आईपीओ क्या होता है? किसी भी कंपनी का आईपीओ कैसे खरीदें?

दोस्तों, यह बात कोई भी नहीं नकार सकता है कि किसी भी क्षेत्र से पैसा कमाने के लिए व्यक्ति को उस क्षेत्र में निवेश करने की आवश्यकता होती है। यदि कोई व्यक्ति अपना खुद का बिजनेस शुरू करता है, तो वह सबसे पहले उसमें पैसा लगाता है। उसके बाद ही एक अच्छे रिटर्न की कामना करता है। आजकल शेयर मार्केट पैसा इन्वेस्ट करने का एक अच्छा माध्यम बन चुका है। यह क्षेत्र काफी व्यापक है, इसी कारण लोगों को इसकी अधिक जानकारी नहीं है। इसमें छोटी से लेकर बड़ी कंपनियां आईपीओ के माध्यम से मुनाफा प्राप्त करने में सक्षम हो सकते हैं। इसीलिए हम आपको यहां IPO kya hota hai? IPO kaise kharide? इसके बारे में बताया जा रहा है।

दोस्तों, कंपनियों के अलावा कोई भी व्यक्ति आईपीओ को खरीदकर मुनाफा प्राप्त कर सकता है। जो व्यक्ति शेयर मार्केट की जानकारी रखता है, वह इस क्षेत्र में इन्वेस्ट करके काफी अच्छा पैसा कमाता है। परंतु आईपीओ खरीदने से पहले आपको इससे संबंधित जानकारी प्राप्त करनी होगी। ताकि आगे आपको किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े। साथ-साथ आपके पैसे ना डूब जाए। हमारे द्वारा आप सभी को इस लेख में What is an IPO? How to buy an IPO? आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है। इस जानकारी को यदि आप स्टेप बाय स्टेप अपनाएंगे, तो आईपीओ से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। यह जानकारी आप सभी के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी।

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आईपीओ क्या होता है? (What is the IPO?)

आइए, जो व्यक्ति आईपीओ से संबंधित जानकारी नहीं रखता है। उसे हम सबसे पहले IPO kya hota hai? इसके बारे में बताएंगे। दोस्तों, आईपीओ एक ऐसी प्रक्रिया होती है। जिसके द्वारा निजी कंपनियों तथा सरकारी कंपनियां नए निवेशकों को अपने शेयर पेश करके पैसे कमाने का कार्य करते हैं। दरअसल, शेयर मार्केट में कंपनियां लिस्टेड होती है। इसीलिए कंपनियों के द्वारा आईपीओ को जारी किया जाता है। जब कंपनी एक बार स्टॉक मार्केट के अंतर्गत लिस्टेड हो जाती है। तब निवेशकों के द्वारा कंपनी की शेयर को खरीदा व बेचा जा सकता है।

आईपीओ क्या होता है किसी भी कंपनी का आईपीओ कैसे खरीदें

दोस्तों, आईपीओ एक शॉर्ट फॉर्म है। IPO की फुल फॉर्म Initial public offering होती है। जिसे हिंदी में प्रारंभिक पब्लिक पेशकश के नाम से जाना जाता है। जब किसी कंपनी के द्वारा शेयर मार्केट में आईपीओ जारी किया जाता है, तो अपने शेयरों के बदले वह शेयर मार्केट से धन उठाती है। जब कोई भी सरकारी या निजी कंपनी पहली बार पब्लिक में अपने शेयर लाती है, तो उसे आईपीओ कहते हैं। सरकारी व निजी कंपनियों के द्वारा आईपीओ इसलिए जारी किया जाता है। ताकि वह ज्यादा मात्रा में पूंजी कमाने में सक्षम हो सके, परंतु बहुत से लोगों को आईपीओ की जानकारी नहीं होती है। हमें उम्मीद है कि अब आप सभी को आईपीओ से संबंधित जानकारी प्राप्त हो गई होगी।

आईपीओ के प्रकार? (Types of IPOs?)

