विधेयक किसे कहते हैं? अर्थ परिभाषा व प्रकार

दोस्तों, विधेयक के बारे में कौन नहीं जानता है, परंतु विधेयक से संबंधित संपूर्ण जानकारी को प्राप्त करना एक बहुत बड़ी बात होती है क्योंकि अक्सर लोग इस विषय में अपनी दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं, परंतु जो लोग इस बारे में जानकारी हासिल करते हैं। वह अपने देश के संविधान को समझने लगते हैं। इसीलिए यदि आप लोग भी विधेयक से संबंधित जानकारी हासिल करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा आप सभी को इस लेख में What is the bill? Who presents the bill in the parliament? Types of bill? आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है।

दोस्तों, विधेयक की सहायता से ही हम किसी भी कानून को लाने में सक्षम होते हैं, परंतु यह कार्य कैसे होता है? और इस कार्य को किस प्रकार किया जाता है? इसके बारे में आपको जब तक नहीं पता होगा। तब तक आप विधायक के बारे में अपनी राय नहीं रख सकते हैं। इसीलिए सबसे पहले आपको विधेयक से संबंधित जानकारी को हासिल करना होगा। इसीलिए हमारे द्वारा आप सभी को यहां Vidheyak kya hota hai? Vidheyak ka arth kya hota hai? Vidheyak ke prakar? आदि के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। इससे संबंधित अधिक जानकारी को प्राप्त करने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

विधेयक किसे कहते हैं? (What is a bill?)

दोस्तों, जो लोग विधेयक के बारे में कोई भी जानकारी नहीं रखते हैं। उन्हीं लोगों को हमारे द्वारा सबसे पहले What is a bill? के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है। दोस्तों, विधेयक को इंग्लिश में बिल के नाम से जाना जाता है। जिसे संसद के अंतर्गत कानून बनाने के लिए प्रस्तावित किया जाता है। बिल को संसद में लाने का कोई ना कोई खास उद्देश्य अवश्य ही होता है। अर्थात देश के हित के लिए यदि कोई नया कानून बनाया जाता है, तो विधायक को लाना आवश्यक होता है।

विधेयक किसे कहते हैं अर्थ परिभाषा व प्रकार

यदि सरकार किसी पुराने कानून के अंतर्गत आवश्यकता के अनुसार संशोधन करना चाहती है, तो इसके लिए भी बिल की बहुत अधिक भूमिका होती है। जैसे कि आरटीआई संशोधन बिल और तलाक बिल। किसी भी नए कानून को बनाने तथा पुराने कानून के बदलाव हेतु सरकार द्वारा लिए गए प्राथमिक चरण को अधिनियम कहा जाता है। विधेयक को प्रस्ताव के रूप में ही समझा जाता है।

दोस्तों, विधेयक एक प्रकार का प्रस्ताव होता है। जिसे कानून का स्वरूप दिया जाता है, परंतु प्रत्येक विधेयक को कानून बनाने हेतु दोनों संसद के सदनों क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा से पारित होना होता है। जिसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के तत्पश्चात ही एक विधेयक कानून बन जाता है। इस प्रकार ही हमारे देश की सरकार किसी भी कानून को बनाती है और लोगों के बीच पारित करती है।

विधेयक को संसद में कौन पेश करता है? (Who presents the bill in the parliament?)

दोस्तों, अब आप लोगों के मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि यदि विधेयक को संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाता है, तो यह कार्य किसके द्वारा होता है। अर्थात संसद में विधेयक को कौन पेश करता है? तो हमारे द्वारा आप सभी को यहां इसके बारे में बताया जा रहा है।

दोस्तों, विधेयक को संसद में सरकारी सदस्यों और गैर सरकारी सदस्यों दोनों के द्वारा ही पेश किया जाता है। दोस्तों, सरकारी सदस्य संसद के उन सदस्यों को कहा जाता है, जो केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री होते हैं तथा गैर सरकारी सदस्य उन सदस्यों को कहा जाता है, जो केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं होते हैं।

विधेयक कितने प्रकार के होते हैं? (Types of bill?)

दोस्तों, विधेयक एक प्रकार का प्रारूप संविधि है, जो संसद के दोनों सदनों में पारित होने के तत्पश्चात राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद एक कानून का रूप ले लेता है, परंतु विधेयक अलग-अलग प्रकार के होते हैं। जिन्हें विधेयक के प्रकार के नाम से भी जाना जाता है। यदि आप लोगों को विधेयक के प्रकार की जानकारी नहीं है, तो हमारे द्वारा आप सभी को नीचे Types of bill? के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। यह संपूर्ण जानकारी निम्न प्रकार है-

  • सरकारी विधेयक (Government bill)
  • गैर सरकारी विधेयक (Non-government)

1. सरकारी विधेयक (Government bill) :- 

दोस्तों, भारत के दोनों सदनों में विधायी प्रक्रिया एक समान होती है। प्रत्येक विधेयक को संसद के दोनों सदनों में पास करने की प्रक्रिया भी एक सी है। दोस्तों, सरकारी विधेयक उस विधेयक को कहते हैं, जिसे संसद के अंतर्गत केवल एक मंत्री के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। जो सरकार की नीतियों को प्रदर्शित करता है। 

