सूर्य नमस्कार कैसे करें? | सूर्य नमस्कार के फायदे?

दोस्तों, आज के मॉडर्न कल्चर के चलते हमारी पीढ़ी अपने संस्कारों को भूलते जा रही है। साथ ही साथ अपने अध्यात्मिकता को खोती जा रही है। आज के समय में भारतीय अपने स्वास्थ्य को भी बहुत कमजोर करते जा रहे हैं। एक अध्ययन के अनुसार 100 वर्षों पहले भारतीयों की प्रतिरोधक क्षमता आज से 3 गुना अधिक थी। इस कारण स्वस्थ और पवित्र भोजन तथा योग। बहुत से लोग अपने स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए सूर्य नमस्कार के अंतर्गत होने वाले संपूर्ण आसनों को करते हैं। भारतीय लोगों को इनके बारे में जानकारी नहीं होती है। यदि आप लोग इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हम आपके इस लेख में Surya namaskar kaise kare? तो हमारे द्वारा आप सभी को इसकी संपूर्ण जानकारी दी जा रही है।

दोस्तों, आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में सभी लोग पैसा कमाने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। परंतु इस बीच में अपने स्वास्थ्य को बिल्कुल भूल जाते हैं। यदि भारत का प्रत्येक व्यक्ति योगा करना शुरू कर दें, तो 90% बीमारियां खुद-ब-खुद खत्म हो जाएंगी। योग के सबसे शक्तिशाली आसनों में से एक सूर्य नमस्कार होता है। जिसे यदि कोई व्यक्ति करता है, तो उसकी शारीरिक और मानसिक परेशानियों काफी हद तक खत्म हो जाती हैं तथा व्यक्ति एक स्वस्थ जीवन जीने में सक्षम होता है। इसीलिए हम आप सभी को आज इस लेख में Surya namaskar kaise kare? से संबंधित जानकारी साझा करने वाले हैं। अधिक जानकारी को प्राप्त करने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

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सूर्य नमस्कार क्या होता है? (What is the Surya namaskar?)

बहुत से लोगों को सूर्य नमस्कार से संबंधित जानकारी नहीं होती है। इसलिए हम आपको यहां सबसे पहले Surya namaskar kya hota hai? इसके बारे में बता रहे हैं। भारत के अंतर्गत सदियों से योग गुरुओं के द्वारा सूर्य नमस्कार के बारे में बताया जा रहा है। सूर्य नमस्कार विभिन्न योगों का एक सामूहिक योग होता है। इसके अंतर्गत कई सारे व्यायाम आ जाते हैं। सूर्य नमस्कार के अंतर्गत 12 आसन आते हैं। इन 12 आसन का संपूर्ण समूह सूर्य नमस्कार कहलाता है। सूर्य नमस्कार करने से व्यक्ति के शरीर का संपूर्ण व्यायाम हो जाता है। जिससे व्यक्ति का शरीर स्वस्थ रहता है।

सूर्य नमस्कार कैसे करें सूर्य नमस्कार के फायदे

सूर्य नमस्कार का मतलब “सुबह उठकर सूर्य को नमस्कार” करने से होता है। सूर्य नमस्कार को सुबह के समय जल्दी उठकर सूर्योदय के समय करना होता है। पहले के समय में अधिकतर लोग सूर्य नमस्कार करते थे, यही कारण है कि वह बहुत स्वस्थ और हष्ट पुष्ट रहते थे। परंतु आज के समय में योग जैसी चीजों से लोग बहुत दूर जा रहे हैं। यही कारण है कि आज के समय बहुत सारी बीमारियां लोगों को हो जाती हैं। यदि व्यक्ति सूर्य नमस्कार करता है, तो वह विभिन्न प्रकार की शारीरिक परेशानियों जैसे:- कमर दर्द, गर्दन में दर्द, पीठ दर्द और जोड़ों में दर्द आदि से ग्रस्त नहीं होता है। साथ ही साथ व्यक्ति मानसिक रूप से भी स्वस्थ होता है।

सूर्य नमस्कार कैसे करें? (How to do Surya namaskar?)