जब कोई व्यक्ति किसी सेक्टर में अपने पैसों को दाव पर लगाता है। तो उसे उस आईपीओ से संबंधित छोटी से छोटी बात पता होना जरूरी होता है। ताकि उसके पैसे डूब ना जाए, इसीलिए आप सभी लोगों को हमारे द्वारा आईपीओ क्या होता है? इसके बारे में बताया गया है। परंतु आईपीओ के भी प्रकार होते हैं। आप जिस प्रकार के आईपीओ में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, यह आपका खुद का निर्णय होता है। हम आप सभी को बता दें, कि आईपीओ के मुख्यता दो प्रकार होते हैं। यदि आप इनसे संबंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा आप सभी को नीचे संपूर्ण जानकारी दी गई है। जो कि निम्न प्रकार है-

1. फिक्स प्राइस आईपीओ (Fix Price IPO)

आईपीओ के अंतर्गत कंपनी के द्वारा अपनी कीमत को पहले से ही निर्धारित कर दिया जाता है। जिस पर निवेशकों को शेयर दिए जाते हैं। इस प्रकार के कार्य के लिए कंपनी द्वारा मर्चेंट बैंकर को काम पर रखा जाता है। मर्चेंट बैंकर के द्वारा कंपनियों की संपत्ति और संपूर्ण देनदारियों का लेखा-जोखा रखा जाता है अर्थात हम सब कह सकते हैं कि मर्चेंट बैंकर कंपनी के वर्तमान मूल्य तथा भविष्य में होने बाली संभावनाओं का भी आकलन करते हैं। साथ ही साथ यह निवेश जोखिम का भी अवलोकन करते हैं तथा इस मामले में निवेशकों की क्षतिपूर्ति करने का कार्य करते हैं।

फिक्स प्राइस आईपीओ में निवेशक कंपनी में सार्वजनिक होने से पहले उसकी शेयर की कीमत पता रखते है। कंपनी के द्वारा इनकी कीमतों को पहले से ही निर्धारित किया गया होता है। इसीलिए जब कोई भी निवेशक आईपीओ की सदस्यता लेता है, तो सबसे पहले वह उसके निश्चित मूल्य का भुगतान करते हैं। इस प्रकार फिक्स प्राइस आईपीओ के अंतर्गत निवेशकों के द्वारा निवेश किया जाता है। यह निवेशक पर पूरी तरह निर्भर करता है कि वह इस आईपीओ में निवेश करना पसंद करते हैं या नहीं।

2. बुक बिल्डिंग ऑफरिंग (Book building offering)

जब कोई निवेशक बुक बिल्डिंग ऑफरिंग के माध्यम से आईपीओ में निवेश करता है, तो इसके अंतर्गत आईपीओ की कीमत कंपनी के द्वारा निर्धारित नहीं की जाती है। जो भी निवेशक कंपनी के शेयर को खरीदना चाहते हैं। उन्हें एक निर्धारित समय के अंतर्गत अपने इच्छा अनुसार बोली लगानी होती है। हालांकि, निवेशकों के द्वारा बोली 20% की सीमा या मुल्य बैंड के अंतर्गत लगाई जाती है। यह सीमा पूर्ण रूप से कंपनी के द्वारा ही तय की जाती है।

 यदि रेंज की बात की जाए, तो इसके अंतर्गत सबसे कम कीमत “फ्लोर प्राइज” होती है। जबकि इसी के अंतर्गत सबसे अधिक कीमत “कैप प्राइस” कहलाता है। कंपनी के आईपीओ को खरीदने वाले इच्छुक निवेशकों को कंपनी के द्वारा यह भी बताना होगा कि वह कितने शेयर बेचना चाहते हैं। जब निवेशकों के द्वारा समय-समय पर शेयरों पर बोली लगाई जाती है, तो अंतिम कीमत इसी पर पूर्णयता पर निर्भर करती है। इस प्रकार के आईपीओ को आवंटित करने के बाद शेयरों के लिए भुगतान किया जाता है।

किसी भी कंपनी के आईपीओ को कैसे खरीदें? (How to buy an IPO of a Company?)

