कोई भी व्यक्ति, जो मेहनत करके संपत्ति बनाता है, उसे अक्सर या चिंता रहती है कि उसके इस दुनिया से जाने के बाद उसकी संपत्ति का क्या होगा? उसे डर रहता है कि उसकी संपत्ति गलत हाथों में न पड़े अथवा उसका गलत इस्तेमाल न हो। वह ये भी चाहता है कि उसके बाद उसकी प्रापर्टी को लेकर उसके बच्चों में झगड़ा न हो।
ऐसे में वह अपने जीवनकाल में अपनी संपत्ति की वसीयत कर प्रॉपर्टी वितरण करते हुए अपने उत्तराधिकारी नामित कर देता है। यह अलग बात है कि आज भी बहुत से लोगों को यह नहीं पता कि वसीयत कैसे बनाई जाती है? (How a will is made?) आज इस पोस्ट में हम आपको इसी संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं –
वसीयत क्या होती है? (What is will?)
वसीयत कैसे बनाई जाती है? यह बताने से पहले यह जानना आवश्यक है कि वसीयत क्या होती है? (What is a will?) मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि वसीयत (will) एक ऐसा दस्तावेज (document) है, जिसके ज़रिए कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से अपनी मृत्यु के पश्चात अपनी संपत्ति (property), किसी संबंधित व्यक्ति को सौंपता है।
वसीयत करने वाला व्यक्ति जब तक जिंदा रहता है, उसका अपनी प्रापर्टी पर पूरा हक होता है। लेकिन यदि उसकी मृत्यु हो जाती है तो इसके पश्चात उसकी वसीयत के मुताबिक उसकी संपत्ति उसके उत्तराधिकारी/उत्तराधिकारियों को प्राप्त हो जाती है।
वसीयत कौन बना सकता है (who can make a will?)
यदि आप भी अपनी वसीयत तैयार करना चाहते हैं और अपनी मृत्यु के पश्चात अपनी प्रॉपर्टी किसी अन्य व्यक्ति को सौंपना चाहते हैं तो इसके लिए आवश्यक है कि आप वसीयत बनाने की शर्तों पर खरे उतरते हो जो कि इस प्रकार से हैं-
- आप नाबालिग न हों। इसका अर्थ यह है कि आप 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हों।
- आपका मानसिक रुप से स्वस्थ होना आवश्यक है। तभी आप भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम-1925 के अनुसार अपनी वसीयत लिख सकेंगे अथवा नहीं।
- आपके पास किसी प्रकार की संपत्ति अथवा जीवन बीमा पॉलिसी हो।
- आप किसी प्रकार के दबाव में न हों।
क्या वसीयत का कोई तय फार्मेट होता है? (Is there any set format of writing a will?)
दोस्तों, सच यह है कि यूं तो वसीयत का कोई सेट फार्मेट नहीं होता। आप चाहें तो एक सादे कागज (plain paper) पर भी अपनी वसीयत लिख सकते हैं। लेकिन आपकी सुविधा को देखते हुए हम आपको एक फर्मा बनाकर दे रहे हैं, जिससे आपको वसीयत के लिखे जाने को लेकर एक मोटा सा अंदाजा लग जाएगा। एक वसीयत में यह जानकारी दी जाती है –
व्यक्तिगत जानकारी (personal details) : वसीयत में वसीयत करने वाले का नाम, पिता का नाम, घर का पता एवं जन्म तिथि आदि लिखी जाती है।
तिथि की घोषणा (declaration of date) : वसीयत में इसके तैयार करने की तिथि का उल्लेख किया जाता है।
स्वतंत्र इच्छा का सत्यापन (verification of independent will) : वसीयत बनाते समय आपको ये उल्लेख अवश्य करना होगा कि आप इसे स्वतंत्र इच्छा से बना रहे हैं। आपके ऊपर कोई दबाव (pressure) नहीं है।
निष्पादक का ब्योरा : वसीयत लागू करने वाले को निष्पादक कहा जाता है। वसीयत में निष्पादक का नाम, पता, वसीयतकर्ता से संबंध, उम्र आदि का उल्लेख होगा।