दोस्तों, बहुत से लोग ऐसे होंगे। जो सूर्य नमस्कार करना चाहते हैं, परंतु सूर्य नमस्कार कैसे किया जाता है उनको इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं होती है। इसलिए हम आपको यहां सबसे पहले How to do Surya namaskar? इसके बारे में विस्तार पूर्वक बता रहे हैं। सूर्य नमस्कार को करने का सबसे सही समय सुबह “सूर्य उदय का समय” होता है।

क्योंकि इस समय भगवान सूर्य का उदय होता है। सूर्य नमस्कार के माध्यम से हम सूर्य देव को 12 आसनों के द्वारा प्रणाम करते हैं। यह 12 आसन शरीर को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ आपके दिमाग को भी शांति प्रदान करते हैं। आप सभी को सूर्य नमस्कार करने से पहले सुबह 5:00 बजे उठना होगा तथा सुबह बाथरूम में जाकर फ्रेश होना होगा।

आप सभी को ध्यान रखना होगा कि आपका पेट खाली होना चाहिए और सूर्य नमस्कार करने के 4 घंटे पहले तक आपने कुछ भी न खाया हो। अब आपको ऐसे स्थान पर जाना होगा, जो शांत होता हो, जहां से आपको सूर्य साफ-साफ दिखाई पड़ता हो। आप अपने घर की छत पर या फिर किसी शांत माहौल में जा सकते हैं।

यदि आप सुबह में सूर्य नमस्कार नहीं कर सकते हैं, तो आप शाम के समय में भी सूर्य नमस्कार करने में भी सक्षम होते हैं। परंतु सूर्य नमस्कार करने से पहले आपका पेट खाली होना चाहिए। तभी यह आसन आपके शरीर को फायदा पहुँचाते हैं। सूर्य नमस्कार के 12 आसन के बारे में हमारे द्वारा आप सभी को नीचे विस्तार पूर्वक बताया जा रहा है। यह संपूर्ण जानकारी निम्न प्रकार है-

1.) प्रणाम आसन :-

 सबसे पहले आप सभी को प्रणाम आसन करना होता है। इसके लिए आप सब सबसे पहले सूर्य के सामने मुख करके खड़े हो जाएं, इसके बाद आपको अपने दोनों हाथों को आपस में जोड़ना होगा। फिर अपनी आंखों को बंद कर ले और सूर्य देवता का ध्यान करें। आप सभी को अपना ध्यान आज्ञा चक्र पर केंद्रित करना होगा। यह सूर्य नमस्कार आसन की पहली योग क्रिया होती है।

2.) हस्तउत्तानासन :- 

जैसे ही आप अपने आज्ञा चक्र पर ध्यान केंद्रित करते हैं। आपको सांस भरते हुए अपने दोनों हाथों को कानों की तरफ से हटाते हुए ऊपर की ओर उठाने होंगे। इसके बाद आपको अपनी कमर झुकाकर पीछे झुकते हुए सूर्य देव को प्रणाम करना होगा तथा आपको अपना ध्यान अपनी गर्दन के पीछे केंद्रित करना होगा।

यह हस्तउत्तानासन कहलाता है। जो व्यक्ति भी इस आसन को करता है, उसकी त्वचा और कमर से संबंधित रोग दूर होते हैं। साथ ही साथ आप सबकी पीठ को भी बहुत मजबूती मिलती है। इसे ही सूर्य नमस्कार आसन की दूसरी योग क्रिया कहते हैं।

3.) हस्तपाद आसान :-

इसके बाद आप सभी को सांस छोड़ते हुए अपने दोनों हाथों को कानों से हटाते हुए विपरीत दिशा में नीचे की ओर झुकना होगा तथा अपने पैरों के दाएं बाएं स्थान पर अपने हाथों को रखना होगा। ध्यान रहे आपको अपने घुटने सीधे रखने होंगे तथा अपने माथे को घुटने पर सटाए रखना होगा।