हम आप सभी को एक बात साफ कर दें, कि किसी भी कंपनी के आईपीओ को खरीदा नहीं जाता है। बल्कि उस आईपीओ के लिए आवेदन किया जाता है। इसके तत्पश्चात अलॉटमेंट होता है, जब यह मालूम होता है कि निवेशक को शेयर मिले हैं या नहीं। यदि किसी निवेशक को शेयर प्राप्त हो जाते हैं, तो 2 या 3 दिन के समय अंतराल के में ही उन शेयरों को निवेशक के डिमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है। उसके बाद निवेशक शेयर मार्केट में शेयर लिस्टिंग का इंतजार करते हैं। जिसके तत्पश्चात निवेशकों के द्वारा शेयर को बेचा भी जा सकता है।

दोस्तों, यदि आप आईपीओ खरीदना चाहते हैं। तो आपको अपने डिमैट अकाउंट के आईपीओ सेक्शन में जाना होगा। आप जिस कंपनी का भी आईपीओ खरीदना चाहते है। उस कंपनी के आईपीओ पर पैसे लगा सकते हैं। आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए लगभग 3 से 5 दिन तक खुला रहता है। इसलिए आप इसी समय अंतराल में यहां जाकर पैसा लगा सकते हैं। यदि आप किसी कंपनी में इन्वेस्ट करते हैं, तो आपको बहुत सारी चीजें प्राप्त होती है। आप जितना पैसा लगाएंगे, आप उतने अधिक शेयर खरीदने में सक्षम हो सकेंगे।

आईपीओ का आवंटन? (Allotment of IPO?)

जब कोई भी व्यक्ति किसी कंपनी के आईपीओ को खरीदते या उसमें अपने पैसे इन्वेस्ट करते है, तो उसे अपने ट्रेंडिंग अकाउंट या सेविंग अकाउंट में उतने ही पैसों को रखना पड़ता है। जितना निवेशक कंपनी के आईपीओ को खरीदते समय बोली में लगाता है। दरअसल हम आपको बता दें, की जब तक निवेशक को कंपनी के शेयर प्राप्त नहीं हो जाते है, तब तक निवेशकों का पैसा ब्लॉक रखा जाता है। इसके पश्चात कंपनी के द्वारा आईपीओ की कीमत निर्धारित की जाती है। यह कीमत पूर्ण रूप से इन्वेस्टर द्वारा लगाई गई बोली पर निर्भर करती है।

जब कंपनी इसके आधार पर प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश का मूल्य निर्धारित कर लेती है, तो वह इसी कीमत पर इन्वेस्टरों को डिमैट अकाउंट में शेयर देती है। ऐसा करने के बाद ही कंपनी के आईपीओ को स्टॉक एक्सचेंज के अंतर्गत लिस्टेड कर दिया जाता है। स्टॉक एक्सचेंज के अंतर्गत कीमत पर आईपीओ को लिस्टेड किया जाता है। उसे ही आईपीओ का मूल्य कहा जाता है। परंतु कंपनी के आईपीओ के लिस्टेड होने से एक या दो दिन पहले ही कंपनी के द्वारा इन्वेस्टर के डीमैट अकाउंट में शेयर भेज दिए जाते हैं। इस प्रकार ही कंपनियों के आईपीओ का आवंटन किया जाता है।

आईपीओ खरीदने के नियम और प्रक्रिया? (IPO Buying rules and procedure?)

