूआरएल के कार्यों के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
Q:- 4. यूआरएल के कॉम्पोनेन्ट कौन-कौन से होते हैं?
Ans:- 4. यूआरएल के कंपोनेंट से मतलब यूआरएल के भागों से होता है। यदि आप जानना चाहते हैं कि यूआरएल कौन-कौन से कंपोनेंट से मिलकर बना होता है। तो हम आपको बता दें, यह बेसिकली तीन प्रकार के कंपोनेंट से मिलकर बनता है। जोकि निम्न प्रकार है-
प्रोटोकॉल डेजिग्नेशन
एड्रेस और होस्ट नेम
रिसोर्स लोकेशन
Q:- 5. यूआरएल के पार्ट्स कौन-कौन से हैं?
Ans:- 5. यूआरएल के कुछ मुख्य भाग भी होते हैं, जिनके बारे में आप सभी को पता होना बहुत जरूरी होता है। यूआरएल के मुख्य तौर पर पांच पार्ट्स होते हैं जो कि नीचे दिए गए हैं-एचटीटीपी (HTTP)
डोमेन नेम (Domain name)
डब्लू डब्लू डब्लू (WWW)
याहू (yahoo)
कॉम (Com)
Q:- 6. सिक्योर यूआरएल क्या होता है?
Ans:- 6. सिक्योर यूआरएल एसएसएल सर्टिफिकेट की मदद से होता है। यह या तो आपको परचेज करना होता है या फिर होस्टिंग की तरफ से प्राप्त होता है। इसलिए जब भी आप किसी वेबसाइट पर विजिट करते हैं, तो आपको सिक्योर वेबसाइट पर विजिट करना चाहिए। नहीं तो आपका डाटा हैक हो सकता है।
Q:- 7. यूआरएल का इस्तेमाल कहां-कहां किया जाता है?
Ans:- 7. यूआरएल का इस्तेमाल विभिन्न क्षेत्र में किया जाता है, परंतु हमारे द्वारा आप सभी को यहां कुछ खास क्षेत्र के बारे में आपको बता दिया जा रहा है। आप यूआरएल का इस्तेमाल नीचे दिए गए क्षेत्र में आसानी से कर सकते हैं-Network resource Find करने के लिए
2. web browser में
3. Software के केस मेडिकल
4. Email client के लिये
5. Network के Resource provide करने हेतु जैसे पीडीएफ, वीडियो, फोटो आदि।
निष्कर्ष (Conclusion):- दोस्तों, आज हमारे द्वारा आप सभी को यूआरएल से संबंधित संपूर्ण जानकारी हमने आप सभी को यहाँ URL kya hota hai? URL kaise kaam karta hai? URL ki full form kya hoti hai? इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है। यदि आप सभी को यूआरएल से संबंधित जानकारी प्राप्त करनी थी। तो हमारा यह लेख आप सभी के लिए बेहद फायदेमंद साबित रहा होगा। हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई हो। यदि आपको इससे संबंधित कोई भी जानकारी पसंद आती है, तो आप हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बता सकते हैं। साथ ही इस संपूर्ण जानकारी को अधिक से अधिक लोगों के साथ शेयर करना ना भूले।