संसद के द्वारा इस विधेयक के पास होने की पूरी उम्मीद होती है। संसद के द्वारा सरकारी विधेयक यदि अस्वीकृत हो जाता है, तो सरकार को इस्तीफा भी देना पड़ सकता है। दोस्तों, सरकारी विधेयक को संसद में पेश होने के लिए 7 दोनों का नोटिस चाहिए होता है। साथ ही साथ इस विधेयक को संबंधित विभाग के द्वारा विधि विभाग के परामर्श के साथ तैयार किया जाता है।

2. गैर सरकारी विधेयक (Non-government bill)

दोस्तों, गैर सरकारी विधेयक वह विधायक होता है। जिसको संसद के किसी भी सदस्य के द्वारा पेश किया जाता है। गैर सरकारी विधेयक को एक कानून या नियम के लिए प्रस्तावित किया जाता है, जो किसी खास व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह या निगम पर लागू होता है। इस विधेयक की संसद में पारित होने की उम्मीद कम होती है।

यदि गैर सरकारी विधेयक अस्वीकृत कर दिया जाता है, तो सरकार पर इसका कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है। गैर सरकारी विधेयक को संसद में पेश होने के लिए एक महीने का नोटिस होना आवश्यक होता है। गैर सरकारी विधेयक के निर्माण इस विधेयक से संबंधित सदस्यों की जिम्मेदारी होती है।

विधेयक कैसे पास होता है? (How does a bill pass?)

दोस्तों, यदि आप लोग जानना चाहते हैं कि विधेयक कैसे पास होता है, तो हमारे द्वारा यहां आपको How does a bill pass? के बारे में बताया जा रहा है। दोस्तों, सबसे पहले विधेयक केंद्रीय मंत्रिमंडल के अंतर्गत जाता है। सरकार के सभी मंत्री इस पर मीटिंग करते हैं। इसके अंतर्गत दूसरी पार्टी का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं होता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल के सभी व्यक्तियों के द्वारा इस पर बहस की जाती है। इसके बाद कैबिनेट में इस पर वोटिंग होती है, फिर बिल तैयार हो जाता है।

1. लोकसभा (Loksabha):- 

इसके तत्पश्चात बिल लोकसभा के अंतर्गत पेश किया जाता है। लोकसभा के अंतर्गत इस बिल पर बहुत बहस की जाती है। कई बार इस पर यह सोचकर बहस नहीं होती है की बिल राष्ट्रहित में है, परंतु बहुत से बिल ऐसे होते हैं। जिस पर जमकर बहस होती है। अर्थात काफी विरोध होता है। लोकसभा के अंतर्गत बिल पर उसकी खूबियों और खामियों पर बहस होती है। इसमें कैबिनेट के कई मंत्री नहीं बोलते हैं, क्योंकि उनकी सरकार होती है और उनके द्वारा सरकार का विरोध नहीं किया जाता है। 

दोस्तों, बिल पर विपक्ष पार्टियों के द्वारा विभिन्न प्रकार के आरोप भी लगाए जाते हैं। जैसे कि बिल नागरिकता विरोधी है, संविधान की मूल भावना के खिलाफ है आदि। इन सब बहस से उत्पन्न होने वाले सवालों से सरकार अपने बिल को बचाने का पूर्ण प्रयास करती है तथा अपने तर्क सबके सामने प्रस्तुत करती है। इसके पश्चात बिल पर वोटिंग की जाती है। वोटिंग में जिस व्यक्ति के पास लोकसभा का बहुमत होता है, उस व्यक्ति की भूमिका बिल को पास या फेल करने में बहुत अधिक होती है।

2. राज्यसभा (Rajyasabha):- 

दोस्तों, जैसे ही बिल लोकसभा से पास होता है। यह संसद के दूसरे सदन अर्थात राज्यसभा में पेश किया जाता है। बिल के कानून बनने से पहले राज्यसभा में पेश होना एक जरूरी पड़ाव होता है। राज्यसभा के अंतर्गत विभिन्न राज्यों से चयनित होकर आए राज्यसभा सांसद होते हैं। राज्यसभा के अंतर्गत लोकसभा से पास होकर जो बिल आता है, उस पर पुनः वोटिंग की जाती है। यदि इस पर बहुमत सिद्ध हो जाता है, तो बिल को पास कर दिया जाता है।

बिल की वोटिंग पर बहुमत प्राप्त करने के लिए सरकार के द्वारा बहुत मेहनत की जाती है क्योंकि बिल पास करने के लिए सरकार को विपक्षी सांसदों को मनाना होता है। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि बिल को पास करने के लिए राज्यसभा सांसद विपक्षियों के द्वारा विभिन्न शर्तें रख दी जाती हैं और शर्तें करने के बाद ही उनके द्वारा बिल पर वोटिंग की जाती है। इस प्रकार बहुत ही मुश्किलों से राज्यसभा से बिल पास होता है।

3. राष्ट्रपति (president):- 

दोस्तों, जब बिल लोकसभा और राज्यसभा से पास हो जाता है। तब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है। राष्ट्रपति के द्वारा संसद के दोनों सदनों से पास होकर आए बिल पर मुहर लगा दी जाती है। इस प्रकार एक बिल कानून बन जाता है। जैसे ही इस बिल पर राष्ट्रपति की मुहर लगती है, तब इस कानून को बिल नहीं कहते हैं। बल्कि इसे “एक्ट” कहने लगते हैं।

विधायक किसे कहते हैं? अर्थ, परिभाषा व प्रकार? इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs):- 

Q:- 1. विधेयक किसे कहते हैं? 