दोस्तों, जिन निवेशकों को यह जानकारी नहीं है कि आईपीओ खरीदने के लिए हमें कौन से नियम और प्रक्रिया को अपनाना होगा। तो हमारे द्वारा आप सभी को यहां आईपीओ खरीदने के सबसे आसान तरीके के बारे में बताया जा रहा है। सबसे पहले आपको उस कंपनी का चुनाव करना होगा। जिससे आप आईपीओ को खरीदना चाहते हैं तथा उसकी संपूर्ण जानकारी हासिल करनी होगी। इसके तत्पश्चात आपको नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करने होंगे, यह संपूर्ण स्टेप निम्नलिखित प्रकार से दिए गए हैं-

  • सबसे पहले निवेशकों को आईपीओ जारी करने वाली कंपनी के बारे में संपूर्ण जानकारी हासिल करनी होगी।
  • इसके बाद निवेशकों को आईपीओ इश्यू करने की तारीख और समय की जानकारी प्राप्त करनी होगी।
  • आईपीओ खरीदने के लिए सभी निवेशकों के पास कुछ आवश्यक दस्तावेजों का होना जरूरी होता है, इसलिए उन्हें वह सारे डॉक्यूमेंट तैयार करने होंगे।
  • आईपीओ खरीदने हेतु निवेशकों को धन राशि का इंतजाम करना होगा।
  • कोई भी व्यक्ति आईपीओ के शेयर को तभी खरीद सकता है। जब उसका डिमैट अकाउंट ओपन हो, इसलिए निवेशकों को अपना डिमैट अकाउंट को तैयार रखना होगा।
  • इसके बाद निवेशकों को आईपीओ वेबसाइट पर जाना होगा और रजिस्टर करना होगा।
  • साथ ही साथ निवेशकों को इस बात की जानकारी भी हासिल करनी होगी, कि उन्हें आईपीओ में कितने शेयर खरीदने की अनिवार्यता है।
  • फिर निवेशक आईपीओ मूल्य की जानकारी को प्राप्त करें।
  • इसके तत्पश्चात यदि निवेशक आईपीओ खरीदना चाहता है, तो उसे रजिस्ट्रेशन करना होगा।
  • निवेशक अपनी इच्छा अनुसार आईपीओ को सिलेक्शन कर सकते हैं।
  • आईपीओ के इस संपूर्ण प्रोसेस को ऑनलाइन माध्यम से पूरा करें।
  • आईपीओ खरीदने हेतु निवेशक को आईपीओ की  कीमत चुकानी है।
  • इसके बाद निवेशकों को आईपीओ फॉर्म सबमिट करना होता है।
  • जिसके तत्पश्चात आपके द्वारा खरीदा गया आईपीओ आपके अकाउंट में जमा कर दिया जाएगा।
  • यदि किसी निवेशक के द्वारा अलॉटमेंट प्राप्त कर लिया जाता है, तो आईपीओ प्रोसेस पूरा होने के 6 दिन पश्चात उन्हें कंफर्म अलॉटमेंट लेटर दिया जाता है। जैसे ही शेयर अलॉट होते हैं, उन्हें इन्वेस्टर के डिमैट खाते में जमा कर दिया जाता है।
  • इन सभी स्टेप्स को पूरा करने के बाद इन्वेस्टर के द्वारा शेयर मार्केट में शेयरों के सूचीबद्ध होने के लिए इंतजार करना होता है।
  • आमतौर पर यह कार्य सप्ताह के अंदर हो जाता है।

कंपनी आईपीओ को क्यों पेश करती है? (Why does a company offer an IPO?)