इसके पश्चात आपको अपनी नाभि पर ध्यान केंद्रित करना होगा तथा कुछ समय तक इसी प्रकार स्थिर रहना होगा। वह व्यक्ति जिन्हें कमर से संबंधित अधिक समस्या है, वह इस आसन को आवश्यक तौर पर करें। इसे ही सूर्य नमस्कार आसन की तीसरी योग क्रिया कहा जाता है। इस आसन का नाम हस्तपाद आसन है।

4.) अश्व संचालन आसन :-

अब ऐसी स्थिति में रहते हुए आपको सांसे भरनी होंगी तथा अपने दाएं पैर को पीछे की ओर लेकर जाना होगा। फिर आप अपनी गर्दन को पीछे झुकाएं, आप सभी का मेरुदंड सीधा और लंबा होना चाहिए। आप सभी को अपना ध्यान स्वाधिस्ठान पर केंद्रित करना होगा। इसके बाद आपको कुछ देर तक इसी अवस्था में रहना होगा। इस प्रकार के आसन को करने से व्यक्ति की जंघाओं में स्थित तनाव दूर होता है।

यह सूर्य नमस्कार आसन की चौथी योग क्रिया है। इस आसन को अश्व संचालन आसन के नाम से जानते हैं, परंतु ध्यान रहे जिस व्यक्ति को घुटनों तथा नितंबों में किसी प्रकार की कोई समस्या होती है। तो उसे ऐसी अवस्था में अश्व संचालन आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।

5.) दंडासन :-

अब आप सभी को सांस छोड़ते हुए अपने दाएं पैर को भी लेकर जाना होता है। अब आपको अपने बाएं पैर को एड़ी से मिलाना होगा। इसके बाद आपको अपने पूरे शरीर के खींचव का भार पैरों को देना होगा। इस अवस्था के दौरान आप सभी को अपने पैरों के तलवे जमीन पर लगाने होंगे तथा अपने नितंबों को अधिक से अधिक उठाना होगा।

साथ ही साथ आपको अपना ध्यान सहस्त्रार चक्र पर रखना होगा। यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार का आसन करता है, तो उसके श्वसन तंत्र को बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है। स्वास्थ्य रोगियों के लिए यह आसन एक बहुत ही लाभदायक आसन साबित होता है। इस आसन को दंडासन के नाम से जानते हैं, यह सूर्य नमस्कार की पांचवी योग क्रिया होती है।

6.) अष्टांग नमस्कार आसन :-

दंडासन के बाद आपको सांस भरते हुए अपने शरीर को जमीन के समांतर, सीधा साष्टांग, दंडवत करना होगा। सबसे पहले आपको अपने घुटने, छाती और माथे को जमीन पर लगाना होगा। आप लोगों को नितंबों को जमीन से ऊपर की ओर उठा कर रखना होगा। इसके बाद आपको धीरे-धीरे सांस छोड़ने होगी तथा अपने ध्यान को अन्हार चक्र पर केंद्रित करना होगा।

अब आप लोग अपने आपको सामान्य रख सकते हैं। इस आसन को अष्टांग नमस्कार आसन कहते हैं। अष्टांग नमस्कार आसन करने से इंद्रियों में व्याप्त चंचलता दूर होती है। साथ ही साथ मन को बहुत शांति प्राप्त होती है। इसे सूर्य नमस्कार की छठी योग क्रिया कहते हैं।

7.) भुजंग आसान :-

स्थान नमस्कार आसन करने के पश्चात आप सभी को भुजंग आसान करना होता है। इस आसन में आपको धीरे-धीरे सांस भरते हुए अपनी छाती को आगे की ओर खींचना होगा तथा अपने हाथों को जमीन से सीधा खड़ा करना होगा। इसके बाद आपको अपनी गर्दन पीछे की ओर झुका कर अपनी कमर को जमीन से सटाएं रखनी होगी।

आप लोगों को कुछ समय तक इसी अवस्था में स्थिर रहना होगा। इस आसन को रोज करने से सीना चौड़ा होता है। साथ ही साथ पेट की चर्बी कम होती है। जिससे आपका वजन भी कम बढ़ता है। इसे आप सब लोग चेस्ट बढ़ाने की एक्सरसाइज भी कह सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति इस आसन को रोजाना करता है, तो उसका शरीर सुंदर और कांतिमय बनता है। भुजंग आसान सूर्य नमस्कार की सातवीं योग क्रिया होती है।