प्रापर्टी का ब्योरा : वसीयत करते समय अचल संपत्तियों की उनके पते के साथ जानकारी देनी होगी। इसके अतिरिक्त चल संपत्ति- जैसे बीमा, बैंक जमा, म्यूचुअल फंड आदि का उल्लेख करना होगा। हर प्रापर्टी के साथ लाभार्थी/लाभार्थियों के नाम का उल्लेख अवश्य करें।
वसीयतकर्ता के हस्ताक्षर : वसीयत पर उपरोक्त सभी दर्ज करने के पश्चात वसीयतकर्ता को आवश्यक रूप से वसीयत पर हस्ताक्षर करने होंगे।
गवाहों के हस्ताक्षर : वसीयत पर भी न्यूनतम दो गवाहों के हस्ताक्षर आवश्यक रूप से कराने होंगे। वसीयत पर गवाहों के पिता के नाम व पते का भी उल्लेख करें।
वसीयत करने से पूर्व आपको हम इससे संबंधित खास टर्म के बारे में भी जानकारी देंगे, जो कि इस प्रकार से हैं-
- वसीयतकर्ता (Testator) : मित्रों, वसीयतकर्ता वह व्यक्ति होता है, जो वसीयत लिखता है।
- वसीयत प्रबंधक (Executor) : यह वसीयतकर्ता का कानूनी प्रतिनिधि (legal representative) होता है, जो वसीयतकर्ता की मौत होने के बाद वसीयत में उल्लिखित उसकी इच्छाओं को पूरा करता है।
- कोडिसिल (Codicil) : यह वसीयत का वह हिस्सा है, जो वसीयत को स्पष्ट करता है, उसमें बदलाव करता है अथवा कुछ जोड़ता है।
- लाभार्थी (Beneficiary) : लाभार्थी वह व्यक्ति होता है, जो वसीयत की शर्तों के अंतर्गत उत्तराधिकार प्राप्त करता है।
- वसीयत संप्रमाण (will Probate) : यह कोर्ट द्वारा की गई वसीयत की सर्टिफाइड, सील्ड कॉपी होती है।
- प्रशासक (Administrator) : प्रशासक वह व्यक्ति होता है, जो वसीयत न होने पर मृतक की प्रापर्टी को बांटता है।
- निर्वसीयत (Intestate) : जब किसी व्यक्ति की वसीयत बनाए बगैर मौत हो जाती है तो इस स्थिति को निर्वसीयत कहा जाता है।
वसीयत कैसे बनाई जाती है? (How a will is made?)
दोस्तों, आइए, अब आपको स्टेप-बाय-स्टेप जानकारी देते हैं कि वसीयत कैसे बनाई जाती है-
- * सबसे पहले आपको यह स्पष्ट करना होगा कि आप वसीयत किसी के दबाव में नहीं बल्कि खुद की मर्जी से लिख रहे हैं। यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो वसीयत कानूनी रूप से मान्य नहीं होगी।
- * इसके पश्चात आपको यह बताना होगा कि आप अपना वसीयत प्रबंधक (will Executor) किसे बनाना चाहते हैं।
- * इसके बाद आपको आपकी सारी प्रॉपर्टी जैसे- म्यूचुअल फंड, बचत खातों में जमा पैसे, एफडी आदि सहित आपके पास मौजूद चल-अचल प्रापर्टी की एक लिस्ट तैयार करनी होगी। ध्यान रखें कि इसमें कोई प्रापर्टी न छूटे।
- * अब आपको यह बताना होगा कि आपकी प्रापर्टी में से विरासत में किसको क्या मिलेगा। ध्यान रखें कि यदि आप परिवार के किसी अवयस्क सदस्य के नाम कोई प्रापर्टी कर रहे हैं, तो आपको बताना होगा कि उसका संरक्षक कौन होगा।
- * इतना करने के पश्चात अपनी मौजूदगी में वसीयत पर दो गवाहों के हस्ताक्षर कराएं।
- * आपको वसीयत पर हस्ताक्षर करने की तारीख एवं स्थान के साथ-साथ अपने गवाहों के पूरे-पूरे नाम-पते भी लिखने होंगे। ध्यान रखें कि आप और आपके गवाहों के वसीयत के प्रत्येक पृष्ठ पर हस्ताक्षर हों।
- * इसके पश्चात आपको अपनी वसीयत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के सब रजिस्ट्रार, जिसके अधिकार क्षेत्र में संपत्ति का प्रमुख हिस्सा आता है, के पास जाकर रजिस्टर्ड करानी होगी।
वसीयत का रजिस्ट्रेशन कराने की क्या प्रक्रिया है? (What is the process to register the will?)