Ans:- 1. दोस्तों, जिसे संसद में कानून बनाने के लिए प्रस्तावित किया जाता है, उसे विधायक कहते हैं। इसे किसी खास उद्देश्य के लिए लाया जाता है। दोस्तों, यदि सरकार के द्वारा देश के हित में किसी कानून को बनाया जाता है या फिर किसी पुराने कानून में आवश्यकतानुसार कोई बदलाव किया जाता है, तो उसके लिए बिल बनाया जाता है। जैसे:- आरटीआई संशोधन बिल, तीन तलाक बिल आदि।

Q:- 2. विधेयक कितने प्रकार के होते हैं?

Ans:- 2. दोस्तों, भारत में विधेयकों की दो श्रेणियां होती हैं। सरकारी विधेयक तथा गैर-सरकारी विधेयक। दोस्तों, सरकारी विधेयक भी दो प्रकार के होते हैं- साधारण विधेयक तथा धन विधेयक। इनमें से धन विधेयक को छोड़कर अन्य विधेयक साधारण विधेयक ही कहे जाते हैं। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 110 धन विधेयक से संबंधित है।

Q:- 3. सरकारी विधेयक क्या होता है?

Ans:- 3. दोस्तों, सरकारी विधेयक वह विधेयक होता है। जिसे सरकार के द्वारा बनाया जाता है और इसे दोनों सदनों में मंत्री के द्वारा पेश किया जाता है। इस बिल के माध्यम से सरकारी नीतियों का पता चलता है, संसद के द्वारा इस विधेयक के पास होने की पूरी उम्मीद होती है। इस विधेयक को राष्ट्रीय हित के लिए पेश किया जाता है।

Q:- 4. गैर सरकारी विधेयक किसके द्वारा पास किया जाता है?

Ans:- 4. दोस्तों, गैर सरकारी विधेयक वह विधायक होता है। जिसे संसद के अंतर्गत मंत्री के अलावा किसी भी सदस्य के द्वारा पेश किया जा सकता है। इस विधेयक की संसद में पास होने की उम्मीद बहुत कम होती है। इसकी अस्वीकृति पर सरकार को कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है।

Q:- 5. विधेयक कैसे पास होता है?

Ans:- 5. दोस्तों, जैसे कि हमने आपके ऊपर बताया है कि विधेयक को पास होने के लिए सबसे पहले लोकसभा फिर राज्यसभा और फिर राष्ट्रपति की मंजूरी की आवश्यकता होती है। यदि आप इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा ऊपर लेख में How does a bill pass? के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है।

Q:- 6. विधेयक कानून कैसे बनता है?

Ans:- 6. दोस्तों, जैसे ही बिल लोकसभा और राज्यसभा के द्वारा पास कर दिया जाता है। वैसे ही वह राष्ट्रपति के पास चला जाता है। राष्ट्रपति के द्वारा उस बिल पर मुहर लगाई जाती है। जिसके बाद उस विधेयक को बिल नहीं कहा जाता है, वह एक कानून बन जाता है और उसे एक्ट कहा जाने लगता है। इस प्रकार एक विधेयक कानून बनता है।

Q:- 7. विधेयक को संसद में किसके द्वारा प्रस्तावित किया जाता है?

Ans:- 7. दोस्तों, विधेयक को संसद में सरकारी सदस्य और गैर सरकारी सदस्य दोनों के द्वारा ही पेश किया जाता है। सरकारी सदस्य उन्हें कहा जाता है, जो केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री होते हैं तथा गैर-सरकारी सदस्य उन सदस्यों को कहा जाता है। जो केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं होते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):- दोस्तों, आज हमारे द्वारा आप सभी को इस लेख के अंतर्गत Vidheyak kya hota hai? Vidheyak kiske dwara pesh kiya jata hai? Vidheyak kr prakar? आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है। ऐसे बहुत से लोग हैं, जो विधेयक से संबंधित जानकारी नहीं रखते है और जिन्हें नहीं पता होता कि हमारे देश में कानून कैसे बनाए जाते हैं? तो हमारा यह लेख उन सभी के लिए बेहद फायदेमंद साबित रहा होगा। हम उम्मीद करते हैं कि आप सभी को हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो, तो आप हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताइए। साथ ही इस लेख को अपने सभी जरूरतमंद दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ शेयर करना ना भूले। तथा ऐसी ही जानकारी के साथ हमारी वेबसाइट के साथ जुड़े रहिए।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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