8.) पर्वत आसान :-

अब आपको धीरे-धीरे सांस को छोड़ते हुए अपनी कमर को ऊपर की ओर खींचना होगा। आपके दोनों हाथ और दोनों पैर जमीन से सीधे सटे होने चाहिए। यदि आप लोग यह आसन कर रहे हैं, तो आपको ध्यान देना होगा कि आपके पैर के तलवे भूमि को पूरा छुए। यह पूरा आकार आपको एक पर्वत की तरह दिखाई देगा। इसीलिए इसे पर्वता आसन कहते हैं।

इसके बाद आपको अपनी गर्दन नीचे की ओर झुकानी होगी और इसी अवस्था में स्थिर रहना होगा। साथ ही आपका पूरा ध्यान संस्कार चक्र पर होना चाहिए। इस आसन को करने के पश्चात आपकी पीठ और पसलियां पूरी तरह मजबूत हो जाती है। इस आसन को करने से व्यक्ति के फेफड़े मजबूत होते हैं। साथ ही स्वास स्वास्थ्य संबंधित बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है। पर्वत आसन सूर्य नमस्कार की आठवीं योग क्रिया है।

9.) अश्व संचालन आसन :-

इसके बाद आप सबको धीरे-धीरे सांस भरते हुए अपने बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाना होगा तथा अपनी छाती को आगे की ओर खींचना होगा। साथ ही आप लोग अपनी गर्दन पीछे की ओर छुपाएं, कुछ समय तक इसी अवस्था में स्थिर रहते हुए आपको अपना ध्यान स्वाधिष्ठान पर केंद्रित करना होगा। यह आसन सूर्य नमस्कार के चौथे आसन अश्व संचालन आसन की पुनरावृत्ति होती है।

10.) हस्त पाद आसान :-

अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए, आप लोगों को आगे की ओर झुकना होगा। साथ ही आपको अपने दोनों हाथों को अपने पैरों के दाएं बाएं में रखना होगा। इसमें आपका माथा आपके घुटने से लगा होना चाहिए। इस प्रकार आपको कुछ देर इसी अवस्था में ठहरना होगा। साथ ही अपने नाभि पर अपना ध्यान एकटक करना होगा। यह हस्त पादासन होता है। जो कि सूर्य नमस्कार के तीसरे आसन की पुनरावृति है।

11.) हस्तउत्तानासन :-

इसके बाद आप सभी को सांस भरते हुए अपने दोनों हाथों को अपने काम से हटाते हुए ऊपर की ओर रखना होगा। इसके बाद आपको अपनी कमर पीछे झुकाते हुए प्रणाम करना होगा। साथ ही अपने ध्यान को गर्दन के पीछे केंद्रित करना होगा। हस्तउत्तानासन सूर्य नमस्कार के दूसरे आसन की पुनरावृत्ति होती है।

12.) प्रणाम आसन :-

अब आपको सूर्य की ओर मुख करके सीधा खड़ा होना होगा और अपने दोनों हाथों को एक साथ जोड़ना होगा। इसके बाद आपको अपनी आंखें बंद करके सूर्य देव का ध्यान करना होगा। पुनः आपको अपना ध्यान आज्ञा चक्र पर केंद्रित रखना होगा। यह प्रणाम आसन होता है। यह काफी हद तक ताड़ासन से मिलता-जुलता है, जो की हाइट बढ़ाने का आसन होता है। प्रणाम आसन सूर्य नमस्कार के पहले आसन की पुनरावृत्ति होता है।

सूर्य नमस्कार के चमत्कारी फायदे? (Benefits of surya namaskar?)