- सबसे पहले वसीयत का ड्रॉफ्ट (draft) तैयार करें। यदि चाहें तो इसके लिए किसी वकील से भी सलाह ले सकते हैं।
- इसके पश्चात दो गवाहों के साथ सब रजिस्ट्रार कार्यालय (sub registrar office) में संपर्क (contact) करें।
- आप जिस राज्य (state) में रहते हैं, वहां प्रापर्टी रजिस्ट्रेशन के नियमों के अनुसार रजिस्ट्रेशन फीस (registration fee) का भुगतान (payment) करें।
- लगभग एक सप्ताह में, आपको वसीयत की रजिस्टर्ड कॉपी (registered copy) मिल जायेगी।
- यह बेहद आसान प्रक्रिया है, और पंजीकरण कराना हमेशा सही रहता
क्या वसीयत को रजिस्टर्ड कराया जाना जरूरी है? (Is registration of will is necessary?)
दोस्तों, इस सवाल का जवाब यह है कि वसीयत (will) को पंजीकृत (registration) कराना कतई जरूरी नहीं है, लेकिन किसी भी व्यक्ति को अपनी वसीयत में किसी भी प्रकार के हेर-फेर से बचने के लिए इसका रजिस्ट्रेशन (registration) अवश्य करा लेना चाहिए। इससे वसीयत करने वाला व्यक्ति एवं उसका उत्तराधिकारी कई प्रकार के विवादों से भी बचा रहता है। इससे किसी व्यक्ति के न रहने के पश्चात दावेदारों में प्रॉपर्टी वितरण (property distribution) की प्रक्रिया (process) भी आसान हो जाती है।
दोस्तों, वसीयत को ड्रॉफ्ट (draft) करने के पश्चात् उसे रजिस्टर्ड करना इसलिए बेहतर होता है, क्योंकि इससे आपको वसीयत की एक लीगल कॉपी (legal copy) मिल जाती है। इसके अतिरिक्त यदि वसीयत में किसी प्रकार की कोई छेड़छाड़ होती है, तो मूल वसीयत (original will) और पेश की गई वसीयत की तुलना की जा सकती है।
वसीयत को रजिस्टर्ड कराने से एक सुविधा यह भी है कि यदि मूल वसीयत किसी वजह से नष्ट हो जाती है अथवा खो जाती है, तो आप इसकी दूसरी कॉपी रजिस्ट्रार आफिस से प्राप्त कर सकते हैं। बता दें दोस्तों कि वसीयत पर किसी तरह का स्टांप शुल्क (stamp fee) देय नहीं है।
वसीयत पर हस्ताक्षर के लिए गवाह के बतौर क्या योग्यता होनी चाहिए? (What should be the eligibility as a witness to sign the will?)
अब आपको जानकारी देते हैं कि गवाह के तौर पर कौन व्यक्ति किसी वसीयत पर हस्ताक्षर करने के लिए अर्ह है। मित्रों, जान लीजिए कि कोई भी वयस्क (adult) व्यक्ति, जो कि मानसिक तौर पर (mentally) पूरी तरह से स्वस्थ (healthy) है, किसी व्यक्ति की वसीयत पर बतौर गवाह हस्ताक्षर कर सकता है। यह महिला अथवा पुरुष कोई भी हो सकता है। दोस्तों, इस बात का भी ध्यान रखें कि गवाह आपसे उम्र में छोटा हो। वह आपका भरोसेमंद होना चाहिए।
साथ ही, वह आपकी वसीयत पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हो। वसीयत के रजिस्ट्रेशन एवं एक्जीक्यूशन (registration and execution) के समय उपस्थित रह सके। याद रखें कि वसीयत को किसी सुरक्षित स्थान (safe place) पर रखें। यदि आप अपनी वसीयत की कई कॉपी बनाते हैं तो ध्यान रखें कि उन्हें एक ही स्थान पर रखने से बचें।
वसीयत को किस आधार पर चुनौती दी जा सकती है? (On which basis will can be challenged?)
मित्रों, अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि क्या वसीयत को चुनौती भी दी जा सकती है? तो आपको जानकारी दे दें कि वसीयत को बुढ़ापे (old age) अथवा पागलपन के आधार पर चुनौती दी जा सकती है। वसीयत को चुनौती देने के लिए यह आधार भी बहुत होगा कि वसीयत करने वाला व्यक्ति किसी पदार्थ के नशे में था अथवा उसमें वसीयत बनाने की मानसिक क्षमता नहीं थी।
क्या वसीयत को चुनौती देने की कोई समय सीमा भी है? (Is there any time limit under which the will can be challenged?)
