कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य का अनुमान लगाने में गिरवी शेयरों का क्या अर्थ है और क्यों यह क्यों महत्वपूर्ण है:
प्रमोटरों के द्वारा शेयर गिरवी क्यों रखे जाते हैं?
जब प्रमोटरों को पैसे या धन की जरूरत पड़ती है तो वह अपने निवेश के शेयरों को गिरवी रखकर बेंको या गैर-बैंकिंग वितीय कंपनियों से ऋण लेता है इन वितीय संस्थानों के लिए ये शेयर एक संपति हैं। प्रमोटर वभिन्न कारणों या अपने व्यवसाय में विभिन्न वितीय जरूरतों को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता रहती है।
क्या बेंक प्रमोटरों द्वारा गिरवी रखे शेयर बेच सकते है?
अगर शेयरों की कीमत उनके और कंपनी के बीच अनुबंध में सहमति के मूल्य के करीब आती है, तो बैंक गिरवी शेयरों को बेच सकते हैं। आमतौर पर, बैंक या एनबीएफसी कंपनियों द्वारा दी गई राशि प्रमोटरों के शेयरों के बाजार मूल्य से कम होती है। बेंक या एनबीएफसी कंपनियां इस कमी यानी मार्जिन को बढ़ाये रखने के लिए कई कदम उठाते है जैसे-
यदि शेयर की कीमत गिरती है, तो उधारदाताओं से यह मार्जिन बढ़ाने के लिए अधिक नकद या शेयर देने के लिए प्रमोटर से कहा जाता है। यदि प्रमोटर collateral को शीर्ष या भरपाई करने में सक्षम नहीं हैं, तो उधारदाता इस मार्जिन को बनाए रखने के लिए शेयर बेच सकते हैं। इसके विपरीत, प्रमोटरों द्वारा गिरवी रखे शेयरों को छुडाया जाता है तो इसे सकारात्मक संकेत माना जाता है।
इस में सामान्य निवेशकों के लिए जोखिम क्या है?
अगर प्रमोटरो द्वारा ज्यादा शेयरों को गिरवी रख दिया जाता है तो शेयर में तबाही मच सकती है अगर शेयर की कीमत गिरती रहती है और उधारदाता इन शेयरों को बाजार में बेचते हैं। शेयरों की अछानक ज्यादा आपूर्ति से कीमतों में गिरावट आ सकती है और सामान्य निवेशक को अपने शेयर बड़े नुकसान के साथ बेचने पड़ सकता है।
प्रमोटरो द्वारा ज्यादा गिरवी रखे शेयरों वाली कंपनियों के शेयरों की कीमतों में अस्थिरता ज्यादा देखी जा सकती है। कुल शेयरधारिता (shareholding) के प्रतिशत के रूप में गिरवी रखे शेयरों की राशि के आधार पर जोखिमों का आकलन किया जा सकता हैं।
अगर कंपनी में कुल शेयरों का 50% से अधिक शेयर गिरवी रखे जाते है, तो उस कंपनी में पैसे लगाने जोखिम भरा कदम साबित हो सकता है इसलिए, सामान्य निवेशको को उस शेयर से बचना चाहिए।