सूर्य नमस्कार करते समय हम सभी को 12 आसन करने होते हैं। जो हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। साथ ही साथ हमारी मानसिक स्थिति को भी बेहतर करते हैं। यदि आप सब लोग जानना चाहते हैं कि सूर्य नमस्कार के और भी कितने चमत्कारी फायदे हैं, तो हमारे द्वारा आप सभी को नीचे Surya namaskar ke chamatkari fayde? इसके बारे में बताया जा रहा है। यह संपूर्ण चमत्कारी फायदों की जानकारी निम्न प्रकार दी गई है-

  • सूर्य नमस्कार करने से व्यक्ति का शरीर पूरी तरह से ऊर्जा से भर जाता है और हमारे शरीर में चुस्ती और फुर्ती भर जाती है।
  • जो व्यक्ति रोजाना सूर्य नमस्कार करता है। उसके शरीर में लचीलापन बढ़ता है।
  • सूर्य नमस्कार करने से व्यक्ति का दिमाग तेज होता है। साथ ही तनाव भी बहुत कम होता है तथा व्यक्ति के मन की शांति में वृद्धि होती है।
  • जो व्यक्ति सूर्य नमस्कार करता है। यदि उसे कमर दर्द से संबंधित समस्या है, तो उसे इस समस्या में बहुत राहत प्राप्त होती है। इसीलिए कहा जाता है, जिन व्यक्तियों को कमर दर्द और जोड़ों से संबंधित समस्या हो। उन्हें सूर्य नमस्कार आवश्यक तौर पर करना चाहिए।
  • जो व्यक्ति सूर्य नमस्कार करता है, उसके त्वचा की चमक व चेहरे का तेज बढ़ता है।
  • सुबह सुबह सूर्य नमस्कार करने से मानव शरीर में विटामिन डी की मात्रा बढ़ती है। जिससे हड्डियां मजबूत होती है।
  • यदि कोई व्यक्ति शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ाना चाहता है, तो उसे सुबह-सुबह आवश्यक तौर पर सूर्य नमस्कार करना चाहिए क्योंकि इससे हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है।
  • यदि कोई व्यक्ति सूर्य नमस्कार करता है, तो उसका पाचन तंत्र बहुत मजबूत होता है। जिससे कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याएं समाप्त होती है।
  • जो व्यक्ति रोजाना सूर्य नमस्कार करता है। उसकी आंखों की रोशनी में वृद्धि होती है।
  • यदि कोई व्यक्ति डायबिटीज का मरीज है, तो उसे सूर्य नमस्कार करना चाहिए क्योंकि सूर्य नमस्कार के आसन डायबिटीज के मरीज के लिए बेहद लाभदायक साबित होते हैं।
  • सूर्य नमस्कार करने से व्यक्ति का ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
  • सूर्य नमस्कार करने से व्यक्ति के बालों का झड़ना रुक जाता है अर्थात हम कह सकते हैं कि बालों के स्वास्थ्य हेतु सूर्य नमस्कार बेहद फायदेमंद है।
  • यदि ऊपर दिए गए संपूर्ण फायदे कोई व्यक्ति प्राप्त करना चाहता है, तो उसे रोजाना सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार करना चाहिए।

सूर्य नमस्कार करने से पहले ध्यान रखने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें – (Some Important things to keep in mind before doing surya namaskar?)

दोस्तों, सूर्य नमस्कार करने के लिए आपको कुछ नियम फॉलो करने होंगे। आप किसी भी प्रकार से सूर्य नमस्कार नहीं कर सकते हैं। यदि आप सूर्य नमस्कार करने से पहले कुछ बातों पर ध्यान रखते हैं, तो आवश्यक ही सूर्य नमस्कार के आसन आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होंगे। हमारे द्वारा आप सभी को नीचे Some inportant things to keep in mind before doing surya namaskar? के बारे में विस्तार पूर्वक बताया जा रहा है। यह जानकारी निम्न प्रकार से दी गई है-

  • सूर्य नमस्कार करने का सबसे अच्छा समय आप सभी के लिए सुबह सूर्योदय का समय होता है। पर यदि आप चाहें तो आप सूर्य नमस्कार को शाम में भी कर सकते हैं।
  • ध्यान रहे कि सूर्य नमस्कार करते समय व्यक्ति का पेट बिल्कुल खाली होना चाहिए। यानी कि व्यक्ति ने सूर्य नमस्कार करने से 4 घंटे पहले तक कुछ भी ना खाया हो।
  • सूर्य नमस्कार करने के लिए आपको खुला स्थान देखना होगा। जहां पर आपको ऑक्सीजन अधिक से अधिक मात्रा में प्राप्त हो सके। आप चाहे तो इसे किसी ग्राउंड, फील्ड या फिर अपनी छत पर कर सकते हैं।
  • यदि आप लोग एक स्वस्थ शरीर प्राप्त करना चाहते हैं। तो आपको अपने दिन की शुरुआत सूर्य नमस्कार से करनी चाहिए।