दोस्तों, बहुत से ऐसे इन्वेस्टर होंगे। जो शुरुआती तौर पर आईपीओ में पैसा इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो उन सभी के मन में छोटे-छोटे सवाल उत्पन्न होते हैं। जिसमें से एक सवाल यह भी है कि कंपनी आईपीओ को क्यों पेश करती है? तो हमारे द्वारा आप सभी को नीचे Why does a company offer an IPO? इसके बारे में आपको विस्तार पूर्वक जानकारी पॉइंट के माध्यम से दी गई है। यदि आप जानना चाहते हैं कि कंपनी आईपीओ क्यों पेश करती है, तो हम आप सभी को नीचे इसकी संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो जाएगी। यह जानकारी निम्न प्रकार है-

  • दोस्तों, आईपीओ एक प्रकार की पैसा कमाने वाली प्रक्रिया है। जब कोई कंपनी पैसे की तलाश में होती है, तो वह आईपीओ को पेश करती है। यदि कंपनी अपने व्यवसाय को बढ़ाने हेतु, ऋण चुकाने हेतु आदि के लिए पैसा प्राप्त करना चाहती है, तो वह अपनी कंपनी के आईपीओ के जरिए पैसा कमाती है।
  • कंपनी के सार्वजनिक होने का मतलब यह होता है, कि उस कंपनी को बहुत अधिक सफलता प्राप्त हुई है तथा अब वह स्टॉक एक्सचेंज के अंतर्गत सूचीबद्ध होने में सक्षम होती है।
  • शेयर बाजार आज के समय में बहुत बड़ा और अधिक मांग वाला होता जा रहा है। यही कारण है कि सार्वजनिक कंपनियों के द्वारा अधिक से अधिक स्टॉक की पेशकश की जा सकती है। यह अधिग्रहण और विलय के लिए एक बेहतर तरीका माना जाता है क्योंकि शेयरों को सौदे के रूप में जारी किया जा सकता है।

आईपीओ में निवेश करने के लाभ? (Benefits investing in an IPO?)

यदि कोई इन्वेस्टर आईपीओ में निवेश करता है, तो उसके मन में सवाल आता है कि उसे किस प्रकार के लाभ प्राप्त होते है। तो हम आपको बता दें, आरंभिक सार्वजनिक पेशकश में इन्वेस्टर को बहुत अधिक लाभ प्राप्त होते हैं। यदि आप सभी इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा नीचे आप सभी को Benefits investing in an IPO? के बारे में बताया गया है। यह जानकारी निम्न प्रकार दी गयी है-

1. जल्दी कार्य करने का अवसर (Quick work opportunities)

आईपीओ किसी भी कंपनी के लिए वह समय होता है, जब किसी भी कंपनी के शेयर पहली बार सार्वजनिक निर्देशों के लिए रोल आउट किए जाते हैं। आप अपनी किसी भी स्थिति में शुरुआती तौर पर एंटर करने के लिए एक सही अवसर प्राप्त करते हैं। आईपीओ एक ऐसी प्रक्रिया है, जो बहुत ही कम समय के अंदर बहुत ही त्वरित लाभ प्राप्त करने में सक्षम होता है। परंतु ऐसा बिल्कुल नहीं है कि आप इस लंबी अवधि तक बने नहीं रह सकते है, आप चाहें तो बहुत लंबी अवधि तक भी अपनी पोजीशन पर बने रह सकते हैं। इसमें आपको जल्दी कार्य करने का अवसर प्तथा अधिक लाभ प्राप्त होता है।

2. लंबी अवधि में लाभ (Long term Benefits)

यदि कोई निवेशक बहुत लंबी अवधि तक आईपीओ में निवेश करता है, तो उसका मुख्य लाभ यह होता है कि आईपीओ में आपको एक अच्छा वेतन हासिल करने में मदद मिलती है। आईपीओ निवेश को एक प्रकार का इक्विटी निवेश भी कहा जाता है। साथ ही साथ दीर्घकालिक लक्ष्य को पूरा करने के लिए इसमें लंबी अवधि तक बने रहना एक अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए इसमें लंबी अवधि तक निवेश करके लाभ उठाया जा सकता है।

3. मूल्य पारदर्शिता (Price transparency)