मित्रों, अब बात कर लेते हैं, वसीयत को चुनौती देने की समय सीमा की। साथियों, आपको बता दें कि यदि कोई वसीयत को चुनौती देना चाहता है, तो उसके पास इसके लिए 12 साल का समय होगा। वसीयत लागू होने की इस अवधि के पूरे होने के बाद वसीयत को चुनौती नहीं दी सकती। इसके बाद वसीयत को स्थाई माना जाता है। दोस्तों, यदि कोई वसीयत को 12 वर्ष पश्चात चुनौती देना चाहता है, तो उसे इसका ठोस कारण (solid reason) बताना होगा।
क्या एक बार वसीयत बनाने के बाद उसे बदला भी जा सकता है? (Can will be changed once it is done?)
मित्रों, बहुत से लोगों को यह भ्रम रहता है कि वे एक बार वसीयत करने के पश्चात उसे बदल नहीं सकते, लेकिन यह सही नहीं है। एक व्यक्ति कोई अधिकार है कि वह अपनी मृत्यु से पूर्व अपनी वसीयत को कितनी बार भी बदल सकता है। दोस्तों, आम तौर पर किसी व्यक्ति के मन में वसीयत को बदलने का ख्याल तब आता है, जब वह देखता है कि जिस उत्तराधिकारी को उसने अपनी वसीयत में अपनी प्रॉपर्टी सौंपी है वह उसका ठीक से ध्यान नहीं रखेगा अथवा उसकी देखभाल नहीं करेगा।
वसीयत कौन सी भाषा में लिखी जाती है? (In which language the will is written?)
दोस्तों, बहुत से लोगों को यह भी कन्फ्यूजन (confusion) रहता है कि वसीयत कौन सी भाषा में लिखी जाए? तो साथियों, आपको बता दें कि आप वसीयत किसी भी भाषा (language) में लिख सकते हैं। जरूरत केवल इस बात की है कि वसीयत की भाषा स्पष्ट (clear) हो। आपको इसमें किसी भी प्रकार का कोई तकनीकी शब्द (technical word) का इस्तेमाल करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है।
ई-विल क्या होती है? (What is E-will?)
मित्रों, बेशक ई-विल को भारतीय कानून (indian law) में मान्यता नहीं, लेकिन इसका अर्थ जानकारी की दृष्टि से जानना आवश्यक है। आपको बता दें कि ई-विल (E-will) अथवा डिजिटल विल (digital will) एक ऐसी वसीयत होती है, जो किसी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम (electronic medium) से लिखी (written), हस्ताक्षरित (signed) एवं प्रमाणित (certified) होती है। डिजिटल वसीयत कही जाती है। इस इलेक्ट्रॉनिक वसीयत में वसीयतकर्ता द्वारा सारी जानकारी डिजिटल तरीके से दर्ज की जाती है। जैसे- आप मृत्यु के पश्चात अपनी प्रापर्टी किसे देना चाहते हैं? आदि।
कोई व्यक्ति किस प्रकार की प्रापर्टी की वसीयत कर सकता है? (which type of property one person can do will of?)
दोस्तों, याद रखें कि कोई भी व्यक्ति केवल उसी प्रापर्टी की वसीयत कर सकता है, जो उसकी अपनी हो अथवा जिसे उसने अर्जित किया है। वह अपने परिवार के किसी अन्य सदस्य अथवा सगे-संबंधी की संपत्ति की वसीयत नहीं कर सकता।
वसीयत को कब लागू किया जा सकता है? (When a will can be executed?)
साथियों, अब आप यह अवश्य जानना चाहते होंगे कि किसी वसीयत को कब लागू किया जा सकता है। आपको बता दें कि वसीयतकर्ता की मृत्यु हो जाने पर वसीयत वैध (valid) हो जाती है। यद्यपि इसके प्रवर्तन (execution) की कोई समय सीमा (time limit) नहीं होती है। इसे लाभार्थी (beneficiary) के जीवनकाल (life time) में कभी भी लागू (execute) किया जा सकता है।
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वसीयत क्या होती है?