सूर्य नमस्कार कैसे करें और सूर्य नमस्कार के फायदे इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs)

Q:- 1.  सूर्य नमस्कार क्या होता है?

Ans:- 1. भारत में सूर्य नमस्कार सदियों से योग गुरु के द्वारा सिखाया जा रहा है। सूर्य नमस्कार के अंतर्गत होने वाले आसनों के समूह को ही सूर्य नमस्कार कहते हैं।

Q:- 2. सूर्य नमस्कार में कितने आसन होते है?

Ans:- 2. दोस्तों, सूर्य नमस्कार के समय पर प्रत्येक व्यक्ति 12 आसन करता है। इन 12 आसनों को करने से ही उसे योगासन से मिलने वाले संपूर्ण फायदे प्राप्त होते हैं।

Q:- 3. सूर्य नमस्कार करते समय क्या करना चाहिए?

Ans:- 3. सूर्य नमस्कार करने से पहले व्यक्ति को खाली पेट रखना चाहिए। यानी कि सूर्य नमस्कार करने से 4 घंटे पहले तक व्यक्ति कुछ ना खाया हो। तभी सूर्य नमस्कार के शारीरिक तथा मानसिक फायदे व्यक्ति को प्राप्त होते हैं।

Q:- 4. सूर्य नमस्कार के कितने फायदे है?

Ans:- 4. सूर्य नमस्कार के व्यक्ति को विभिन्न फायदे जैसे:- कमर दर्द से राहत, घुटनों के दर्द से राहत, चेहरे पर चमक, मानसिक शांति, शरीर में लचीलापन, पेट दर्द में राहत और गर्दन दर्द में राहत आदि प्राप्त होते हैं। साथ ही साथ सूर्य नमस्कार से दिमाग चुस्त और दुरुस्त होता है।

Q:- 5. सूर्य नमस्कार कब और किस जगह करना चाहिए?

Ans:- 5. जो भी व्यक्ति सूर्य नमस्कार करने का इच्छुक होता है। उससे सूर्य नमस्कार सुबह सूर्योदय के समय करना चाहिए। यदि आप चाहें तो शाम के समय भी सूर्य नमस्कार कर सकते हैं। सूर्य नमस्कार करने के लिए आपको किसी खाली जगह की आवश्यकता होगी। जैसे:- फील्ड, घर की छत और गार्डन आदि। जहां से आपको सूर्य साफ दिखाई पड़े।

Q:- 6. सूर्य नमस्कार की कुछ महत्वपूर्ण बातें को सी है?

Ans:- 6. सूर्य नमस्कार करने से पहले आपको सूर्य नमस्कार से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातों की जानकारी आवश्यक तौर पर रखनी होगी। यदि आप जानना चाहते हैं कि सूर्य नमस्कार की महत्वपूर्ण बातें को सी है? इसलिए हमने आपको इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है।

निष्कर्ष (Conclusion):- आज हमारे द्वारा आप सभी को इस आर्टिकल के माध्यम से Surya namaskar kaise kare? इसके बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई है। यदि कोई व्यक्ति योग करने का इच्छुक है तथा सूर्य नमस्कार के आसनों को करना चाहता है, तो उसे इससे संबंधित जानकारी होनी चाहिए। हमारे इसमें आप सभी को इसकी संपूर्ण जानकारी दी गई है। इसीलिए यह लेख आप सभी के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा।

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आप सभी को बेहद पसंद आई होगी। यदि आपको सूर्य नमस्कार से संबंधित कोई भी जानकारी साझा करनी हो। तो आप हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर अवश्य बता सकते हैं। साथ ही इस लेख को अपने सभी जरूरतमंद दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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