कोई भी व्यक्ति आईपीओ में निवेश करने से पहले इसकी संपूर्ण जानकारी हासिल करता है। इसलिए आईपीओ में इक्विटी शेयरों के मूल्य और मूल्यांकन की संपूर्ण जानकारी कंपनी के माध्यम से फील्ड ब्राउज़र के अंतर्गत सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई गई है। इस प्रकार निवेशकों को एक अच्छे इन्वेस्टर की तरह डाटा तक पहुंचने का गुण प्राप्त होता है। जबकि आईपीओ की बात की स्थिति में बहुत बदलाव होता है। यदि आईपीओ के बाद की लागत में बदलाव उत्पन्न होता है, तो यह पूर्ण रूप से रीजनल परफॉर्मिंग और निवेशकों की रुचि के बदलाव पर निर्भर करता है।

4. छोटे निवेश से बढ़िया रिटर्न मिलने की संभावना (Small investment may privide grate return?)

आईपीओ में उपस्थित शेयरों की कीमत सबसे सस्ती कीमत होती है। वैसे तो स्टॉक की कीमतों को लिस्टिंग के समय ही बढ़ा दिया जाता है। जिसकी सहायता से आपको छोटी कीमतों से अधिक मुनाफा प्राप्त होता है अर्थात हम कह सकते हैं कि आईपीओ के अंतर्गत छोटे से निवेश से भी बढ़िया रिटर्न मिलने की बहुत अधिक संभावना होती है। इसलिए इन्वेस्टर आईपीओ में निवेश करके एक अच्छा रास्ता चुनते हैं।

आईपीओ में निवेश करने में शामिल जोखिम? (Risks involved in investing in IPOs?)

दोस्तों, आईपीओ के अंतर्गत इन्वेस्टर को इतना लाभ प्राप्त होता है। परंतु हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जिससे क्षेत्र में हमें लाभ प्राप्त होता है, उस क्षेत्र में जोखिम भी उठाना पड़ता है। ठीक उसी प्रकार आईपीओ में निवेश करने में कुछ जोखिम भी शामिल है। परंतु इसके बारे में सभी को जानकारी नहीं होती है तथा जो व्यक्ति शुरुआती तौर पर आईपीओ में निविश करेगा। उसे इसकी जानकारी आवश्यक तौर पर प्राप्त होनी चाहिए। इसीलिए हमारे द्वारा आप सभी को नीचे Risks involved in investing in IPOs? के बारे में बताया जा रहा है। यह संपूर्ण जानकारी निम्नलिखित प्रकार से दी गई है-

  • आईपीओ के अंतर्गत निवेश करने जा सबसे बड़ा जोखिम यह होता है कि इसमें शेयर को प्राप्त करने की कोई भी गारंटी नहीं होती है। यदि कंपनी ने शेयर को सब्सक्रिप्शन आधारित किया है, तो बहुत से व्यक्ति उसके लिए आवेदन कर सकते हैं। यही कारण है कि कंपनी के द्वारा अनुपातिक तौर पर शेयरों का आवंटन किया जाता है।
  • साथ में यदि आप बहुत कम समय के लिए निवेश कर रहे हैं तथा उसके अंतर्गत बहुत सारे व्यक्ति शामिल है, तो शायद ही भारत के प्री-आईपीओ तंत्र के द्वारा आपको कोई भी शेयर दिया जाएगा।
  • यदि आप आईपीओ शेयर को खरीदते हैं, तो आप इस आईपीओ के अंतर्गत जितना निवेश करते हैं, उससे कम रिटर्न प्राप्त करने का जोखिम उठाते हैं क्योंकि प्री-आईपीओ शेयरों की कीमत सूचीबद्ध होने के तत्पश्चात ही की जाती है। साथ ही ऐसी बहुत की घटनाएं हैं, जिसमें सूचीबद्ध शेयरों का मूल्य खरीद मूल्य से कम निकलता है।
  • जब कंपनियों के द्वारा सरकारी कानून के हिसाब से अपना कार्य किया जाता है, तो बाहरी प्रभाव किसी भी शेयर के मूल्य को विशेष रूप से प्रभावित कर सकता है।

आईपीओ क्या होता है? इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs)

Q:- 1. आईपीओ क्या होता है?