वसीयत वह दस्तावेज (document) है, जिसके ज़रिए कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से अपनी मृत्यु के पश्चात अपनी संपत्ति (property), किसी संबंधित व्यक्ति को सौंपता है।
वसीयत कौन कर सकता है?
कोई भी बालिग व्यक्ति, जो मानसिक रूप से सक्षम हो, वसीयत कर सकता है।
यदि कोई व्यक्ति किसी को डरा धमका-कर वसीयत कराता है तो क्या वह वैध मानी जाएगी?
जी नहीं, डरा-धमकाकर अथवा किसी प्रकार के दबाव में बनाई गई वसीयत को वैध नहीं माना जाएगा।
वसीयत कब लागू मानी जाती है?
किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसकी वसीयत को लागू माना जाता है।
वसीयत को कितने वर्ष बाद चुनौती दी जा सकती है?
वसीयत लागू होने के 12 वर्ष के भीतर ही उसे चुनौती दी जा सकती है।
वसीयत का क्या फॉर्मेट होता है?
वसीयत का कोई निर्धारित फॉर्मेट नहीं होता। अलबत्ता इसके लिए किसी वकील की सलाह से एक ड्राफ्ट तय करना बेहतर रहता है।
यदि किसी की उम्र 18 वर्ष से कम है तो क्या उसके द्वारा वसीयत की जा सकती है?
जी नहीं, कोई भी व्यक्ति केवल बालिक होने पर ही वसीयत कर सकता है।
क्या ई-विल को भारत में कानूनी मान्यता प्राप्त है?
जी नहीं, ई-विल को अभी तक भारत में कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है।
वसीयत को किस भाषा में लिखा जा सकता है?
वसीयत को किसी भी भाषा में लिखा जा सकता है। बस भाषा स्पष्ट होनी चाहिए।
क्या वसीयत का रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है?
जी नहीं, वसीयत का रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक नहीं है, लेकिन इसे कराने से आप कई प्रकार दिक्कतों से बच सकते हैं।
वसीयत में आपको कौन सी प्रॉपर्टी की जानकारी देनी होती है?
वसीयत में आपको अपनी चल और अचल, सारी संपत्ति की जानकारी देनी होती है। साथ ही यह भी बताना होता है कि आप अमुक प्रॉपर्टी किसको देना चाहते हैं।
क्या बिना गवाहों के हस्ताक्षर के वसीयत को वैध नहीं माना जाएगा?
जी हां, बिना गवाहों के हस्ताक्षर के वसीयत को वैध नहीं माना जाएगा।
वसीयत पर गवाह के रूप में कौन हस्ताक्षर कर सकता है?
कोई भी वयस्क व्यक्ति, जो मानसिक रूप से सक्षम हो, किसी वसीयत पर गवाह के रूप में हस्ताक्षर कर सकता है।
किसी वसीयत पर हस्ताक्षर करने के लिए न्यूनतम कितने गवाहों की आवश्यकता होती है?
किसी वसीयत पर हस्ताक्षर करने के लिए न्यूनतम 2 गवाहों की आवश्यकता होती है।
वसीयत के रजिस्ट्रेशन की क्या प्रक्रिया है?
वसीयत के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया हमने आपको ऊपर पोस्ट में विस्तार से समझाई है। आप वहां से देख सकते हैं।
वसीयतकर्ता वसीयत करने के बाद क्या उसे बदल भी सकता है?
जी हां, वसीयत करने वाला व्यक्ति वसीयत करने के बाद उसे बदल भी सकता है।
किसी वसीयत को कितनी बार बदला जा सकता है?
वसीयतकर्ता वसीयत को अपनी मृत्यु तक कितनी भी बार बदल सकता है।
क्या वसीयत बनाने के लिए वकील का होना जरूरी है?
जी नहीं, वसीयत बनाने के लिए वकील का होना जरूरी नहीं है। कोई व्यक्ति किसी सादे कागज पर भी अपनी वसीयत कर सकता है।
निर्वसीयत का क्या अर्थ है?
जब कोई व्यक्ति बिना वसीयत बनाए मृत्यु को प्राप्त हो जाता है तो यह स्थिति निर्वसीयत कहलाती है।
दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में जानकारी दी कि आप वसीयत कैसे बनाई जा सकती है? यदि आपका इस पोस्ट के किसी भी बिंदु के बारे में कोई सवाल है तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हम तक पहुंचा सकते हैं। ।।धन्यवाद।।
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