Ans:- 1. आईपीओ एक प्रकार की ऐसी प्रक्रिया होती है। जिसके माध्यम से निजी तथा सरकारी कंपनियां जनता तथा नए निवेशकों को शेयरों की  पेशकश करती हैं तथा अधिक धन कमाने में सक्षम होती है। जब कंपनी शेयर मार्केट में लिस्टेड हो जाती है, तो उसके द्वारा आईपीओ जारी किया जाता है।

Q:- 2. आईपीओ की फुल फॉर्म क्या होती है?

Ans:- 2. दोस्तों, आईपीओ एक शॉर्ट फॉर्म है, हम आपको यहां आईटीआई की फुल फॉर्म के बारे में बताएंगे। IPO की फुल फॉर्म Initial public offering होती है। जिसे हिंदी भाषा में “आरंभिक सार्वजनिक पेशकश” के नाम से जाना जाता है। इसके माध्यम से कंपनियां धन कमाने का कार्य करती हैं।

Q:- 3. आईपीओ कितने प्रकार के होते हैं?

Ans:- 3. दोस्तों बहुत सारे इन्वेस्टर के द्वारा आईपीओ में पैसा इन्वेस्ट किया जाता है, परंतु पैसे इन्वेस्ट करने से पहले आपको पता होना चाहिए कि आईपीओ मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। पहला – फिक्स प्राइस आईपीओ, दूसरा – बुक बिल्डिंग ऑफरिंग।

Q:- 4. आईपीओ में निवेश कैसे करें?

Ans:- 4. आईपीओ में निवेश करने के लिए आपको इसके कुछ नियम और प्रक्रिया की जानकारी को हासिल करना होगा। हमारे द्वारा आप सभी को ऊपर लेख में आईपीओ में निवेश करने की प्रक्रिया और नियम की जानकारी दी गई है। आप ऊपर दिए गए पॉइंट के माध्यम से आईपीओ में निवेश करने में सक्षम हो सकते हैं।

Q:- 5. आईपीओ में निवेश करने के लाभ क्या होते है?

Ans:- 5.  आईपीओ में निवेश करने के बाद निवेशकों को विभिन्न प्रकार के लाभ जैसे:- जल्दी कार्य करने का अवसर, लंबी अवधि में लाभ, मूल्य पारदर्शिता और छोटे निवेश से बढ़िया रिटर्न मिलने की संभावना आदि प्राप्त होते हैं।

Q:- 6. आईपीओ में निवेश करने के जोखिम क्या होते हैं?

Ans:- 6. आईपीओ में निवेश करने से निवेशकों को लाभ के साथ-साथ कुछ जोखिम भी उठाने पड़ते हैं। परंतु आईपीओ में निवेश करने की जो  की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को नहीं पता होती है इसलिए हमने लेट में आपको इसकी विस्तारपूर्वक जानकारी दी है जहां से आप किस की संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):- आज हम आप सभी को अपनी इस वेबसाइट पर What is an IPO? How to buy an IPO? आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दे रहे हैं। यदि कोई व्यक्ति निवेश करने का इच्छुक है, तो वह आईपीओ में इन्वेस्ट कर सकता है। परंतु इस सेक्टर में निवेश करने से पहले निवेशकों को आईपीओ से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त करनी होगी। हमारे द्वारा इस लेख में सभी को स्टेप बाय स्टेप जानकारी बताई गई है। हम उम्मीद करते हैं कि आप सभी को हमारे द्वारा यह दी गई यह जानकारी पसंद आई होगी। यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी हो, तो आप हमें कमेंट सेक्शन लिखकर जरूर बताइए। साथ ही इस लेख को अपने सभी दोस्तों के साथ शेयर अवश्य करें।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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